'बेवजह हॉर्न बजाने से क्या होगा?' गुरुग्राम ट्रैफिक पुलिस ने KBC स्टाइल में लोगों से पूछा सवाल
Gurugram Traffic Police: गुरुग्राम ट्रैफिक पुलिस ने सिग्नल पर अनावश्यक हॉर्न बजाना यात्रियों को मजाकिया अंदाज में शिष्टाचार का पाठ पढ़ाया है. पुलिस ने एक ऑटो रिक्शा में केबीसी शो की तरह सवाल पूछा कि 'बेवजह हॉर्न बजाने से क्या होगा?' इसके लिए 4 विकल्प भी दिए गए. अब हर ओर इस विज्ञापन की चर्चा हो रही है.

Gurugram Traffic Police: भारत में ट्रैफिक जाम एक बड़ी समस्या है. रोड पर गाड़ियों की लंबी कतारें लगी रहती हैं. कई बार ट्रैफिक में या रेड लाइट के समय लोग बिना बात के हॉर्न बजाना शुरू कर देते हैं. इससे ध्वनि प्रदूषण होता है. जो कि सेहत और पर्यावरण दोनों के लिए ठीक रही है. अब गुरुग्राम ट्रैफिक पुलिस ने एक मजाकिया अंदाज में हॉर्न बजाने से होनी वाली समस्याओं के बारे में बताया है.
जानकारी के अनुसार, ट्रैफिक सिग्नल पर अनावश्यक हॉर्न बजाना यात्रियों और ट्रैफिक पुलिस दोनों के लिए लगातार परेशानी का कारण बनता है, जिससे अनावश्यक शोर और डिस्टर्बेंस होता है. इससे लोगों को जागरूक करने के लिए हाल ही में गुरुग्राम ट्रैफिक पुलिस ने क्विज़ शो कौन बनेगा करोड़पति (केबीसी) से प्रेरणा लेते हुए एक मजेदार और मजाकिया अंदाज में अभियान शुरू किया.
ट्रैफिक पुलिस का अनोखा अभियान
गुरुग्राम में एक ऑटो-रिक्शा पर केबीसी के सवाल की तरह एक विज्ञापन देखा गया. जिसने लोगों का ध्यान अपनी ओर खींचा. विज्ञापन में एक चुटीला सवाल था, 'बेवजह हॉर्न बजाने से क्या होगा?' जिसके जवाब के लिए 4 ऑप्शन दिए गए थे.
A- गाड़ी उड़ने लगती है
B- बत्ती हरी हो जाती है (ट्रैफिक लाइट हरी हो जाती है)
C- ट्रैफिक गायब हो जाता है
D- ध्वनि प्रदूषण होता है
लिंक्डइन पर शेयर हुआ पोस्टर
इस विज्ञापन को फरीदाबाद की मार्केटिंग प्रोफेशनल ऋचा अरोड़ा ने अपने लिंक्डइन अकाउंट पर शेयर किया है. उन्होंने तारीफ करते हुए लिखा, 'इस कॉपीराइटर ने हम सभी मार्केटर्स को शानदार तरीके से रोस्ट कर दिया. यह विज्ञापन छोटा, जरूरी और बिल्कुल परफेक्ट है. गुरुग्राम ट्रैफिक पुलिस के कॉपीराइटर को सलाम.' अब इसकी खूब चर्चा हो रही है.
सोशल मीडिया अभियान की चर्चा
ट्रैफिक पुलिस द्वारा चलाए जा रहे इस अभियान की चर्चा हर ओर हो रही है. सोशल मीडिया पर ऑटो रिक्शा के पीछे चिपका पोस्टर वायरल हो रहा है. यूजर्स ने पुलिस की प्रशंसा की और इस कदम को सराहनीय बताया. एक यूजर ने लिखा, 'ये कॉपीराइटर बिना जले, कैसे भूनना है, यह जानते हैं.' दूसने ने कहा, 'गुरुग्राम में आप हिंदी या हरियाणवी नहीं बोलते हैं - व्यंग्य ही एकमात्र भाषा है जो समझ में आती है.' तीसरे यूजर ने मजाकिया अंदाज में कहा कि 'आपका हॉर्न कोई डीजे रीमिक्स बटन नहीं है - बीट्स को कम रखें.'