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मैंने ही करवाई राजा की हत्या... Video Call पर प्रेमी राज को देखते ही टूट गई सोनम, पहले बन रही थी पीड़िता

शिलांग पुलिस ने गुप्त ऑपरेशन में इंदौर से दो आरोपियों को गिरफ्तार किया. वीडियो कॉल के दौरान प्रेमी राज को देखकर सोनम ने राजा की हत्या कबूल ली. पुलिस ने डीसीपी बंगले में पूछताछ की और सीजेएम बंगले में पेश कर सात दिन की ट्रांजिट रिमांड ली. सोनम, राज और विशाल की साजिश में गहरा रिश्ता सामने आया है.

मैंने ही करवाई राजा की हत्या... Video Call पर प्रेमी राज को देखते ही टूट गई सोनम, पहले बन रही थी पीड़िता
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नवनीत कुमार
Curated By: नवनीत कुमार

Published on: 10 Jun 2025 7:49 AM

इंदौर के राजा रघुवंशी हत्याकांड पर बहुत ही नाटकीय ढंग से पुलिस ने पर्दा हटाया है. रातों रात शिलांग पुलिस आरोपियों के घर पहुंच गई. ये काम इतने गुप्त तरीके से किया गया कि मीडिया को भी भनक नहीं लगी. आरोपियों को थाने में नहीं ले जाकर डीसीपी के बंगले पर पूछताछ की गई. तभी सूचना मिली कि सोनम यूपी के गाजीपुर में ढाबे पर पहुंच गई है. यूपी पुलिस उसे सुरक्षित ले आई.

नई दुनिया की रिपोर्ट के अनुसार, जैसे ही सोनम की वीडियो कॉल पर राज से आमने-सामने बातचीत करवाई गई, उसके चेहरे का रंग उड़ गया. राज की मौजूदगी देखकर सोनम खुद को संभाल नहीं पाई और टूट गई. उसी पल उसने राजा की हत्या में अपनी भूमिका को स्वीकार कर लिया. यह कबूलनामा नाटकीय था, लेकिन पूरी जांच की दिशा को एक झटके में बदलने वाला भी.

दो राज्यों की खुफिया कार्रवाई

ईस्ट खासी हिल्स, शिलांग से आई पुलिस टीम ने मध्य प्रदेश के इंदौर शहर में चुपचाप दबिश दी. रात डेढ़ बजे आरोपी राज कुशवाह और विशाल ठाकुर को गिरफ्तार किया गया. मीडिया या स्थानीय लोगों को भनक तक नहीं लगने दी गई. पूछताछ थाने में नहीं, बल्कि डीसीपी राजेश त्रिपाठी के निजी बंगले में की गई, ताकि केस की संवेदनशीलता बनी रहे.

पुलिस की सख्ती ने तोड़ी चुप्पी

राज ने शुरुआत में सोनम के साथ प्रेम संबंधों की बात स्वीकार की लेकिन राजा की हत्या में हाथ होने से साफ इंकार कर दिया. हालांकि, जब पुलिस ने बयान अलग-अलग लिए और तथ्यों से दबाव डाला, तब राज के बयानों में विरोधाभास साफ दिखने लगा. इसी बीच गाजीपुर पुलिस की सूचना पर सोनम से वीडियो कॉल पर संपर्क साधा गया.

पहले पीड़िता बनकर बचने का किया प्रयास

वीडियो कॉल की शुरुआत में सोनम खुद को पीड़िता दिखाने की कोशिश करती रही. वह भावुक होकर सहानुभूति बटोरना चाह रही थी. लेकिन जैसे ही कैमरा राज की तरफ घुमाया गया और यह बताया गया कि उसने सब कुछ बता दिया है, सोनम की भावनाएं बिखर गईं. उसकी आंखों से झांकता अपराधबोध किसी बयान से ज्यादा स्पष्ट था.

आरोपियों को मिला ट्रांजिट रिमांड

शाम तक घटनाक्रम में तेजी आई और आरोपियों को जिला अस्पताल में मेडिकल करवाकर सीधे सीजेएम के बंगले पर पेश किया गया. अदालत ने उन्हें सात दिन की ट्रांजिट रिमांड पर शिलांग पुलिस को सौंप दिया. रवाना होने से पहले पुलिस ने आरोपियों के घरों की तलाशी में खून से सने कपड़े बरामद किए, जिससे हत्या का फिजिकल एविडेंस भी मिला.

बदलता व्यवहार बना संदेह की वजह

राजा की मां उमा देवी ने बताया कि पहले सोनम का व्यवहार सामान्य था, लेकिन सगाई के बाद वह राजा से बातचीत टालने लगी थी. राजा खुद परेशान रहता था कि सोनम उससे दूरी बना रही है. कॉल डिटेल्स में भी सोनम की बातचीत राजा से कम और राज से ज्यादा पाई गई. पुलिस के मुताबिक, यह बदलाव ही साजिश की ओर पहला संकेत था.

राज निभा रहा था दोहरा किरदार

राजा की हत्या के बाद जब उसका शव इंदौर पहुंचा, तब राज भी वहां मौजूद था. वह घरवालों के बीच इस तरह से घुला-मिला हुआ था कि किसी को शक नहीं हुआ. यहां तक कि राजा की अंतिम यात्रा में भी वह शामिल हुआ और सोनम के पिता को सांत्वना देता हुआ दिखा. उसका यह दोहरा किरदार अपराध को और गहरा बना देता है.

केस में डीजीपी तक की सीधी निगरानी

यह कोई आम आपराधिक मामला नहीं था. खुद मेघालय की डीजीपी आई नोंग्रांग पूरे ऑपरेशन पर निगाहें रखे थीं. उन्होंने मध्यप्रदेश के डीजीपी से सीधे समन्वय स्थापित किया. इस मामले ने दो राज्यों की पुलिस को एकजुट कर दिया और अपराधियों को कानूनी शिकंजे में पहुंचाने की एक मिसाल पेश की.

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