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प्रियंका चोपड़ा की नानी के नक्शेकदम पर चलेंगी पूर्णिमा, जमशेदपुर पूर्व की उम्मीदों पर कितना खरा उतरेंगी?

झारखंड में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. जमशेदपुर पूर्व विधानसभा सीट से बीजेपी ने पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास की बहू पूर्णिमा दास को टिकट दिया है. रघुवर दास यहां से तीन बार विधायक रह चुके हैं. अब उनकी बहू ने रघुवर दास की विरासत को आगे बढ़ाने की बात कही है. देखना यह होगा कि कांग्रेस व अन्‍य पार्टियों पर परिवारवाद का आरोप लगाने वाली बीजेपी का खुद का 'परिवार राज' कितना कामयाब हो पाएगा.

प्रियंका चोपड़ा की नानी के नक्शेकदम पर चलेंगी पूर्णिमा, जमशेदपुर पूर्व की उम्मीदों पर कितना खरा उतरेंगी?
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नवनीत कुमार
Curated By: नवनीत कुमार

Updated on: 29 Oct 2024 9:32 AM IST

झारखंड में चुनावी कवायद के बीच 19 अक्टूबर को बीजेपी ने उम्‍मीदवारों की पहली लिस्ट जारी की. इस लिस्ट में वैसे तो कई चर्चित नाम थे लेकिन सबसे ज्यादा निगाहें बीजेपी के गढ़ माने जा रहे जमशेदपुर पूर्व विधानसभा सीट पर थी. अक्‍सर परिवारवाद का आरोप लगाने वाली बीजेपी ने लिस्ट में झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और वर्तमान में ओडिशा के राज्यपाल रघुवर दास की बहू पूर्णिमा दास साहू को यहां से उम्‍मीदावार घोषित किया है. वहीं, इस सीट पर इंडिया एलायंस ने कांग्रेस के डॉ. अजय कुमार को मैदान में उतारा है.

टिकट मिलने पर पूर्णिमा ने कहा कि मुझे चुनाव लड़ने के लिए बीजेपी ने टिकट दिया है. मैं बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व पीएम मोदी, अमित शाह और जेपी नड्डा का धन्यवाद देती हूं. मैं अपने ससुर रघुवर दास की विरासत को आगे बढ़ाउंगी. आइये आपको बताते हैं कि आखिर छत्तीसगढ़ की रहने वाली पूर्णिमा कैसे बनी रघुवर दास की बहू...

मीडिया कर्मी से लेकर रघुवर दास की बहू बनने तक ऐसा रहा सफर

पूर्णिमा के पिता भगीरथी साहू बिजनेसैन हैं और मां कौशल्या साहू टीचर हैं. उन्होंने स्कूल की पढ़ाई रायपुर से की और महंत लक्ष्मी नारायण दास कॉलेज से स्नातक की डिग्री हासिल की. शादी से पहले पूर्णिमा रायपुर में ही एक निजी मीडिया कंपनी में काम करती थी.

पूर्णिमा दास के रिश्तेदार की बेटी की शादी रांची में हुई थी और रघुवर दास रिश्ते में उनके मामा ससुर लगते हैं. रिश्तेदार की बेटी ने ही फेसबुक पर पूर्णिमा को देखकर रिश्ते की बात बढ़ाई थी. जब बात चली तो पूर्णिमा के घरवाले इतने बड़े घर में रिश्ते की बात सुनकर घबरा गए थे. हालांकि बाद में उन्होंने हामी भर दी. दोनों की शादी 8 मार्च 2019 को हुई.

कितनी संपत्ति की हैं मालकिन?

चुनाव आयोग को दी गई जानकारी के मुताबिक जमशेदपुर पूर्वी की बीजेपी प्रत्याशी पूर्णिमा साहू के पास 86 लाख 75 हजार 47 रुपये की संपत्ति है. इसमें से इनकी चल संपत्ति 11 लाख 75 हजार 417 रुपये और अचल संपत्ति 75 लाख रुपये है. पूर्णिमा के पास नकद 30 हजार 600 रुपये तथा बैंक खाते में एक लाख 93 हजार 260 रुपये हैं. वहीं, पूर्णिमा के पति ललित दास की संपत्ति 87 लाख 66 हजार 342 रुपये है. पूर्णिमा की बेटी अराध्या के खाते में एक लाख 58 हजार रुपये हैं. वित्तीय वर्ष 2024-25 में पूर्णिमा की वार्षिक आय 3,48,890 रुपये है.

बहू मानकर दे रहे प्यार

टिकट मिलने के बाद पूर्णिमा दास साहू लोगों से जनसंपर्क कर रही हैं. लोग उनका बहू की तरह आरती उतारकर स्वागत कर रहे हैं. कुछ जगहों पर उन्हें साड़ी और नेग के रूप में नकद राशि भी दी जा रही है. पूर्णिमा ने बताया कि उन्हें कई जगहों पर लोग एक प्रत्याशी की तरह नहीं बल्कि अपनी बहू की तरह प्यार दे रहे हैं. क्योंकि बहू होने के कारण वह पहले किसी के घर नहीं जा पाई थी.

चुनाव आयोग में की गई शिकायत

रघुवर दास पर भी अपनी बहू के लिए चुनाव प्रचार करने का आरोप है. जमशेदपुर पूर्व से कांग्रेस उम्मीदवार डॉ. अजय कुमार ने चुनाव आयोग को पत्र लिखा है. उन्होंने लिखा, "यह आपके संज्ञान में पुनः लाया जाता है कि ओडिशा के राज्यपाल रघुवर दास अपनी पुत्रवधू पूर्णिमा दास के लिए प्रचार कर रहे हैं, जो भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर जमशेदपुर पूर्व से चुनाव लड़ रही हैं. आपके संज्ञान में यह भी लाया जाता है कि प्राप्त सूचना के अनुसार ओडिशा के राज्यपाल रघुवर दास पूर्वी जमशेदपुर निर्वाचन क्षेत्र में चुनाव बूथ समिति की बैठकों में भाग लेते हुए पाए गए और सार्वजनिक स्थानों पर विभिन्न सामग्री वितरित करते हुए पाए गए हैं."

ससुर को कितनी बार मिली है जीत

झारखंड राज्य बनने के बाद अब तक जमशेदपुर पूर्व विधानसभा क्षेत्र में चार बार चुनाव हुए हैं. इसमें तीन बार झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रहे रघुवर दास को जीत मिली है. वहीं, बीजेपी से बगावत कर निर्दलीय लड़ने वाले पूर्व मंत्री सरयू राय को एक बार जीत मिली है.

प्रियंका चोपड़ा की नानी रह चुकी हैं विधायक

एक्ट्रेस प्रियंका चोपड़ा की नानी मधु ज्योत्सना अखौरी भी 1967 में जमशेदपुर की पहली महिला विधायक बनीं थीं. वे ट्रेड यूनियन से भी जुड़ी हुई थीं. उन्हें जेम्को तार कंपनी ट्रेड यूनियन का अध्यक्ष भी चुना गया था. मधु ज्योत्सना अखौरी ने पहली बार कांग्रेस के टिकट से वर्ष 1962 में जमशेदपुर सीट से चुनाव लड़ा था, जिसमें उन्हें 13138 वोट मिले थे. उसके बाद 1967 में फिर से चुनाव लड़ीं तो उन्हें जीत मिली.

कितने हैं मतदाता

पूर्वी सिंहभूम जिले में जमशेदपुर पूर्व आता है. इस विधानसभा सीट पर कुल 3 लाख 36 हजार 116 मतदाता अपने मताधिकार का इस्तेमाल करेंगे. इसमें 1 लाख 69 हजार 413 पुरुष, 1 लाख 66 हजार 586 महिला और 177 थर्ड जेंडर वोटर हैं. बता दें, झारखंड में विधानसभा चुनाव दो चरणों में कराए जा रहे हैं.

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