तनाव के साए में फिसला कदम... फिरोजपुर बॉर्डर पर BSF जवान ने गलती से पार किया जीरो लाइन, पाक रेंजर्स ने दबोचा
पंजाब के फिरोजपुर में बीएसएफ का एक जवान गलती से भारत-पाकिस्तान की जीरो लाइन पार कर गया, जिसे पाकिस्तानी रेंजर्स ने हिरासत में ले लिया। जवान उस समय किसानों की सुरक्षा में तैनात था। फिलहाल दोनों देशों के बीच फ्लैग मीटिंग जारी है और जवान की वापसी की कोशिशें हो रही हैं। पहलगाम आतंकी हमले के बाद पहले से तनावपूर्ण माहौल में यह घटना चिंता का विषय बनी हुई है।

पंजाब के फिरोजपुर जिले में एक बीएसएफ जवान गलती से जीरो लाइन पार कर गया, जिसे पाकिस्तानी रेंजर्स ने पकड़ लिया. यह जवान उस समय खेतों में फसल काटते किसानों की निगरानी कर रहा था. भारत-पाक बॉर्डर पर कुछ खास इलाकों में किसानों को विशेष अनुमति से खेती करने की छूट होती है और बीएसएफ के जवान उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करते हैं. दुर्भाग्यवश इसी दौरान यह चूक हो गई.
घटना ऐसे समय पर हुई है जब भारत और पाकिस्तान के बीच पहले से ही तनावपूर्ण माहौल बना हुआ है. जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हाल ही में हुए आतंकी हमले में 28 लोगों की जान चली गई और कई घायल हुए. इस हमले के बाद भारत सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ सख्त रुख अपनाया है. इसी पृष्ठभूमि में बीएसएफ जवान के पाकिस्तान सीमा में चले जाने की खबर ने प्रशासन की चिंता और बढ़ा दी है.
फ्लैग मीटिंग हुई शुरू
जवान की गिरफ्तारी के बाद बीएसएफ और पाकिस्तानी रेंजर्स के बीच फ्लैग मीटिंग का दौर शुरू हो गया. यह संवाद चैनल तनाव के बीच एक उम्मीद की किरण की तरह है, जो यह संकेत देता है कि जमीनी स्तर पर संवाद अब भी संभव है. बीएसएफ अधिकारियों ने तुरंत मौके पर पहुंचकर कार्रवाई शुरू की और जवान की सुरक्षित वापसी के प्रयास तेज कर दिए.
सुरक्षित लाने के लिए चल रही पहल
इस घटना की संवेदनशीलता को देखते हुए बीएसएफ ने अब तक कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है. लेकिन सीमा पर चल रही बातचीत से उम्मीद की जा रही है कि जवान को सुरक्षित भारत लाया जा सकेगा. इस बीच सरकार भी पूरे मामले पर नज़र बनाए हुए है और हर स्थिति का जायज़ा ले रही है.
जवान करते हैं कठिन ड्यूटी
घटना सिर्फ एक गलती नहीं, बल्कि सीमा पर तैनात जवानों की कठिन ड्यूटी का एक उदाहरण भी है. खेतों की निगरानी करते हुए, बिना किसी उकसावे के बॉर्डर पार चले जाना दर्शाता है कि सीमा क्षेत्र में कितनी सावधानी और संयम की जरूरत होती है. इस प्रकरण से यह भी स्पष्ट होता है कि दोनों देशों के बीच भरोसे और संवाद बनाए रखना कितना जरूरी है, खासकर जब राजनीतिक स्तर पर हालात कठिन हों.