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मिलिए हेमंत सोरेन की भतीजियों से, मां की हार के बाद जिन्‍हें झेलनी पड़ी हूटिंग

हाल के हुए चुनाव से झारखंड की राजनीति में एक नए विवाद ने जन्म लिया है, जब जामताड़ा विधानसभा सीट पर भारतीय जनता पार्टी की प्रत्याशी और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की भाभी सीता सोरेन को हार का सामना करना पड़ा. इसके बाद सीता सोरेन की बेटियों का कांग्रेस के कुछ समर्थकों द्वारा अपमान हुआ. इस घटना पर सीता सोरेन ने ट्विटर पर एक वीडियो शेयर किया है. जिसके बाद से सीता सोरेन ने भी वीडियो शेयर किया है.

मिलिए हेमंत सोरेन की भतीजियों से, मां की हार के बाद जिन्‍हें झेलनी पड़ी हूटिंग
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( Image Source:  Social Media: X )

झारखंड की राजनीति में एक नए विवाद ने जन्म लिया है, जब जामताड़ा विधानसभा सीट पर भारतीय जनता पार्टी की प्रत्याशी और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की भाभी सीता सोरेन को हार का सामना करना पड़ा. इस हार के बाद कांग्रेस समर्थकों ने सीता सोरेन की तीन बेटियों के साथ बुरा व्यवहार किया, जिसे लेकर अब सोशल मीडिया पर चर्चा हो रही है. इस घटना का एक वीडियो वायरल हो गया है, जिसमें कांग्रेस कार्यकर्ताओं द्वारा सीता सोरेन की बेटियों की बुरी तरह हूटिंग की जा रही है. इस वीडियो को देखकर न केवल सीता सोरेन, बल्कि उनके समर्थक और अन्य लोग भी इस घटना की कड़ी निंदा कर रहे हैं.

सीता सोरेन की तीन बेटियां हैं. जब वह तीनों जिनका नाम जयाश्री, राजश्री और विजयश्री सोरेन हैं, चुनाव रिजल्ट ऐलान होने के बाद अपनी गाड़ी की ओर जा रही थीं, तब कांग्रेस के कुछ समर्थकों ने उन्हें घेरने की कोशिश की. इन समर्थकों ने शोर मचाते हुए सीता सोरेन की बेटियों को घेर लिया और उनका अपमान किया. हालांकि, उनके सुरक्षाकर्मियों ने बेटियों को भीड़ से निकाला.

सीता सोरेन ने खुद शेयर किया वीडियो

सीता सोरेन ने इस दुखद घटना का वीडियो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' (पूर्व में ट्विटर) पर शेयर किया. वीडियो में सीता सोरेन ने लिखा, "जनता के लिए लड़ाई लड़ना आसान नहीं होता. इस चुनाव में मैंने पूरी मेहनत की, लेकिन परिणाम हमारे पक्ष में नहीं आए. जब मैंने देखा कि कांग्रेस कार्यकर्ताओं द्वारा मेरी बेटियों को अपमानित किया जा रहा था, तो मेरा दिल टूट गया. यही जामताड़ा है, जहां मेरे पति ने अपना खून-पसीना बहाकर जनता की सेवा की थी. आज, उनकी बेटियों का अपमान किया जा रहा है, तो यह सवाल उठता है कि क्या यही सम्मान है, जो जनता ने हमारे संघर्ष और बलिदान के लिए दिया है?"

सीता सोरेन ने आगे लिखा, "मेरी बेटियों ने हर शब्द और हर अपमान का सामना शेरनियों की तरह किया. उन्होंने सिर ऊंचा करके अपनी मर्यादा बनाए रखी. मुझे गर्व है कि मेरी बेटियां दुर्गा सोरेन जी की तरह मजबूत और निडर हैं. उन्होंने यह साबित कर दिया कि यह हार हमारी हिम्मत को कमजोर नहीं कर सकती."

महिलाओं की सुरक्षा पर सवाल उठाती सीता सोरेन

सीता सोरेन ने अपने पोस्ट में यह भी लिखा, "यह हार मेरे लिए एक सबक है, एक नई शुरुआत है. मैंने अपनी बेटियों को शेरनियों की तरह पाला है. एक हाथ से राजनीति की जिम्मेदारी निभाई और दूसरे हाथ से अपनी बेटियों की परवरिश की. मेरा डर इस बात से है कि अगर सुरक्षा होते हुए भी इन गीदड़ों में इतनी हिम्मत है, तो बेसहारे महिलाओं और आदिवासी बेटियों को क्या-क्या नहीं सहना पड़ता होगा. कांग्रेस जहां भी है, वहां महिलाएं असुरक्षित हैं."

सीता सोरेन ने अंत में कहा, "मासूम आदिवासी लोग आपके छल और झूठ के जाल में फंसे हुए हैं, लेकिन वह दिन जरूर आएगा, जब यही आदिवासी आपको इस संथाली धरती से उखाड़ फेंकेंगे." यह शब्द न केवल कांग्रेस के खिलाफ एक कड़ी चेतावनी हैं, बल्कि यह आदिवासी समुदाय की ताकत और उनके संघर्ष को भी दर्शाते हैं, जो एक दिन सत्ता और अन्याय का सामना कर सकते हैं.

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