झारखंड में एनडीए सीटों के बंटवारे से क्या फिर खुलेगी सत्ता में वापसी की राह?
Jharkhand Polls 2024: झारखंड में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर एनडीए में सीट बंटवारा हो चुका है. पार्टी ने इसे लेकर अपनी चुनावी रणनीति बनाना शुरू कर दिया है. सीट शेयरिंग पर सवाल ये भी है कि आखिर इसके जरिए पार्टी सत्ता तक पहुंचने में कितनी सफल हो पाएगी?

Jharkhand Polls 2024: झारखंड विधानसभा चुनाव को लेकर एनडीए में आपसी सहमति से सीट शेयरिंग हो गई है. इसमें बीजेपी के पाले में 68 सीटें, आजसू को 10 सीटें मिली है. वहीं सहयोगी दल जेडीयू दो और एलजेपी एक सीट पर चुनाव लड़ेंगे. अब देखना ये है कि झारखंड में एनडीए सीटों का बंटवारे वाला फॉर्मुला कितना सफल हो पाता है.
एनडीए अपनी चुनावी रणनीति को लेकर माइक्रों मैनेजमेंट करने में लगी है, जिसमें वोटरों को घर-घर जाकर जोड़ने की मुहिम शुरू की गई है. इसमें पुराने वोटर्स समेत नए को भी जोड़ने की पूरी ताकत लगाई जाएगी. चुनाव आयोग के मुताबिक झारखंड में इस समय 2.6 करोड़ मतदाता हैं. बीजेपी 2019 के चुनाव में 79 सीटों पर चुनाव लड़ा था, जिसमें 25 पर जीत हासिल की थी, जबकि आजसू ने 53 सीटों पर दांव खेलते हुए 2 सीटें जीती थी.
घटक दलों के साथ NDA की बूथ स्तरीय तैयारी
NDA अपनी सीट शेयरिंग के साथ ही बूथ स्तर पर अपने सहयोगी दल के साथ मिलकर कमेटी बनाएगी. अपनी-अपनी पार्टी के कैडर और डेमोग्राफी के मुताबिक वोटरों को लुभाने की NDA की प्लानिंग है. चुनावी सभाओं के लिए इलेक्शन को-ऑर्डिनेशन कमेटी भी बनाई जाएगी. प्रत्याशियों के एलान के साथ ही घटक दलों को क्षेत्र देकर इस काम शुरू कर दी जाएगी. बीजेपी अकेले ही झारखंड में इस बार जी-तोड़ मेहनत कर रही है, जिसका फायदा सहयोगी दलों को भी मिलने की उम्मीद है.
गोगो दीदी योजना से हर घर का दौरा
चुनाव के लिए आचार संहिता लागू होने से पहले बीजेपी गोगो दीदी योजना के तहत घर-घर भ्रमण करके लोगों को अपने पाले में लाने की कोशिश में लगी है. घटक दलों के साथ क्षेत्र के मुताबिक, सभी जिलों में जिला, मंडल, बूथ स्तर के कार्यकर्ताओं को घर-घर जाकर योजना की जानकारी देने की जिम्मेदारी दी गई है. इसके तहत कार्यकर्ता घरों में जाकर फॉर्म भरवाने का काम भी कर रहे हैं.
सीट शेयरिंग और जातीय समीकरण साधने की तैयारी
सीट शेयरिंग और प्रत्याशियों के एलान के बाद एनडीए ने जातीय समीकरण पर काम करना शुरू कर दिया है. आदिवासी वोटरों को जोड़ने पर भी काम किया जा रहा है. हर बूथ को लेकर पन्ना प्रमुखों को भी काम पर लगाया गया है. इनकी जिम्मेदारी चुनाव के दिन वोटरों को बूथ तक पहुंचाने की होगी.