चुनावी दांव को साधने के लिए कांग्रेस ने खेला नया खेल, अब 'विजय संकल्प यात्रा' से हरियाणा जीतने की तैयारी
हरियाणा में इस समय चुनाव का शोरगुल सुनाई दे रहा है. ऐसे में जीत के लिए सभी पार्टियां अपनी पूरी ताकत झोंकने में जुटी है. इसी क्रम में सोमवार को कांग्रेस की 'हरियाणा विजय सकंल्प यात्रा' की शुरुआत हुई. वहीं यात्रा के माध्यम से पार्टी जीत को लेकर जनता का विश्वास और समर्थन जुटाने वाली है.

Rahul Gandhi Sankalp Yatra: हरियाणा विधानसभा चुनाव को लेकर सभी राजनीतिक दल जी तोड़ मेहनत कर रहे हैं. इस कड़ी में एक बार फिर जनता का विश्वास और जनता के पास पहुंचने के लिए कांग्रेस की सोमवार से 'हरियाणा विजय संकल्प यात्रा' की शुरुआत हुई है. यात्रा की शुरुआत सोमवार सुबह 11 बजे से अंबाला नारायणगढ़ से हुई है.
नारायणगढ़ से शुरू हुई यात्रा कई विधानसभा से होकर शाम कुरुक्षेत्र पहुंचने वाली है. वहीं इस यात्रा की अगुवाई कांग्रेस नेता राहुल गांधी करने वाले हैं. साथ ही उनके साथ उनकी बहन और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा भी इस संकल्प यात्रा का हिस्सा बनने वाली हैं. कांग्रेस इस यात्रा के जरिए अपना फोकस प्रदेश की जिताऊ सिटों पर हैं.
प्रचार-प्रसार थमने से पहले जनता का जीत पाएगी विश्वास
30 सितंबर 2024 से शुरू हुई कांग्रेस की ये संकल्प यात्रा 3 अक्टूबर तक जारी रहने वाली है. लेकिन 5 अक्टूबर को राज्य में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. जिस दिन यात्रा समाप्त होगी, ठीक उसी दिन चुनाव प्रचार-प्रसार भी थम जाएगा. अब ऐसे में सवाल ये सामने आता है कि क्या कांग्रेस इतने कम समय में जनता का विश्वास जीतने में कामियाब पाएगी? क्योंकी सत्ता में एक बार फिर वापसी करने के लिए कांग्रेस को कड़ी मेहनत करने की जरुरत है. क्योंकी इस बार के चुनाव में सत्ता पक्ष और कांग्रेस के बीच मुकाबले की टक्कर है.
पहले दिन ये होंगे यात्रा के स्थान
आज शुरू होने जा रही ये यात्रा के जरिए कांग्रेस 7 विधानसभा क्षेत्रों को कवर करने वाली है. इनमें नारायणगढ़, मुलाना, रादौर, लाडवा, सधौरा, पिपली और कुरुक्षेत्र का नाम शामिल है. इससे पहले भी कई रैलियों को राहुल गांधी संबोधित कर चुके हैं. इस रैली में उन्होंने सत्ता पक्ष पर जमकर निशाना साधा था.
यात्रा का क्या है उद्देश्य?
इस यात्रा के जरिए कांग्रेस का सीधा उद्देश्य चुनाव जीतना तो है हीं. लेकिन इसके साथ-साथ कम समय में कई विधानसभा क्षेत्रों को कवर करना है. अब देखना ये होगा कि क्या कांग्रेस का ये दाव सत्ता पक्ष को हराने में मदद करता है.