फर्जी केस में सजा काट रहे शख्स को मिली जमानत, हिंदू महिलाओं के साथ छेड़छाड़ जैसे लगे थे गंभीर आरोप
चूड़ी विक्रेता तसलीम अली पर अगस्त 2021 में हिंदू महिलाओं को परेशान करने का आरोप लगाया गया था. जिला अदालत ने आरोपी के खिलाफ कोई भी ऐसे सबूत जो उसे दोषी साबित करें न मिलने पर सोमवार को रिहा कर दिया. अली ने कहा, अब वे शांति चाहते हैं और इस घटना को भूलकर जिंदगी में आगे बढ़ना चाहते हैं.

Madhya Pradesh: मध्य प्रदेश की एक अदालत ने झूठी आरोपों में सजा काट रहे चूड़ी विक्रेता तसलीम अली को बरी कर दिया है. इंदौर जिले में रहने वाले अली पर अगस्त 2021 में हिंदू महिलाओं को परेशान करने का आरोप लगाया गया था. जिला अदालत ने आरोपी के खिलाफ कोई भी ऐसे सबूत जो उसे दोषी साबित करें न मिलने पर सोमवार को रिहा कर दिया.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक तसलीम अली 107 दिन जेल में बंद थे अब उन्हें रिहा किया गया. कोर्ट से राहत मिलने के बाद अली ने कहा कि मुझे किसी से कोई शिकायत नहीं है. बता दें कि उस पर उस पर POCSO अधिनियम और IPC के तहत धाराएं को तहत मामला दर्ज किया गया था.
कोर्ट के फैसले पर अली का बयान
कोर्ट ने तसलीम अली को मामले में दोषमुक्त कर दिया. इसके फैसले पर अली ने इंडियन एक्सप्रेस से कहा , "मैं खुश भी हूँ और दुखी भी - यह मेरे लिए एक कड़वा-मीठा अनुभव है. मैं उन लोगों का शुक्रिया अदा करना चाहता हूं जो मेरे साथ खड़े रहे और जिन्होंने मेरे खिलाफ एफआईआर दर्ज की और मुझे पीटा. मुझे धर्म और मेरे नाम के आधार पर झूठे मामले में फंसाया गया." अली ने कहा, अब वे शांति चाहते हैं और इस घटना को भूलकर जिंदगी में आगे बढ़ना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि उनके मन में इंदौर शहर के लिए नफरत नहीं है, जहां वे कॉलोनी-कॉलोनी घूमकर चूड़ियां बेचकर अपना गुजारा करते थे. उन्होंने कहा, "इंदौर के सभी निवासी मेरे भाई-बहन हैं."
क्या है मामला?
जानकारी के अनुसार तसलीम अली एक चूड़ी विक्रेता हैं. वह इंदौर जिले में जगह-जगह घूमकर चूड़ियां बेचकर अपना जीवन व्यतीत करते हैं. अगस्त 2024 में उन पर कुछ लोगों ने हिंदू महिलाओं के साथ छेड़छाड़ का आरोप लगाया. फिर अली को कुछ लोगों द्वारा पीटा और गाली-गलौज करते हुए देखा गया था. घटना का वीडियो वायरल हुआ, जिसमें अली को कुछ लोगों द्वारा पीटते और गाली देते देखा गया.
वीडियो में यह भी दिखाया गया कि लोग अली को हिंदू इलाकों में दोबारा पैर न रखने की चेतावनी दे रहे थे. जब अली ने अपने हमलावरों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई, तो पुलिस ने उस पर मामला दर्ज किया और 13 वर्षीय लड़की की शिकायत के आधार पर उसे 107 दिन जेल में बिताने पड़े. उस पर POCSO एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया.