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क्या सच में भूत ने छात्रों को पढ़ाया? MP के इस Ghost कॉलेज का अजब है किस्‍सा, समझें पूरा मामला

मध्य प्रदेश के जीवाजी विश्वविद्यालय में भूत देखे जाने की खबर से शहर में सनसनी फैल गई. कहा जा रहा है कि रात के समय तीन भूत दिखाई दिए, जिनमें से एक भूत ब्लैकबोर्ड पर कुछ लिखते हुए दो भूत छात्रों को पढ़ा रहा था. इस दृश्य को देखने वाले लोग हैरान और डरे हुए नजर आए.

क्या सच में भूत ने छात्रों को पढ़ाया? MP के इस Ghost कॉलेज का अजब है किस्‍सा, समझें पूरा मामला
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सागर द्विवेदी
Edited By: सागर द्विवेदी

Updated on: 28 Feb 2025 4:11 PM IST

जब आप छोटे थे, तो आपने भूतों की कहानियां जरूर सुनी होंगी और कभी-कभी रात में डर भी गए होंगे. लेकिन क्या आपने कभी भूतों की पढ़ाई के बारे में सुना है? अगर नहीं, तो यह खबर आपको चौंका सकती है! मध्य प्रदेश के भोपाल जिले से एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है. यहां के एक कॉलेज में भूत दिखने की खबर ने हंगामा मचा दिया है. हैरानी की बात तो यह है कि कहा जा रहा है कि रात में एक भूत शिक्षक बनकर भूत छात्रों को पढ़ाई भी करवा रहा है! यह खबर चर्चा का विषय बनी हुई है, और लोग इस रहस्यमयी घटना की सच्चाई जानने को उत्सुक हैं. क्या यह सिर्फ अफवाह है या कोई सच्चाई? यह तो जांच के बाद ही साफ हो पाएगा!

मध्य प्रदेश के जीवाजी विश्वविद्यालय में भूत देखे जाने की खबर से शहर में सनसनी फैल गई. कहा जा रहा है कि रात के समय तीन भूत दिखाई दिए, जिनमें से एक भूत ब्लैकबोर्ड पर कुछ लिखते हुए दो भूत छात्रों को पढ़ा रहा था. इस दृश्य को देखने वाले लोग हैरान और डरे हुए नजर आए. हालांकि, जब इस घटना की सच्चाई सामने आई, तो मामला कुछ और ही निकला. दरअसल, यह पूरा घटनाक्रम जीवाजी विश्वविद्यालय में हुए संबद्धता फर्जीवाड़े और घोटालों के खिलाफ प्रदर्शन का हिस्सा था.

समझें पूरा मामला

प्रदर्शन का नेतृत्व मानसेवी प्रोफेसर डॉ. अरुण शर्मा ने किया, जो भूत की वेशभूषा में नजर आए. उनके साथ दो छात्र भी थे. यह प्रदर्शन विश्वविद्यालय के गेट नंबर 02 के बाहर देर रात किया गया. जीवाजी विश्वविद्यालय ने मुरैना जिले के झुंडपुरा स्थित शिवशक्ति कॉलेज को 15 साल तक फर्जी तरीके से संबद्धता दी, जबकि वास्तविकता में यह कॉलेज कभी अस्तित्व में ही नहीं था. इस कॉलेज में कागजों पर छात्रों के एडमिशन दिखाए गए, करोड़ों की स्कॉलरशिप निकाली गई, और घोटाले को अंजाम दिया गया. चौंकाने वाली बात यह थी कि डॉ. अरुण शर्मा को इस फर्जी कॉलेज का प्रिंसिपल घोषित कर उनके नाम से बैंक अकाउंट खोला गया, जहां 15 सालों तक वेतन जमा कर निकाला जाता रहा!

घोटाले के खिलाफ 'भूतिया' प्रदर्शन

प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि शिवशक्ति कॉलेज, मुरैना (झुंडपुरा) केवल कागजों पर मौजूद था, लेकिन इसे 15 सालों तक फर्जी संबद्धता दी गई. छात्रों का नामांकन कागजों पर दिखाकर करोड़ों रुपये की छात्रवृत्ति हड़पी गई. फर्जी प्राचार्यों की नियुक्ति की गई, जिनमें से एक डॉ. अरुण शर्मा भी थे, जिनके नाम पर बैंक अकाउंट खोले गए और 15 साल तक वेतन निकाला गया.

प्रदर्शन और आगामी सत्याग्रह

मानद प्रोफेसर डॉ. अरुण शर्मा ने विश्वविद्यालय प्रशासन की कथित अनियमितताओं को उजागर करने के लिए रात के अंधेरे में भूतिया वेशभूषा में 'भूत छात्रों' को पढ़ाने का अनोखा प्रदर्शन किया. इसके अलावा, वे 10 मार्च को मध्य प्रदेश विधानसभा के बाहर सत्याग्रह (भूख हड़ताल) कर इस विरोध को और तेज करने की योजना बना रहे हैं.

कानूनी कार्रवाई और प्रशासनिक हस्तक्षेप

डॉ. अरुण शर्मा की शिकायत के बाद आर्थिक अपराध शाखा (EOW) ने जांच शुरू की और जीवाजी विश्वविद्यालय के कुलपति अविनाश तिवारी सहित 17 प्रोफेसरों के खिलाफ मामला दर्ज किया. राज्यपाल मंगू भाई पटेल के हस्तक्षेप के बाद कुलपति तिवारी और विश्वविद्यालय की पूरी कार्यकारिणी को बर्खास्त कर दिया गया. डॉ. राजकुमार आचार्य को नए कुलपति के रूप में नियुक्त किया गया. हालांकि प्रशासनिक कार्रवाई हुई, लेकिन डॉ. शर्मा का दावा है कि विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार अरुण चौहान ने फर्जी कॉलेज को संबद्धता देना जारी रखा. इतना ही नहीं, इस कॉलेज को परीक्षा केंद्र भी बना दिया गया, जिससे घोटाला जारी रहा.

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