Begin typing your search...

कुल्हाड़ी से काटा फिर छत से फेंका... डायन समझकर जेठानी ने देवरानी को उतारा मौत के घाट

झारखंड से इंसानियत को झकझोर देने वाला दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है. अंधविश्वास और कुप्रथा की आड़ में एक महिला ने अपनी ही देवरानी को मौत के घाट उतार दिया. घटना इतनी खौफनाक थी कि पहले उसे कुल्हाड़ी से बेरहमी से काटा गया और फिर छत से नीचे फेंक दिया गया. बताया जा रहा है कि आरोपी महिला ने अपनी देवरानी को डायन समझ लिया था और इसी शक के चलते उसने यह अमानवीय कदम उठा लिया.

कुल्हाड़ी से काटा फिर छत से फेंका... डायन समझकर जेठानी ने देवरानी को उतारा मौत के घाट
X
( Image Source:  Canva )
हेमा पंत
Edited By: हेमा पंत

Updated on: 28 Sept 2025 12:30 PM IST

मध्य प्रदेश के रतलाम जिले से आई यह घटना केवल एक हत्या की कहानी नहीं है, बल्कि समाज में गहराई तक जड़ जमा चुके अंधविश्वास का डरावना चेहरा है. जहां विज्ञान और तकनीक के दौर में भी इंसान तंत्र-मंत्र और टोने-टोटके जैसी भ्रांतियों का शिकार हो जाता है.

एक महिला ने अपनी ही देवरानी को ‘डायन’ मान लिया और फिर अपने बेटों के साथ मिलकर उसकी निर्मम हत्या कर दी. महिला ने कुल्हाड़ी से वार कर अपनी देवरानी का शव छत से फेंक दिया. यह घटना न सिर्फ रौंगटे खड़े कर देती है बल्कि यह सवाल भी उठाती है कि आखिर क्यों 21वीं सदी में भी लोग ऐसी सोच के शिकार हो जाते हैं.

कुल्हाड़ी से किया वार

25 सितंबर की रात रावटी थाना क्षेत्र के भीम पूरा गांव में 48 वर्षीय नानीबाई उर्फ नर्मदाबाई अपने बच्चों के साथ घर की छत पर सो रही थीं. यह एक साधारण सी रात थी, मगर किसी को अंदाजा नहीं था कि यही रात उनके जीवन की आखिरी रात होगी. आधी रात के बाद उनकी जेठानी धन्नाबाई अपने दोनों बेटों शंकर और बापू के साथ वहां पहुंची. हाथों में कुल्हाड़ी और लोहे की पाइप थी. उन तीनों ने मिलकर नर्मदाबाई पर ताबड़तोड़ वार किए और फिर उनके शव को छत से नीचे फेंक दिया. सुबह जब गांव में खलबली मची, तो परिवार और पड़ोसियों को लगा कि यह कोई लूट या चोरी की वारदात है. लेकिन पुलिस जांच ने जैसे-जैसे परतें खोलीं, मामला और भी सनसनीखेज होता चला गया.

अंधविश्वास के चलते की हत्या

रतलाम एसपी अमित कुमार और एएसपी राकेश खाखा के नेतृत्व में बनाई गई विशेष टीम ने जांच शुरू की. शुरुआती जांच में चोरी की आशंका जताई गई, लेकिन घर से कोई सामान गायब नहीं था. फिर पुलिस ने परिजनों और संदेहियों से गहन पूछताछ की. तकनीकी साक्ष्यों और बयानों को जोड़ते हुए पुलिस ने पाया कि यह हत्या लालच या चोरी के लिए नहीं, बल्कि अंधविश्वास की वजह से की गई है. आरोपियों ने मान लिया था कि नानीबाई टोना-टोटका करती हैं और उनकी वजह से परिवार में लगातार मौतें हो रही हैं.

मौतों की लड़ी और बढ़ता शक

धन्नाबाई के घर में पिछले कुछ सालों से लगातार मौतें हो रही थीं. 12 साल पहले बेटे शंकर की पहली पत्नी गंगाबाई की मौत हुई, उससे पहले उसका गर्भपात हो चुका था. बाद में शंकर ने दूसरी शादी रेखाबाई से की, लेकिन कुछ समय पहले वह भी गुजर गई. इसी दौरान धन्नाबाई के पति बद्री भूरिया और ससुर मनजी भूरिया की भी बीमारी के कारण मृत्यु हो गई. शंकर के एक छोटे बच्चे की भी मौत ने परिवार को तोड़ दिया.

लगातार इन मौतों से परेशान धन्नाबाई और उसके बेटे टूट चुके थे. आर्थिक हालात भी खराब हो गए. अंतिम संस्कार तक करने में मुश्किलें आईं. लेकिन हैरानी की बात यह रही कि दूसरी तरफ नानीबाई के परिवार में सब कुछ सामान्य था. किसी को गंभीर बीमारी नहीं हुई, कोई असामयिक मौत नहीं हुई. यही तुलना धीरे-धीरे धन्नाबाई के मन में शक का जहर भरती गई.

‘डायन’ ठहराई गई देवरानी

धन्नाबाई को विश्वास हो गया कि उसकी देवरानी ही इन सबका कारण है. गांव के माहौल और टोना-टोटका जैसी धारणाओं ने उसके दिमाग में यह बैठा दिया कि नानीबाई ‘डाकन’ है, यानी डायन है, जो परिवार के सदस्यों को मौत की ओर धकेल रही है. यही अंधविश्वास धीरे-धीरे उसके भीतर नफरत और डर में बदल गया. और फिर उसने अपने बेटों के साथ मिलकर इस हत्या की साजिश रच डाली.

पुलिस का खुलासा

शनिवार को प्रेस वार्ता में एसपी अमित कुमार ने पूरे मामले का खुलासा किया. उन्होंने बताया कि आरोपियों ने अपने परिवार की लगातार मौतों के लिए मृतिका को जिम्मेदार ठहराया और अंधविश्वास के कारण उसकी हत्या कर दी. पुलिस ने मुख्य आरोपी धन्नाबाई और उसके दोनों बेटों को गिरफ्तार कर लिया है.

अंधविश्वास की जकड़न

रतलाम जिले के कई इलाकों में आज भी अंधविश्वास गहरी जड़ें जमाए हुए है. बीमारियां, असमय मौतें या कोई भी अनहोनी सीधे ‘टोना-टोटका’ या ‘डायन’ के नाम पर जोड़ दी जाती हैं. जबकि असलियत में इन घटनाओं के पीछे बीमारी, कुपोषण, गरीबी और सामाजिक समस्याएं होती हैं. लेकिन इन तथ्यों को नजरअंदाज कर समाज अंधविश्वास की ओर भागता है और कई बार निर्दोष लोग इसकी बलि चढ़ जाते हैं.

MP newscrime
अगला लेख