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'पति के अलावा किसी और से प्यार करने पर भी पत्नी गुजारा भत्ता की हकदार...' मध्य प्रदेश HC की टिप्पणी

Madhya Pradesh High Court: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने एक मामले की सुनवाई के दौरान कहा कि महिला अगर पति के सिवा किसी और पुरुष से प्यार करती है तो भी वह गुजारा भत्ता की हकदार है. कानून के अनुसार, अगर किसी महिला का अवैध संबंध होने के सबूत मिल जाते हैं, तभी उसे भरण-पोषण के पैसे देने से इनकार किया जा सकता है.

पति के अलावा किसी और से प्यार करने पर भी पत्नी गुजारा भत्ता की हकदार... मध्य प्रदेश HC की टिप्पणी
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( Image Source:  canva )
निशा श्रीवास्तव
Edited By: निशा श्रीवास्तव

Updated on: 14 Feb 2025 7:57 AM IST

Madhya Pradesh HC: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने एक मामले की सुनवाई के दौरान बड़ी टिप्पणी की. कोर्ट ने कहा कि महिला अगर पति के सिवा किसी और पुरुष से प्यार करती है तो भी वह गुजारा भत्ता की हकदार है. अगर महिला और उसके प्रेमी के बीच शारीरिक संबंध न बने हों तब तक इस रिश्ते को अवैध संबंध नहीं माना जा सकता.

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, जस्टिस जी.एस. अहलूवालिया ने कहा कि "अवैध संबंध का मतलब फिजिकल रिलेशन से है.", कोर्ट ने पति की इस दलील को खारिज कर दिया कि चूंकि उसकी पत्नी किसी और से प्रेम करती है, इसलिए वह गुजारा भत्ता पाने की हकदार नहीं है. यह फैसला 17 जनवरी को सुनाया गया.

कोर्ट ने पति को दिया आदेश

कोर्ट ने कहा कि भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) की धारा 144(5) और दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 125(4) में यह स्पष्ट है कि अगर किसी महिला का अवैध संबंध होने के सबूत मिल जाते हैं, तभी उसे भरण-पोषण के पैसे देने से इनकार किया जा सकता है. लेकिन इस मामले में महिला के खिलाफ ऐसा कोई सबूत नहीं मिला है इसलिए उसे गुजारा भत्ता पाने का अधिकार है. कोर्ट ने महिला के पति की ओर से फैमिली कोर्ट के उस आदेश के खिलाफ याचिका दायर की गई थी, जिसमें उसे पत्नी को 4000 रुपये भरण-पोषण देने का निर्देश दिया गया था.

पति ने दी ये दलील

कोर्ट में पति ने कहा कि वह वार्ड बॉय के रूप में काम करता है और सिर्फ 8 हजार रुपये कमाता है. उसने बताया, कि हिंदू विवाह अधिनियम की धारा 24 के तहत आदेश पारित होने के बाद से उसे पहले ही 4 हजार मिल रहे थे और इसलिए, सीआरपीसी की धारा 125 के तहत दिए गए 4000 का अंतरिम भरण-पोषण ज्यादा है.

कोर्ट ने मांगा इनकम का प्रूफ

कोर्ट ने पति की आर्थिक परेशानी को समझा और उसके दावे के लिए वेतन प्रमाण पत्र की भी जांच की. न्यायालय ने पाया कि "उस अस्पताल द्वारा जारी प्रमाण पत्र में, जहां वह काम करता था, महत्वपूर्ण विवरण जैसे कि जारी करने का स्थान और तारीख नहीं थी." इसके अलावा, हाईकोर्ट ने पति के इस दावे को भी खारिज कर दिया कि उसकी पत्नी ब्यूटी पार्लर चलाकर पैसे कमाती है. कोर्ट ने पाया कि वह कोई भी ऐसा डॉक्यूमेंट प्रूफ पेश करने में विफल रहा है जिससे यह साबित हो सके कि उसकी पत्नी ने इस तरह के बिजनेस के लिए कोई दुकान किराए पर ली है या खुद खरीदी है.

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