MP में 7 हाथियों की मौत से मचा हड़कंप, जहरीली फसल और नाग-नागिन से जोड़ा जा रहा कनेक्शन, समझें मामला
मध्य प्रदेश के उमरिया जिले में बांधवगढ़ बाघ अभयारण्य में 7 हाथियों की मौत हुई है, जिससे हड़कंप मच गया है. वन विभाग के अधिकारी के अनुसार, हाथियों की मौत कोदो खाने की वजह से हुई है, जैसा कि विशेषज्ञों ने बताया. वन मंत्री ने इस मामले की जांच के लिए SIT गठित करने के आदेश दिए हैं और अधिकारियों को सख्त कार्रवाई करने का निर्देश भी दिया है.

मध्य प्रदेश के उमरिया जिले के 7 हाथियों की मौत से हड़कंप मच गया है. वन विभाग के एक अधिकारी के मुताबिक, बांधवगढ़ बाघ अभयारण्य में अब तक 7 हाथियों की मौत हो चुकी है. इस मामले में वन मंत्री में SIT की जांच कराने के आदेश दिए हैं. साथ ही अधिकारियों को सख्त कार्रवाई करने का आदेश दिए हैं. हाथियों की मौत कोदो खाने की वजह से हुई है. ऐसा विशेषज्ञों का मानना है.
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व पर्यावरण मंत्री जयराम रमेश ने बुधवार को मध्यप्रदेश के बांधवगढ़ बाघ अभयारण्य (बीटीआर) में सात हाथियों की मौत को लेकर कहा कि इसकी विस्तृत जांच होनी चाहिए और आगे इसे रोकने के लिए जरूरी कदम उठाए जाने चाहिए.
7 हाथियों की मौत हैरान करने वाली बात: जयराम रमेश
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने सोशल मीडिया (X) पर लिखा कि, मध्य प्रदेश के बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में 7 हाथियों की मौत और 2 या 3 की हालत गंभीर होने की ख़बर बेहद चौंकाने वाली है. इससे बांधवगढ़ में एक ही झटके में हाथियों की आबादी 10% कम हो गई है. इसकी तुरंत पूरी जांच होनी चाहिए और सुरक्षात्मक उपाय किए जाने चाहिए.
इधर इस मामले में मध्य प्रदेश के वन मंत्री राम निवास रावत ने हाथियों की मौत के मामले में विशेष जांच दल (SIT) से जांच कराने के आदेश दिए हैं और अधिकारिक से दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित करने को कहा है.
आ से करीब 6 साल पहले उड़ीसा से छत्तीसगढ़ के रास्ते 60 से 70 हाथियों का झुंड आया था और बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व का जंगल हमेशा हरा- भरा रहने के कारण हाथियों को भा गया और कहीं जाने का नाम ही नहीं लिए. कुछ दिन बाद ये अलग अलग झुंडों में बंट कर चारो तरफ फैल गए. कई बार ये हाथी किसानों की फसल भी नुकसान किये, घर तोड़ दिए, इतना ही नहीं लोगों को कुचल कर मौत के घाट भी उतार दिए.
नाग- नागिन हाथियों की मौत का जिम्मेदार
कुछ लोग इतनी बड़ी तादाद में हाथियों की मौत के लिए नाग- नागिन को जिम्मेदार मान रहे हैं. उनका कहना है कि जिस खेत में नाग- नागिन का जोड़ा संबंध बनाना है तो उसकी फसल जहरीली हो जाती है और हाथियों ने उस खेत की फसल को खा लिया है. इस वजह से उनकी मौत हो गई. हाथियों की जान जाने के पीछे क्या कारण है इसका पता तो पोस्टमार्मट रिपोर्ट के आने के बाद ही पता चलेगा. इस मामले में राज्य की राजनीति भी तेज नजर आ रही है.