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जोधपुर के ठगों ने की थी पंजाब के पूर्व DGP से ठगी, हैरान कर देगा तरीका

गुरुग्राम में रहने वाले पंजाब के पूर्व डीजीपी से जालसाजों ने इस तरह से बात की कि वह भी झांसे में आ गए. उन्होंने तत्काल जालसाजों के खाते में ढाई लाख रुपये ट्रांसफर भी कर दिए. हालांकि ठगी का एहसास होने पर पुलिस में मुकदमा दर्ज कराया था.

जोधपुर के ठगों ने की थी पंजाब के पूर्व DGP से ठगी, हैरान कर देगा तरीका
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सांकेतिक तस्वीर
( Image Source:  Meta AI )
स्टेट मिरर डेस्क
स्टेट मिरर डेस्क

Updated on: 21 Dec 2025 11:04 PM IST

जोधपुर के ठगों ने की थी पंजाब के पूर्व DGP से ठगी, हैरान कर देगा तरीकागुरुग्राम में रह रहे पंजाब के पूर्व डीजीपी एपी भटनागर के साथ ठगी का खुलासा हो गया है. यह वारदात राजस्थान में जोधपुर के ठगों ने इस प्रकार से अंजाम दिया कि रकम देते समय इतने बड़े पुलिस अधिकारी को भी कोई शक नहीं हुआ. जबकि वह खुद इंटेलिजेंस ब्यूरो में लंबे समय तक काम कर चुके हैं. इस मामले में पुलिस ने ट्रांजेक्शन ट्रेल को ट्रैक करते हुए जयपुर के एक रिक्शा चालक को अरेस्ट किया है. उससे पूछताछ के बाद अब पुलिस इस वारदात के मास्टरमाइंड तक पहुंच चुकी है. एसीपी साइबर क्राइम के मुताबिक जल्द ही इस मामले में अन्य आरोपियों को अरेस्ट किया जाएगा.

बता दें कि बीते 5 अगस्त को पूर्व डीजीपी एपी भटनागर के साथ ठगी हुई थी. उन्हें जालसाज ने खुद को कस्टम विभाग का अफसर सुमेध मिश्रा बताते हुए फोन किया था. कहा था कि दिसंबर 2023 में दिल्ली से मलेशिया भेजे गए एक पार्सल में 140 ग्राम एमडीएमए, 16 फर्जी पासपोर्ट और 58 एटीएम कार्ड मिले हैं. यह पार्सल उनके द्वारा मलेशिया में रहने वाले किसी वांग झांग को भेजा गया था. यह सुनकर पूर्व डीजीपी ने आरोपी को अपना परिचय दिया और फिर उन्हें दक्षिण दिल्ली के वसंत कुंज पुलिस स्टेशन में संपर्क करने की सलाह दी. पूर्व डीजीपी ने अपनी शिकायत में बताया कि बातचीत के दौरान ही जालसाज ने कॉल किसी और को ट्रांसफर कर दिया, जिसने खुद को सीबीआई अफसर अजीत श्रीवास्तव बताया.

ट्रांजेक्शन ट्रेल से जालसाजों तक पहुंची पुलिस

उसने सुझाव दिया कि वह 2.5 लाख रुपये की नकदी रियल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट के जरिए जमा कर सकते हैं और अगर इस मामले में उन्हें क्लीनचिट मिलती है तो यह पैसा उन्हें वापस हो जाएगा. इसके बाद उन्होंने पैसा जमा कर दिया. हालांकि जब ठगी का एहसास हुआ तो उन्होंने पुलिस में शिकायत दी. पुलिस ने जब ट्रांजेक्शन ट्रेल की जांच की तो पता चला कि यह पैसा जयपुर के एक रिक्शा चालक के खाते में गया है. इसके बाद पुलिस ने रिक्शा चालक को अरेस्ट किया और पूछताछ की जोधपुर में बैठे जालसाजों के बारे में इनपुट मिला.

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