शैलजा को बीजेपी से मिला ऑफर, सपोर्ट में उतरे मनोहर लाल खट्टर, जानिए कौन हैं कांग्रेस नेता?
हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर शैलजा के समर्थन में आए हैं. उन पर कांग्रेस के एक नेता ने आपत्तिजनक टिप्पणी की थी, जिसको लेकर खट्टर ने कांग्रेस पार्टी पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस में शैलजा का अपमान हुआ है. इसके बाद भी कांग्रेस को शर्म नहीं आई.

Who Is Kumari Shailja: हरियाणा में कुछ दिनों बाद ही विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. चुनाव से पहले सियासी पारा हाई है. राज्य में रोजाना राजनीतिक घमासान देखने को मिल रहा है. इस बीच भारतीय जनता पार्टी ने कांग्रेस सांसद कुमारी शैलजा को पार्टी में शामिल होने का ऑफर दिया है.
हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर शैलजा के समर्थन में आए हैं. उन पर कांग्रेस के एक नेता ने आपत्तिजनक टिप्पणी की थी, जिसको लेकर खट्टर ने कांग्रेस पार्टी पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस में शैलजा का अपमान हुआ है.
बीजेपी में शामिल होंगी शैलजा?
मीडिया ने खट्टर से पूछा क्या कुमारी शैलजा और रणदीप सिंह सुरजेवाला बीजेपी में शामिल होंगे? इसके जवाब में उन्होंने कहा, 'यह संभावनाओं का संस्कार है और संभावनाओं से इनकार नहीं किया जा सकता. सही वक्त आने पर आपको सब कुछ पता चल जाएगा.'
कांग्रेस ने किया अपमान
पूर्व सीएम ने कहा, शैलजा को गालियां तक दी गई और अब तो वह घर बैठ गई हैं. कांग्रेस ने उनका अपमान किया है. इसके बाद भी कांग्रेस को शर्म नहीं आई.
कांग्रेस नेता की शैलजा पर टिप्पणी
हाल ही में कांग्रेस प्रत्याशी भरत सिंह बेनीवाल का एक वीडियो वायरल हो रहा है. वीडियो में वह बोलते दिखाई दिए कि 'शैलजा अपने घर पर रहें, शैलजा के पास क्या? है हम तो हुड्डा के साथ हैं.'
कांग्रेस से नाराज हैं शैलजा?
सूत्रों के अनुसार कांग्रेस ने भूपेंद्र सिंह हुड्डा के गुट के लोगों को टिकट वितरण में शामिल किया. इससे कुमारी शैलजा नाराज हैं. वह चुनावी कैंपेनिंग से दूर हैं. वह उकलाना से चुनाव लड़ना चाहती थीं लेकिन उन्हें टिकट नहीं मिला.
कौन हैं शैलजा कुमारी?
शैलजा कुमारी का जन्म हरियाणा के हिसार में 24 सितंबर, 1962 को हुआ था. उनके पिता का नाम चौधरी दलबीर सिंह है. उनकी प्रारंभिक शिक्षा दिल्ली के जीसस एंड मेरी पब्लिक स्कूल से हुई. उन्होंने आगे की पढ़ाई चंडीगढ़ से पंजाब विश्वविद्याल से की है.
कांग्रेस से जुड़ी
साल 1990 में कुमारी शैलजा महिला कांग्रेस अध्यक्ष बनीं और अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत की. इसके बाद 1991 में वे पहली बार 10वीं लोकसभा चुनाव में हरियाणा के सिरसा लोकसभा सीट से खड़ी हुई और जीत हासिल की. उन्हें नरसिंहराव सरकार ने शिक्षा और संस्कृति राज्यमंत्री बनाया.
2014 में मिली हार
शैलजा साल 2014 में अंबाला लोकसभा सीट से चुनाव हार गई थीं. इसके बाद उन्हें राज्यसभा भेज दिया. फिर उन्हें 2019 में अंबाला लोकसभी सीट से मैदान में उतारा गया, लेकिन इस बार भी उन्हें हार मिली. इसके बाद उन्होंने विधानसभा की राजनीति से दूर जाने का फैसला किया और राज्य लौट गईं. तभी से वह हरियाणा कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष का पद संभाल रही हैं.