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दिशोम गुरु शिबू सोरेन अस्पताल में भर्ती, राष्ट्रपति मुर्मू ने जाना हालचाल; झारखंड में दुआओं का दौर, झामुमो कार्यकर्ता कर रहे पूजा-पाठ

झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के संस्थापक और पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन की तबीयत बिगड़ने के बाद उन्हें दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल में भर्ती कराया गया है. डॉक्टरों की टीम उनके इलाज में जुटी है और बताया जा रहा है कि उन्हें हल्का पैरालिसिस अटैक आया है. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अस्पताल जाकर उनका हालचाल जाना, जबकि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, उनकी पत्नी और भाई लगातार दिल्ली में मौजूद हैं. शिबू सोरेन को झारखंड राज्य आंदोलन का बड़ा चेहरा माना जाता है और वे तीन बार मुख्यमंत्री रह चुके हैं.

दिशोम गुरु शिबू सोरेन अस्पताल में भर्ती, राष्ट्रपति मुर्मू ने जाना हालचाल; झारखंड में दुआओं का दौर, झामुमो कार्यकर्ता कर रहे पूजा-पाठ
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( Image Source:  ANI )

झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के संस्थापक, पूर्व मुख्यमंत्री और राज्यसभा सांसद दिशोम गुरु शिबू सोरेन की तबीयत बिगड़ने के बाद उन्हें दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल में भर्ती कराया गया है. उनकी हालत को देखते हुए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू भी गुरुवार को अस्पताल पहुंचीं और उनका हालचाल जाना. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, उनकी पत्नी कल्पना सोरेन और विधायक बसंत सोरेन लगातार दिल्ली में डटे हुए हैं और उनके स्वास्थ्य पर नजर बनाए हुए हैं.

शिबू सोरेन के इलाज की ज़िम्मेदारी सर गंगाराम अस्पताल के नेफ्रोलॉजी विभाग के प्रमुख डॉ. ए.के. भल्ला की अगुवाई में एक विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम संभाल रही है. बताया जा रहा है कि उन्हें हल्का पैरालिसिस अटैक आया है.



रघुवर दास ने भी फोन कर जाना हाल

पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने भी मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को फोन कर शिबू सोरेन की स्थिति की जानकारी ली और ईश्वर से उनके शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना की. उन्होंने X पर लिखा,"मैं महाप्रभु भगवान जगन्नाथ से बाबा के जल्द स्वस्थ होने की कामना करता हूं, ताकि वे पुनः झारखंड की सेवा में जुट सकें."


पूजा-पाठ कर रहे झामुमो कार्यकर्ता

शिबू सोरेन के स्वास्थ्य को लेकर झारखंड कांग्रेस भी चिंतित है. कांग्रेस के सह प्रभारी बेला प्रसाद के साथ झारखंड सरकार के मंत्री डॉ. इरफान अंसारी ने देवघर से दिल्ली के लिए रवाना होकर उनका हालचाल लेने की योजना बनाई है. उधर, झामुमो कार्यकर्ता और समर्थक भी शिबू सोरेन के शीघ्र स्वस्थ होने के लिए पूजा-पाठ और प्रार्थना कर रहे हैं.


शिबू सोरेन: झारखंड आंदोलन का आधार स्तंभ

शिबू सोरेन को झारखंड आंदोलन का प्रणेता और आदिवासी समाज का सशक्त नेतृत्वकर्ता माना जाता है. 'दिशोम गुरु' के नाम से लोकप्रिय शिबू सोरेन ने सूदखोरी और शराब के खिलाफ आंदोलन चलाया और फिर झारखंड को एक अलग राज्य बनाने की लंबी लड़ाई लड़ी. वे तीन बार झारखंड के मुख्यमंत्री रहे, हालांकि तीनों बार कुल मिलाकर सिर्फ 10 महीने 10 दिन ही मुख्यमंत्री पद पर रह सके.


पहली बार शिबू सोरेन 2 मार्च 2005 को मुख्यमंत्री बने थे, लेकिन 12 मार्च को ही इस्तीफा देना पड़ा. बाद में केंद्र सरकार में भी वे मंत्री पद संभाल चुके हैं. फिलहाल वे राज्यसभा के सदस्य हैं और झारखंड मुक्ति मोर्चा के मार्गदर्शक के रूप में पार्टी को दिशा दे रहे हैं. आज उनके बेटे हेमंत सोरेन राज्य के मुख्यमंत्री हैं और झामुमो झारखंड की सबसे बड़ी राजनीतिक ताकत बन चुकी है. शिबू सोरेन का राजनीतिक और सामाजिक योगदान झारखंड के इतिहास में एक मजबूत अध्याय के रूप में दर्ज है.

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