Begin typing your search...

फ्रिज में लड़की का सिर, पोस्टर पर मोहब्बत के 35 टुकड़े, उज्जैन में निकाली लव जिहाद की झांकी, फिर जो हुआ

इस साल की सवारी में एक विशेष झांकी ने सभी का ध्यान खींचा, जो प्रतीकात्मक रूप से कथित ‘लव जिहाद’ की घटनाओं पर थी. इसमें एक लड़की को फ्रिज में कटा हुआ दिखाया गया था, जो केरल स्टोरी जैसी घटनाओं से प्रेरित बताई जा रही थी. झांकी में अखबार की कटिंग्स और स्लोगन्स के ज़रिये लव जिहाद पर मैसेज देने की कोशिश की गई थी.

फ्रिज में लड़की का सिर, पोस्टर पर मोहब्बत के 35 टुकड़े, उज्जैन में निकाली लव जिहाद की झांकी, फिर जो हुआ
X
( Image Source:  Social Media )
हेमा पंत
Edited By: हेमा पंत

Updated on: 19 Aug 2025 8:25 PM IST

उज्जैन जिले के घोंसला गांव में सावन और भादो माह के दौरान मनकामेश्वर महादेव की भव्य सवारी निकालना एक सालों पुरानी परंपरा रही है. हर साल श्रद्धालुओं की भारी भीड़, पारंपरिक झांकियां, ढोल-नगाड़े, और शिव परिवार के रूप में सजे बच्चों के साथ यह धार्मिक यात्रा एक पर्व जैसा माहौल लेकर आती है.

इस साल भी श्रद्धा में कोई कमी नहीं थी, लेकिन एक झांकी ने माहौल को गर्मा दिया. इस बार लव जिहाद का मैसेज दिया गया, जिसमें एक लड़की का सिर फ्रिज में रखा हुआ था. वहीं, पोस्टर पर इश्क में मोहब्बत के 35 टुकड़े.

'लव जिहाद' की झांकी बनी विवाद का कारण

इस साल की सवारी में एक विशेष झांकी ने सभी का ध्यान खींचा, जो प्रतीकात्मक रूप से कथित ‘लव जिहाद’ की घटनाओं पर थी. इसमें एक लड़की को फ्रिज में कटा हुआ दिखाया गया था, जो केरल स्टोरी जैसी घटनाओं से प्रेरित बताई जा रही थी. झांकी में अखबार की कटिंग्स और स्लोगन्स के ज़रिये लव जिहाद पर मैसेज देने की कोशिश की गई थी.

पुलिस की कार्रवाई और बढ़ता तनाव

इस झांकी की जानकारी किसी ने प्रशासन को दी, जिसके बाद पुलिस तत्काल मौके पर पहुंची. चूंकि इस झांकी के लिए पहले से कोई मंजूरी नहीं ली गई थी. प्रशासन ने इसे धार्मिक सवारी से हटवा दिया. इस कदम से हिन्दू संगठनों और ग्रामीण युवाओं में रोष फैल गया भारी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे और स्थिति को संभालने की कोशिश की.

विरोध और समझाइश का दौर

हिंदू संगठनों के कार्यकर्ता और बड़ी संख्या में ग्रामीण झांकी को निकालने की मांग पर अड़ गए. मौके पर माहौल कुछ समय के लिए तनावपूर्ण रहा, लेकिन अधिकारियों ने समझाइश देकर स्थिति को नियंत्रण में लिया और विवादित झांकी को पुलिस चौकी महाबली चौपाटी पर सुरक्षित रखवाया गया.

संपन्न हुआ आयोजन

विवाद के बावजूद पारंपरिक सवारी समय पर जारी रही. दोपहर 3 बजे मंदिर से शुरू हुई यह यात्रा रात्रि 8 बजे तक गांव के प्रमुख मार्गों से होती हुई मंदिर पहुंची. इस दौरान श्रद्धालुओं ने रास्ते भर फूलों की बारिश कर भगवान का स्वागत किया. मंदिर परिसर में महाआरती हुई और प्रसादी बांटा गया.

सवाल अब भी बाकी हैं

यह घटना कई प्रश्न खड़े करती है कि क्या धार्मिक आयोजनों में सामाजिक या राजनीतिक संदेशों को जगह मिलनी चाहिए? क्या इस प्रकार की प्रतीकात्मक झांकियां जनता को जागरूक करती हैं या टकराव का कारण बनती हैं?

MP news
अगला लेख