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'पूर्णिमा की रात...स्मार्ट बच्चे कैसे पैदा करें'? महिला पुलिस अधिकारी ने स्कूली छात्राओं को दिए टिप्स

महिला पुलिस अधिकारी का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें वह स्कूल में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को ओजस्वी बच्चे पैदा करने के लिए टिप्स देती नजर आ रही हैं. वायरल वीडियो में वह किशोर छात्र-छात्राओं को यह सलाह देते हुए दिख रही हैं कि ओजस्वी बच्चे पैदा करने के लिए उन्हें क्या करना चाहिए और क्या नहीं.

पूर्णिमा की रात...स्मार्ट बच्चे कैसे पैदा करें? महिला पुलिस अधिकारी ने स्कूली छात्राओं को दिए टिप्स
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सागर द्विवेदी
Edited By: सागर द्विवेदी

Updated on: 11 Jan 2025 12:36 PM IST

मध्य प्रदेश पुलिस में एक महिला DIG के बयान पर काफी चर्चा में बना हुआ है. महिला पुलिस अधिकारी का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें वह स्कूल में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को ओजस्वी बच्चे पैदा करने के लिए टिप्स देती नजर आ रही हैं. वायरल वीडियो में वह किशोर छात्र-छात्राओं को यह सलाह देते हुए दिख रही हैं कि ओजस्वी बच्चे पैदा करने के लिए उन्हें क्या करना चाहिए और क्या नहीं. इसके अलावा, वीडियो में वह गर्भधारण से संबंधित कई बातों को बताती हुई नजर आ रही है.

शहडोल की DIG सविता सोहाने ने पिछले साल 4 अक्टूबर को एक प्राइवेट स्कूल में 10वीं से 12वीं क्लास तक के छात्रों को बालिकाओं की सुरक्षा के लिए जागरूकता कार्यक्रम के तहत ज्ञान दिया था. इस कार्यक्रम के दौरान, एक वीडियो में सविता सोहाने को अविवाहित पुलिस अधिकारी के रूप में यह कहते हुए सुना जा सकता है, "आप पृथ्वी पर नया बचपन लाएंगे, आप इसे कैसे अंजाम देंगे?'

'पूर्णिमा के दिन गर्भधारण न करें'

शहडोल की DIG सविता सोहाने ने वायरल वीडियो में कहा कि ओजस्वी संतान पैदा करने के लिए योजना बनानी चाहिए और इस दौरान कुछ विशेष बातें ध्यान में रखनी चाहिए. उन्होंने सुझाव दिया कि 'पूर्णिमा के दिन गर्भधारण न करें, और सूर्य देवता को जल चढ़ाकर नमस्कार करें, ताकि ओजस्वी संतान उत्पन्न हो सके.'

जब इस वीडियो को लेकर सविता सोहाने से टिप्पणी के लिए संपर्क किया गया, तो उन्होंने बताया कि उन्हें धर्मग्रंथ पढ़ना, हिंदू संतों के प्रवचन सुनना और व्याख्यान देना बहुत पसंद है. उन्होंने यह भी कहा कि उनके अभिमन्यू कार्यक्रम के तहत किए गए संबोधन का मुख्य उद्देश्य सुरक्षित वातावरण का निर्माण करना और बालिकाओं के प्रति सम्मान बढ़ाना है.

सोहाने, जो 31 साल पहले पुलिस सेवा में शामिल होने से पहले एक लेक्चरर रह चुकी हैं, ने बताया कि उनका बयान आध्यात्मिक शिक्षाओं और आंतरिक शांति की उनकी खोज से प्रेरित था. उन्होंने कहा कि हिंदू धर्म में पूर्णिमा को एक पवित्र अवधि माना जाता है, और उनका उद्देश्य धार्मिक परिप्रेक्ष्य से जागरूकता फैलाना था.

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