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जहरीले कचरे पर MP में रार, पीथमपुर में दो ने किया आत्मदाह का प्रयास; पथराव के बाद लाठीचार्ज

मध्य प्रदेश के पीथमपुर में कचरा जलाने को लेकर विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है. वहीं विरोध प्रदर्शन के बीच दो लोगों ने सुसाइड करने की कोशिश की. हालांकि वहां मौजूद प्रदर्शनकारियों ने आग को शांत करवाया और दोनों शख्स की जान बचाई. पुलिस ने आत्मदाह करने का प्रयास करने वाले दो युवकों को हिरासत में लिया है.

जहरीले कचरे पर MP में रार, पीथमपुर में दो ने किया आत्मदाह का प्रयास; पथराव के बाद लाठीचार्ज
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( Image Source:  Social Media: X )
सार्थक अरोड़ा
Edited By: सार्थक अरोड़ा

Updated on: 3 Jan 2025 1:50 PM IST

मध्य प्रदेश के पिथमपुर जिले में कचरे को जलाने को लेकर काफी विरोध प्रदर्शन जारी है. जानकारी के अनुसार गुरुवार को 12 कंटेनरों में 337 टन कचरा सुबह 4 बजकर 30 मिनट पर पहुंचाया गया. इसे लेकर विरोध प्रदर्शन जारी है. मांग है कि कचरा न जले इसी कड़ी में बाजारों को भी पूरी तरह बंद रखा गया है. वहीं इस विरोध प्रदर्शन के बीच दो युवकों ने आत्मदाह करने की कोशिश की. आसापास खड़े लोगों ने तुरंत दोनों युवकों पर लगी आग को शांत कराया.

जानकारी के अनुसार कचरे का कंटेनर पहुंचते ही लोगों ने रैली निकाली और इसे जलाने से रोक लगाने पर मांग की. वहीं पीथमपुर बंद करने का भी आह्वान किया गया है. वहीं इस बीच जानकारी सामने आई कि पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए उनपर लाठीचार्ज की.

क्या है विरोध प्रदर्शन का कारण?

विरोध प्रदर्शन के कारण की अगर बात की जाए तो कचरे को जलाने से पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने की आशंका जताई है. वहीं न केवल पीथमपुरा निवासी बल्कि इंदौर के लोग भी कारखाने का जहरीला कचरा पीथमपुर में जलाए जाने पर विरोध कर रहे हैं. हालांकि सरकार ने सुरक्षित तरीके से जलाने का आश्वासन दिया और नुकसान पहुचने वाली आशंका को खारिज किया है. लेकिन सरकार द्वारा आश्वासित करने के बाद भी लोगों में संशय है, और कचरा कहीं और ले जाने की मांग करते हुए विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.

CM मोहन यादव ने की अपील

वहीं इस मामले को लेकर मुख्यमंत्री मोहन यादव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया और कहा कि पीथमपुर में कचरे के निपटान पर प्रशासन सभी मानकों का पालन कर रही है. एक्सपर्ट्स ये कह चुके हैं कि 25 वर्ष में कचरे का जहरीलापन समाप्त हो जाता है. उन्होंने कहा कि एक्सपर्ट्स की देखरेख में निस्तारण किया जाएगा. आपको बता दें कि इस कचरे को नष्ट करने के लिए कुल 126 करोड़ रुपये खर्च होंगे. इसे प्रदेश सरकार उठाने वाली है. कचरा नष्ट करने की शुरुआत 15 दिनों की ट्रायल प्रक्रिया के बाद की जाएगी.

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