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MP का एक और धाकड़ नेता अतुल चौरसिया कौन? होटल की आड़ में चलाता था जिस्म का धंधा! किन्नर का भी ट्विस्ट

मध्य प्रदेश के जबलपुर में बीजेपी के पूर्व मंडल अध्यक्ष अतुल चौरसिया को पुलिस ने एक संगठित सेक्स रैकेट चलाने के आरोप में गिरफ्तार किया है. उसके साथ इस रैकेट को शीतल दुबे नाम का एक व्यक्ति (जो खुद को किन्नर बताता है) ऑपरेट कर रहा था, जो अभी फरार है.

MP का एक और धाकड़ नेता अतुल चौरसिया कौन? होटल की आड़ में चलाता था जिस्म का धंधा! किन्नर का भी ट्विस्ट
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सागर द्विवेदी
By: सागर द्विवेदी

Updated on: 3 Jun 2025 4:26 PM IST

Who is Atul Chaurasia; मध्य प्रदेश की राजनीति में मनोहर लाल धाकड़ के बाद न आए दिन भाजपा नेता के चर्चे सामने आ रहे हैं बीते दिन भाजपा नेता अतुल चौरासिया नाम एक सामने आया है जो कि भाजपा नेता बताया जा रहा है कि हालांकि उनके इस कांड को जानते हैं भाजपा ने पार्टी से बाहर कर दिया है और वह पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया है. वहीं उनको लेकर खबर बताई जा रहा है कि असम से लड़कियों को बुलाकर उनके साथ देह व्यापार का धंधा करते हैं बीते दिन एक 33 साल की लड़की ने आरोप लगाते हुए कहा कि ये भाजपा का नेता 2 साल से मेरे जिस्म को बेंच रहा है. अब आइए इस धाकड़ अतुल चौरासिया के बारे में जानते हैं...

सियासी चोले के पीछे छिपे गंदे खेल का पर्दाफाश हुआ, जब एक नामी बीजेपी पूर्व नेता अतुल चौरसिया को एक हाई-प्रोफाइल सेक्स रैकेट में रंगे हाथों पकड़ा गया. होटल की उस कोठी जैसे कमरे से जब पुलिस ने दबिश मारी, तो सामने जो निकला वो सिर्फ जिस्म नहीं, पार्टी की साख थी, वो भी अर्धनग्न अवस्था में.

जिस्मभरोसी का धंधा करने वाले अतुल चौरासिया कौन?

अतुल चौरसिया, जो कभी बीजेपी के मंडल अध्यक्ष रह चुके थे, आज सोशल मीडिया पर वायरल वीडियोज़ और तस्वीरों के ज़रिए जनता की अदालत में नंगा खड़ा है. चेहरे पर नकाब नहीं, और जुर्म पर कोई शर्म नहीं. पार्टी को जब होश आया तो उन्होंने भी फौरन ‘डैमेज कंट्रोल’ मोड ऑन कर दिया. प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा के निर्देश पर जिला अध्यक्ष रत्नेश सोनकर ने चौरसिया को पार्टी से तत्काल प्रभाव से निकाल फेंका. और वो भी एक प्रेस रिलीज़ के ज़रिए- जिसमें लिखा गया कि “इससे पार्टी की छवि धूमिल हुई है.'

अतुल चौरासिया मामले पर किसने क्या कहा?

रत्नेश सोनकर के मुताबिक, 'चौरसिया का ये कृत्य न सिर्फ अपराध की श्रेणी में आता है बल्कि अनुशासनहीनता की सारी हदें पार करता है. इसलिए संगठन ने उसे प्राथमिक सदस्यता से बाहर कर दिया है. मगर लोग पूछ रहे हैं- क्या ये पहला मामला है? या फिर पर्दे के पीछे कई चौरसिया अभी भी ‘मंडली’ चला रहे हैं? बीजेपी ने उसे बाहर कर दिया, मगर जनता को अब जवाब चाहिए कि ऐसे लोग आखिर पार्टी के भीतर तक पहुंचे कैसे? क्या वो सिर्फ नेताओं के चमचे थे, या वोटबैंक की पॉलिटिक्स में गंदगी का हिस्सा?

कहानी शुरू होती है एक होटल से, जहां दरवाजे बंद थे... पर अंदर की हैवानियत खुली थी. जबलपुर की चमकती सड़कों के बीच एक होटल-नाम 'अतिथि'. बाहर से देखो, तो सम्मान का ठिकाना, अंदर झांको तो शर्म का बाज़ार! इसी होटल से चला रहा था बीजेपी का पूर्व मंडल अध्यक्ष अतुल चौरसिया एक संगठित सेक्स रैकेट. और उसका बिजनेस पार्टनर? एक रहस्यमय चेहरा-शीतल दुबे, जो खुद को किन्नर बताता है, लेकिन उसकी असली पहचान 'सप्लाई चेन मैनेजर ऑफ डार्क वर्ल्ड' थी.

कैसे चलता था ये गंदा खेल?

शीतल दुबे की जिम्मेदारी थी—लड़कियों की 'भर्ती', 'प्रशिक्षण', 'सौदेबाज़ी' और 'डिलीवरी', रसूखदारों को लड़कियां भेजना, VIP कमरों में सौदे करना, और सब कुछ ऐसे मैनेज करना कि रिकॉर्ड में कुछ ना आए. पुलिस की टीम उसकी तलाश में नरसिंहपुर, डिंडोरी, मंडला और भोपाल तक ताबड़तोड़ छापेमारी कर रही है, लेकिन शीतल अब तक गायब है-मानो ज़मीन निगल गई हो या सत्ता ने बचा लिया हो.

असम से आई लड़की ने खोली पोल

पूरा मामला तूल तब पकड़ा जब असम की एक लड़की ने सामने आकर अपना दर्द बयान किया. 2 साल पहले मनीषा नाम की महिला ने उसे नौकरी का झांसा देकर जबलपुर बुलाया. फिर वही क्लासिक ट्रैप-होटल में रुकवाया गया, और धीरे-धीरे देह व्यापार की दुनिया में धकेल दिया गया. पीड़िता के मुताबिक, “हर रात नई गाड़ियां आती थीं, लड़कियां VIP कमरों में जाती थीं. सुबह सब गायब. ना कोई नाम, ना पहचान, बस अंधेरा और खौफ.'

कहां-कहां से लाई जाती थीं लड़कियां?

कोलकाता, असम, झारखंड और छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों से लड़कियों की सप्लाई होती थी. उन्हें बंधुआ मजदूर जैसा रखा जाता था, और हर रात 3 से 10 हजार तक में ‘बेचा’ जाता था. लड़की को मिलता था सिर्फ 500 से 1000 रुपए, बाकी पैसा होटल मालिक, दलाल, और नेताओं की जेब में.

अतुल चौरसिया की गिरफ़्तारी और बीजेपी की 'साफ-सफाई'

पुलिस ने जब छापा मारा, तो अतुल चौरसिया अर्धनग्न हालत में पकड़ा गया. मगर गिरफ़्तारी से पहले उसने फेसबुक पर मासूम बनने का नाटक किया, बोला कि महिला झूठ बोल रही है. लेकिन जब सबूत बोले, तो बीजेपी को भी बोलना पड़ा-“अब ये हमारा नेता नहीं.'

पार्टी ने कर दिया निष्कासित

प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा के आदेश पर पार्टी ने उसे तत्काल प्रभाव से निष्कासित कर दिया. लेकिन जनता पूछ रही है-कब तक ऐसे 'अतिथि' नेता हमारे बीच मेज़बान बने रहेंगे? पुलिस अब होटल स्टाफ, रिकॉर्ड्स, CCTV फुटेज, और ग्राहकों की पहचान में जुटी है. लेकिन सवाल ये है-क्या उन रसूखदारों के नाम भी सामने आएंगे? या फिर ये मामला भी किसी और कांड की तरह फाइलों में दफन हो जाएगा?

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