फर्जी डॉक्टर का खूनी इलाज! खुद को बताया ब्रिटेन रिटर्न- सर्जरी में ले ली सात लोगों की जान
MP के दमोह जिले से एक फर्जी डॉक्टर का मामला सामने आया है जहां पर एक डॉक्टर ने खुद को ब्रिटेन का डॉक्टर बताकर नौकरी करने लगा और फिर उसने कई लोगों की की सर्जरी तो सात लोगों की जान चली गई जिसके बाद उसका खुलासा हो गया है.

मध्य प्रदेश के दमोह जिले से एक चौंकाने वाला मेडिकल घोटाला सामने आया है, जहां एक शख्स ने खुद को ब्रिटेन का जाना माना हृदय रोग विशेषज्ञ बताकर दर्जनों मरीजों का इलाज किया जिसमें कम से कम सात लोगों की मौत हो गई. आरोपी नरेंद्र विक्रमादित्य यादव ने खुद को ब्रिटिश डॉक्टर 'डॉ. एन जॉन केमा" के रूप में पेश किया और दमोह के एक निजी मिशनरी अस्पताल में सर्जन के तौर पर नौकरी हासिल की.
खुद को बताया फ्रांस का ड़ाक्टर फिर किया सर्जरी
आधिकारिक रिपोर्ट के मुताबिक, आरोपी ने कई हार्ट सर्जरी की, जिनके बाद मरीजों की मौतें हुईं. मामले की गंभीरता को देखते हुए प्रशासन ने जांच शुरू कर दी है. बाल कल्याण समिति के जिला अध्यक्ष और अधिवक्ता दीपक तिवारी ने दावा किया है कि मरने वालों की संख्या सात से कहीं ज्यादा हो सकती है। उन्होंने बताया कि कुछ परिवारों को शक होने पर उन्होंने मरीजों को जबलपुर शिफ्ट कर दिया, जिससे बड़ा नुकसान टल गया.
जांच में पता चला कि आरोपी ने ब्रिटिश डॉक्टर के फर्जी दस्तावेजों के आधार पर नौकरी हासिल की थी. यादव के खिलाफ हैदराबाद में भी एक आपराधिक मामला दर्ज है. राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने इस मामले पर संज्ञान लेते हुए कहा है कि संबंधित अस्पताल आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत सरकारी सहायता प्राप्त कर रहा था, जिससे मामले की गंभीरता और बढ़ जाती है.
प्रशासन पर उठा सवाल
दमोह कलेक्टर सुधीर कोचर ने कहा कि जांच पूरी होने के बाद ही कोई आधिकारिक बयान दिया जाएगा. वहीं, एसपी अभिषेक तिवारी ने बताया कि अस्पताल से संबंधित सभी दस्तावेज जब्त कर लिए गए हैं और पूरे मामले की गहन जांच की जा रही है. गौरतलब है कि आरोपी नरेंद्र यादव ने जुलाई 2023 में भी एक विवादास्पद ट्वीट किया था, जिसमें उन्होंने ब्रिटिश डॉक्टर के नाम से उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को फ्रांस भेजने की अपील की थी. इस ट्वीट के बाद भी उनकी पहचान पर सवाल खड़े हुए थे. अब जब यह पूरा मामला सामने आया है, तो पूरे जिले में सनसनी फैल गई है.