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पढ़ाई से भी ज्यादा जरूरी क्या? किन चीजों पर ज्यादा खर्च रहे इस राज्‍य के लोग, सामने आई रिपोर्ट

मिनिस्ट्री ऑफ स्टैटिक्स ने एक रिपोर्ट जारी की है. इस रिपोर्ट के अनुसार किस राज्य में गाव में रहने वाले लोग किन चीजों पर ज्यादा खर्च करते हैं. इसकी जानकारी दी गई है. झारखंड में रहने वाले लोग पढ़ाई से ज्यादा दूध, दही, पनीर, मुर्गा-मछली, शराब और तंबाकू जैसी चीजों पर अधिक खर्च करते हैं.

पढ़ाई से भी ज्यादा जरूरी क्या? किन चीजों पर ज्यादा खर्च रहे इस राज्‍य के लोग, सामने आई रिपोर्ट
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( Image Source:  Representative Image/ Freepik )
सार्थक अरोड़ा
Edited By: सार्थक अरोड़ा

Updated on: 4 Feb 2025 1:25 PM IST

अच्छा जीवन, पैसे या फिर लैविश लाइफ जीने के लिए पढ़ाई कितनी जरूरी होती है, ये सभी जानते हैं. लेकिन शायद झारखंड में कुछ ग्रामीणों की ऐसी सोच नहीं. प्रभात खबर की एक रिपोर्ट के मुताबिक झारखंड में ग्रामीण लोग पढ़ाई से ज्यादा दूध-दही, मछली या फिर मुर्गे पर पैसे खर्च करना पंसद करते हैं. इसपर एक रिपोर्ट भी सामने आई है.

दरअसल एक रिपोर्ट जारी की गई जिसमें खुलासा हुआ कि झारखंड में गांव में रहने वाले लोग किन चीजों पर कितना खर्च करते हैं. नतीजें चौंका देने वाले थे. इसिलए भी क्योंकी लोगों ने पढ़ाई से ज्यादा तवज्जो पान, बीड़ी, सिगरेट और शराब पर खर्च किए हैं. हालांकि ऐसा नहीं है कि पढ़ाई पर नहीं किया गया लेकिन और चीजों के मुकाबले कम है. इस रिपोर्ट को सांख्यिकी मंत्रालय ( मिनिस्ट्री ऑफ स्टैटेटिक्स) द्वारा जारी किया गया है.

क्या कहती है सांख्यिकी मंत्रालय की रिपोर्ट?

सांख्यिकी मंत्रालय की ओर से जारी की गई रिपोर्ट के अनुसार झारखंड में परिवार का प्रति माह एवरेज खर्च 2,763 रुपये का करता है. इनमें खाने के सामान पर सबसे ज्यादा जैसे, दाल, तेल,चीनी, सब्जी, मुर्गा, मछली, जैसे सामान पर 336.74 रुपये खर्च करता है. इन खाने पीने के सामान पर दूसरी चीजें शामिल जैसे पान, बीड़ी, शराब, दवा, कपड़ा और पढ़ाई पर सिर्फ 14,26.53 रुपये खर्च करता है.

जारी हुई रिपोर्ट में आंकड़ों का कहना है कि झारखंड का ग्रामीण परिवार दूध, दही, पनीर पर प्रतिमाह 147.29 रुपये और मुर्गा मछली पर 185.56 रुपये खर्च करता है. वहीं तंबाकू उत्पाद व शराब पर 100.33 रुपये खर्च करता है. हालांकि, शिक्षा पर प्रतिमाह औसत 83.72 रुपये खर्च करता है. अब अन्य सभी चीजों से शिक्षा पर कितना कम खर्च किया जाता है इसपर काफी हैरानी और गौर किया जा रहा है.

अन्य राज्यों का क्या हाल?

इस रिपोर्ट में अन्य राज्यों का भी जिक्र किया गया है. इसमें झारखंड समेत, बिहार, ओडिशा, बंगाल, असम, उत्तराखंड, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश, दिल्ली राज्य शामिल हैं. अब बात की जाए बिहार के गांव में रहने वाले परिवार की तो बिहार में दूध, दही, पनीर पर 309,51 रुपये खर्च किया जाता है. इसी तरह मुर्गा मछली पर 185.56, तंबाकू-शराब पर 95.78, और पढ़ाई पर 100.57 रुपये खर्च करता है.

ओडिशा में दूध, दही, पनीर पर 96 रुपये, मुर्गा मछली पर 186 रुपये, तंबाकू-शराब पर 125 रुपये और पढ़ाई पर 68.86 रुपये खर्च करते हैं. बंगाल में 122.51 दूध, दही, पनीर जैसे सामान, मुर्गा-मछली पर 312, तंबाकू-शराब पर 111 पर और पढ़ाई पर 91 पर खर्च करते हैं. असम की बात की जाए तो 149 दूध, पनीर और दही जैसे सामान और मुर्गा मछली पर 318 पर, तंबाकू पर 202, और पढ़ाई पर 60 रुपये खर्च करते हैं.

उत्तराखंड के आंकड़े की बात करें तो दूध/दही/पनीर पर 427.30 रुपये, मुर्गा/मछली पर 131.77 रुपये, तंबाकू/शराब पर 272.19 रुपये और पढ़ाई पर 200.65 का खर्च करते हैं. छत्तीसगढ़ में 84.84 रुपये दूध/दही/पनीर पर, 102.47 मुर्गा/मछली पर, तंबाकू/शराब पर 153.37 और पढ़ाई पर 36.87 रुपये खर्च किए जाते हैं. UP में दूध/दही/पनीर 337.02 रुपये, 99.42 रुपये मुर्गा/मछली पर और तंबाकू/शराब पर 107.40, पढ़ाई पर महज 11.26 रुपये.

राजधानी की बात की जाए तो राजधानी में कुछ गांव में रहने वाले लोग दूध/दही/पनीर पर 813.31 रुपये, मुर्गा/मछली पर 103.66 रुपये, तंबाकू/शराब पर 354.03 रुपये और पढ़ाई पर 276.59 रुपये खर्च करता है.

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