CBI Raid: 183 करोड़ के बैंक गारंटी स्कैम में सीबीआई एक्शन मोड में, पीएनबी के आला-अफसर सहित दो को गिरफ्तार किया
मध्य प्रदेश के इंदौर में एक ठेका कंपनी ने फर्जी बैंक गारंटियों के जरिए जल निगम से 974 करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट हथिया लिए. मामले की जांच के आदेश मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने दिए, जिसके बाद सीबीआई ने तीन केस दर्ज कर जांच शुरू की. जांच में पंजाब नेशनल बैंक के वरिष्ठ प्रबंधक की मिलीभगत सामने आई और उसे गिरफ्तार कर लिया गया. सीबीआई को शक है कि इस घोटाले में अन्य बैंक और कोलकाता का एक बड़ा गिरोह भी शामिल हो सकता है.

केंद्रीय जांच ब्यूरो यानी सीबीआई (CBI) ने मध्य-प्रदेश के इंदौर की एक ठेका कंपनी पर शिकंजा कसा तो बवाल मच गया. इस ठेका कंपनी ने फर्जी बैंक गारंटियां देकर मध्य प्रदेश जल निगम लिमिटेड (MPJNL) से 974 करोड़ के प्रोजेक्ट्स हथिया लिए थे. राज्य सरकार को जब इसकी भनक लगी तो संबंधित विभाग में हड़कंप मच गया. अब सीबीआई ने इस करोड़ों रुपये की फर्जी बैंक गारंटी घोटाले में पंजाब नेशनल बैंक (PNB) के सीनियर मैनेजर (वरिष्ठ प्रबंधक) सहित दो को गिरफ्तार कर लिया है.
सीबीआई ने देश के इस बड़े घोटाले में मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय (Madhya Pradesh High Court) के आदेश पर, इसी साल 9 मई को तीन अलग अलग मुकदमे दर्ज करके जांच शुरू की थी. जांच के दौरान पता चला कि घोटाले में संदिग्ध निजी ठेका कंपनी ने साल 2023 में, मध्य प्रदेश जल निगम लिमिटेड से कुछ ठेके लिए थे. यह ठेके विभाग के जल संसाधन द्वारा काम करने के लिए ठेका-कंपनी को सौंपे गए थे. इन ठेकों के काम के कुल टेंडर 974 करोड़ के थे.
हाईकोर्ट को नजर आया 'दाल में काला'
शक होने पर विभाग ने पहले अपने स्तर पर ही आंतरिक जांच शुरू की थी. जल निगम को जब अहसास हुआ कि ठेका कंपनी द्वारा टेंडर के दौरान अदा की गई बैंक गारंटियां तो संदिग्ध हैं. तो मामला राज्य के उच्च न्यायालय तक पहुंचा. मध्य प्रदेश हाईकोर्ट को भी जब दाल में काला नजर आया तो उसने करोड़ों के इस घोटाले की जांच सीबीआई को हवाले कर दी. सीबीआई जांच में उन संदेहों की पुष्टि हो गई, जो प्राथमिक जांच के दौरान राज्य के जल निगम विभाग की नजर के सामने आए थे.
सीबीआई जांच में खुलती चली गई परत-दर-परत
यह तीन प्रोजेक्ट्स (परियोजनाओं) में हुए घोटाले से जुड़ा आर्थिक घोटाला है. सीबीआई ने जब हाईकोर्ट के निर्देश पर तीन अलग अलग मुकदमे दर्ज करके जांच शुरू की तो, घोटाले की परत-दर-परत खुलती चली गई. पता चला कि ठेका कंपनी ने 974 करोड़ के ठेका-प्रोजेक्ट्स हथियाने के लिए, पीएनबी की 8 फर्जी बैंक गारंटियां जमा कराई थीं. सीबीआई मुख्यालय के मुताबिक, “इन आठों फर्जी बैंक गारंटियों की पुष्टि के लिए जब पंजाब नेशनल बैंक से संपर्क साधा गया तो, बैंक ने इन फर्जी गारंटियों को सही बता दिया.”
बैंक और ठेका कंपनी की मिलीभगत का हुआ खुलासा
सीबीआई चूंकि बैंक की पुष्टि से संतुष्ट नहीं हुई. इसलिए सीबीआई ने पंजाब नेशनल बैंक के अधिकारियों को ही शक के दायरे में लेकर जांच शुरू कर दी, तब पता चला कि ठेका कंपनी और पंजाब नेशनल बैंक के अधिकारी ने मिली-भगत से करोड़ों रुपये के इस घोटाले में हिस्सा लिया है. जांच का दायरा जब बढ़ाते हुए सीबीआई ने तीन चार दिन पहले (18-19-20 जून 2025) एक बड़ा राष्ट्र व्यापी जांच अभियान छेड़ा, तो दूध का दूध और पानी का पानी हो गया.
सीबीआई ने 25 स्थानों पर छाप मारकर दो लोगों को किया गिरफ्तार
इस बड़े जांच अभियान के दौरान सीबीआई ने दिल्ली सहित, मध्य प्रदेश, झारखंड, गुजरात और पश्चिम बंगाल में छापे मारे. यह छापे करीब 25 स्थानों पर मारे गए थे. इन्हीं छापों के दौरान सीबीआई ने दो लोगों को गिरफ्तार भी किया. गिरफ्तार आरोपियों में पंजाब नेशनल बैंक का एक वरिष्ठ प्रबंधक भी शामिल है. जांच में पता चला है कि इस तरह के घोटाले में कोलकाता का एक बड़ा गैंग सक्रिय है. जो सरकारी ठेकों को हासिल करवाने के लिए फर्जी बैंक गारंटियों का इंतजाम करता है. इस गैंग की जड़ें पता करने को लेकर सीबीआई की टीमें अभी भी काम में जुटी हुई हैं.
आर्थिक घोटाले में अन्य बैंक भी हो सकते हैं शामिल
सीबीआई मुख्यालय की मानें तो, गैंग के हाथ में आने से देश में अंजाम दिए जा चुके ऐसे और भी कई निजी ठेका कंपनियों के बड़े घोटाले सामने आने की उम्मीद है. सीबीआई इस बात से इनकार नहीं कर रही है कि, सिर्फ पंजाब नेशनल बैंक ही इसमें शामिल होगा. सीबीआई को अंदेशा है कि इस सुनियोजित आर्थिक घोटाले में और भी बैंक शामिल पाए जा सकते हैं. मगर यह जांच पूरी होने के बाद ही तय हो सकेगा.