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MP: ट्रेन हादसे के बाद नालियों में बह रहे डीजल के लिए मची लूट, देखें वायरल वीडियो

मध्य प्रदेश में एक ट्रेन के पटरी से उतर जाने के बाद लोग गिरे डीजल को इकट्ठा करने के लिए दौड़ पड़े. इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें लोगों की भीड़ बाल्टी और प्लास्टिक के डिब्बों में डीजल को भरकर ले जाती हुई नजर आ रही है.

MP: ट्रेन हादसे के बाद नालियों में बह रहे डीजल के लिए मची लूट, देखें वायरल वीडियो
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Credit- X- Ghar Ke Kalesh
हेमा पंत
Edited By: हेमा पंत

Published on: 6 Oct 2024 4:46 PM

3 अक्तूबर को मध्य प्रदेश के रतलाम में पेट्रोलियम प्रोडक्ट ले जा रही एक मालगाड़ी के तीन डिब्बे पटरी से उतर गए, जिसमें ट्रेन से डीजल लीक हो रहा था. डीजल को इकट्ठा करने के लिए कई लोग मौके पर पहुंच गए.

इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. जिसमें कई लोग नाले में टपक रहे डीजल को इकट्ठा करते हुए दिखाई दे रहे हैं. स्थानीय लोग प्लास्टिक के डिब्बे हाथ में लेकर पानी मिला डीजल घर ले जा रहे हैं.

यह लूट नहीं है

यही नहीं, वीडियो में पुलिस अधिकारी भी नजर आ रहे हैं. वहीं, सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे इस वीडियो को अब तक 2.7 लाख से अधिक बार देखा जा चुका है और ज्यादातर यूजर्स को स्थानीय लोगों द्वारा किए गए काम में कुछ भी गलत नहीं लग रहा है.

वीडियो के कैप्शन में लिखा "भीड़ ने ट्रेन के 3 वैगनों से डीजल लूट लिया". इस पर लोगों ने अलग-अलग कमेंट किए हैं. कई लोगों ने कहा कि इसे लूट नहीं माना जा सकता है, क्योंकि लोग केवल गिरा हुआ डीजल इकट्ठा कर रहे थे.

'नहीं कर सकते इस्तेमाल'

वहीं, अगर तर्क से बात करें, तो डीजल को जलाना बहुत मुश्किल है. इसलिए यह केवल कम्प्रेशन इंजन में इस्तेमाल करने के लिए सही है. इसे लूट कहना सही नहीं है,क्योंकि इसमें किसी तरह की कोई खींचातानी नहीं हुई है.

वीडियो के वायरल होते ही लोगों ने कहा "यह लूट नहीं है..लूट तब होगी जब लोग इसे टैंकर से लिया जाए. वह डीजल को नालियों से जमा कर रहे हैं. मुझे नहीं लगता कि यह गलत है. वीडियो में एक शख्स बोलता हुआ नजर आ रहा है कि इसमें पानी मिला है. ऐसे में यूजर ने कहा, मुझे लगता है वह डीजल का इस्तेमाल डायरेक्ट अपने गाड़ी के लिए नहीं कर सकते क्योंकि इसमें पानी मिला हुआ है.

मेरी राय में ये लोग केवल वही इकट्ठा कर रहे हैं, जो गिरा हुआ है. एक अन्य कमेंट में कहा गया कि ऐसा करने से आस-पास के पर्यावरण के क्षरण को रोकने में मदद मिलेगी.

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