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10वीं क्लास की 80 छात्राओं के शर्ट उतारकर ब्लेजर में घर भेजने पर मचा बवाल, हैरान हुए परिजन

झारखंड के धनबाद जिले से एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है. एक प्राइवेट स्कूल की प्रिंसिपल ने मामूली विवाद पर नाराज होकर 10वीं कक्षा की छात्राओं को अपनी शर्ट उतारने का आदेश दिया और उन्हें उसी स्थिति में घर जाने को मजबूर कर दिया.

10वीं क्लास की 80 छात्राओं के शर्ट उतारकर ब्लेजर में घर भेजने पर मचा बवाल, हैरान हुए परिजन
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( Image Source:  Create By AI )
सागर द्विवेदी
Edited By: सागर द्विवेदी

Updated on: 7 Nov 2025 2:28 PM IST

झारखंड के धनबाद के कार्मल स्कूल, डिगवाडीह में दो दिन पहले 10वीं कक्षा की छात्राओं ने "पेन डे" मनाया. इस दौरान छात्राओं ने एक-दूसरे की शर्ट पर बधाई संदेश, मन के भाव, और परीक्षा के लिए "बेस्ट ऑफ लक" लिखा. हालांकि, इस गतिविधि के बाद स्कूल के प्रिंसिपल ने कठोर कदम उठाते हुए छात्राओं की शर्ट उतरवा दी और केवल ब्लेजर पहनने का आदेश दिया और फिर सिर्फ ब्लेजर में घर भेजा. यह घटना गुरुवार दोपहर की बताई जा रही है. यह देखकर छात्राओं के परिजन हैरान हो गए.

इस मामले को लेकर छात्राओं के परिजनों ने धनबाद की उपायुक्त (डीसी) को शिकायत दी है. झरिया की विधायक रागिनी सिंह ने इस घटना को "तालीबानी कृत्य" करार देते हुए प्रिंसिपल के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है. घटना के अनुसार, स्कूल में 10वीं की छात्राओं का गुरुवार को आखिरी पेपर था.

पेन डे मना रही थी छात्राएं

परीक्षा समाप्त होने के बाद छात्राओं ने अपनी शर्ट पर संदेश लिखकर जश्न मनाने की कोशिश की, जिससे प्रिंसिपल नाराज हो गईं. इसके बाद प्रिंसिपल ने छात्राओं से शर्ट उतारने को कहा और उन्हें केवल ब्लेजर पहनकर घर लौटने के लिए मजबूर किया.

परिजनों का फूटा गुस्सा

इसके बाद शर्म के मारे छात्राएं रोने लगीं तो उन्हें तन ढंकने के लिए केवल ब्लैजर दिया गया. ऐसे में सभी छात्राएं वहीं ब्लैजर पहनकर अपने घर गई और अपने परिजनों को पूरी घटना की जानकारी दी. जिसके बाद अभिवावको ने धनबाद की डीसी माधवी मिक्षा के मिलकर शिकायद दी. उन्होंने परिजनों की शिकायत प्रिंसिपल के खिलाफ कार्रवाई का भरोसा दिया. इतने में सूचना मिलने पर झरिया की विधायक रागिनी सिंह भी डीसी ऑफिस पहुंच गईं. उन्होंने कहा कि एक महिला होकर भी प्रिंसिपल ने ऐसी हरकत की है. इस तरह की तालीबानी हरकत को किसी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जा सकता.

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