न गाड़ी न घोड़ा, आखिर क्यों हरियाणा के इस गांव के लोग ट्यूब से सफर करने को हुए थे मजबूर?
प्रशासन ने जल निकासी का काम किया, जिसके बाद अब जैवंत गांव के लोगों की जिंदगी पटरी पर आ गई है. अब लोग ट्यूब के बजाय सामान्य रास्ते से आवाजाही कर रहे हैं. दोबारा गांव में इस तरह की परेशानी न आए, इसके लिए प्रशासन ने सरकार को 75 लाख रुपये का प्रपोजल भेजा है, ताकि इस समाधान किया जा सके.

सोचिए क्या हो जब आपके पैर जमीन पर न पड़े? यह आपको जमीन ही न दिखे. ऐसा ही कुछ हरियाणा के एक गांव के लोगों के साथ हुआ है. यहां जैवंत गांव में ऐसी बारिश आई कि हर जगह पानी भर गया था. इसके कारण गांव के लोग ट्यूब से सफर कर रहे थे. करीब 6 महीने तक लोगों ने जलभराव के कारण परेशानियां झेली.
प्रशासन ने जल निकासी का काम किया, जिसके बाद अब जैवंत गांव के लोगों की जिंदगी पटरी पर आ गई है. अब लोग ट्यूब के बजाय सामान्य रास्ते से आवाजाही कर रहे हैं. दोबारा गांव में इस तरह की परेशानी न आए, इसके लिए प्रशासन ने सरकार को 75 लाख रुपये का प्रपोजल भेजा है, ताकि इस समाधान किया जा सके.
घुसिंग गांव के लोग भी हुए परेशान
पानी भरने के के कारण इस गांव से सटे घुसिंग गांव को भी बड़ी समस्या झेलने पड़ी. अब यहां रहने वाले करीब 10 हजार लोगों ने राहत की सांस ली है. जैवंत गांव में पांच फीट तक पानी भर गया था. इसके कारण बड़ी संख्या में घर पानी की चपेट में आए. वहीं, लोग टापूनमा जिंदगी जीने को मजबूर थे.
गांव का टूटा कनेक्शन
जलभराव के कारण लोगों का गांव से कनेक्शन खत्म हो गया था. इसके चलते बच्चे अपनी जान जोखिम में डाल ट्यूब से स्कूल जाते थे. इतना ही नहीं, कई लोगों ने तो गांव छोड़ दिया था.
ऐसे की जल निकासी
जल निकासी का काम 17 जनवरी से शुरू हुआ. इसके लिए प्रशासन ने बिजली की 22 खंभों की लाइन व ट्रांसफार्मर लगवाए. साथ ही, कई बिजली के मोटर व पंप सेट किए गए. वहीं, सिंचाई विभाग की ड्रेनेज टीम भी काम में जुटी हुई थी.
गांव में खुशी का माहौल
पानी से पानी निकाले जाने के चलते गांव वाले बेहद खुश हैं. अब लोगों की जिंदगी दोबारा से पटरी पर आ गई है. कई लोगों का कहना था कि पानी को देख वह भूल गए थे कि सड़कें कैसी होती है. साथ ही, अब उनके बच्चे दोबारा से बिना किसी डरे के बाहर जा पाएंगे.