सालों बाद दिल्ली को मिला अपने ही कैडर का पुलिस कमिश्नर, कौन हैं एसबीके सिंह?
दिल्ली पुलिस को नया कमिश्नर मिल गया है. एस.बी.के. सिंह को संजय अरोड़ा की जगह कमिश्नर नियुक्त किया गया है, जिनका कार्यकाल 31 जुलाई को समाप्त हुआ. सिंह फिलहाल होम गार्ड्स के डीजी हैं और अब दिल्ली पुलिस का अतिरिक्त प्रभार संभालेंगे. उनके पास कई राज्यों में डीजीपी और दिल्ली में विशेष पुलिस आयुक्त जैसे अनुभव हैं. अब उनकी नियुक्ति को लेकर स्थायी विस्तार की चर्चा तेज है.

दिल्ली पुलिस को 1 अगस्त 2025 से नया कमिश्नर मिल गया है. एस.बी.के. सिंह को राजधानी की कमान सौंपी गई है. वे संजय अरोड़ा की जगह लेंगे, जिनका कार्यकाल 31 जुलाई को समाप्त हो गया. एस.बी.के. सिंह AGMUT कैडर के 1988 बैच के वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी हैं और फिलहाल दिल्ली होम गार्ड्स के महानिदेशक हैं. लंबे अंतराल के बाद किसी यूटी कैडर के अधिकारी को दिल्ली पुलिस कमिश्नर बनाया गया है.
दिलचस्प बात यह है कि एसबीके सिंह की सेवानिवृत्ति में महज छह महीने बचे हैं. हालांकि उन्हें अभी केवल अतिरिक्त प्रभार दिया गया है, लेकिन मंत्रालय के भीतर यह चर्चा है कि उन्हें नियमित नियुक्ति के साथ एक या दो साल का सेवा विस्तार भी मिल सकता है. यह संकेत है कि केंद्र सरकार भविष्य की रणनीतिक तैयारी के तहत दिल्ली पुलिस के नेतृत्व को स्थायित्व देना चाहती है.
कौन हैं एसबीके सिंह?
एस.बी.के. सिंह एक वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी हैं, जो 1988 बैच के AGMUT कैडर से आते हैं और मूल रूप से बिहार के निवासी हैं. वर्तमान में वे दिल्ली होम गार्ड्स के महानिदेशक हैं और अब उन्हें दिल्ली पुलिस कमिश्नर का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है. अपने तीन दशक से अधिक के करियर में उन्होंने मिजोरम और अरुणाचल प्रदेश के डीजीपी, दिल्ली पुलिस में विशेष आयुक्त (कानून-व्यवस्था, सुरक्षा, खुफिया, तकनीक), संयुक्त आयुक्त (अपराध) और आर्थिक अपराध शाखा जैसे कई महत्वपूर्ण पदों पर सेवाएं दी हैं. उन्हें आंतरिक सुरक्षा, अपराध नियंत्रण और शहरी पुलिसिंग में गहरी समझ के लिए जाना जाता है.
अरोड़ा का युग समाप्त, नई राह की शुरुआत
पूर्व कमिश्नर संजय अरोड़ा तमिलनाडु कैडर के 1988 बैच के अधिकारी थे. उनका कार्यकाल संगठित अपराध, ड्रग्स तस्करी और गैंगवार जैसे मामलों में कार्रवाई के लिए जाना जाएगा. श्रद्धा वॉकर हत्याकांड, राजनीतिक गिरफ़्तारियां और साइबर अपराधों की भरमार उनके कार्यकाल की प्रमुख चुनौतियां थीं. अब नई जिम्मेदारी के साथ एसबीके सिंह के सामने राजधानी में कानून-व्यवस्था को एक नई दिशा देने की चुनौती है.
पुलिसिंग का गहरा अनुभव साथ लेकर आए
एसबीके सिंह का करियर बेहद विविधतापूर्ण रहा है. वे मिजोरम और अरुणाचल प्रदेश में डीजीपी रह चुके हैं. दिल्ली पुलिस में उन्होंने तकनीक, सुरक्षा, खुफिया, अपराध, आर्थिक अपराध और कानून-व्यवस्था से जुड़ी जिम्मेदारियां भी संभाली हैं. यह विविध अनुभव उन्हें दिल्ली जैसे चुनौतीपूर्ण शहर में सुचारु और रणनीतिक नेतृत्व देने में मदद करेगा.
विवादों और संवेदनशीलता से निपटने की कसौटी
दिल्ली, देश की राजधानी होने के कारण लगातार राजनीतिक, धार्मिक और सामाजिक संवेदनशीलताओं से जूझती रहती है. अतीत में कई पुलिस कमिश्नर इन दबावों में संतुलन बनाने में चूके हैं. अब एसबीके सिंह की नियुक्ति इस कसौटी पर होगी कि वे प्रशासनिक संतुलन, अपराध नियंत्रण और जनविश्वास – इन तीनों मोर्चों पर खुद को साबित कर सकें.
स्थायी नियुक्ति या प्रयोग?
अभी तक यह साफ नहीं है कि एसबीके सिंह को स्थायी नियुक्ति मिलेगी या यह केवल एक प्रशासनिक अंतराल भरने का प्रयोग है. हालांकि उनकी नियुक्ति ने यह स्पष्ट कर दिया है कि केंद्र सरकार अनुभवी और लो-प्रोफाइल नेतृत्व को प्राथमिकता दे रही है. यदि सेवा विस्तार होता है, तो सिंह दिल्ली पुलिस में लंबी रणनीति के हिस्से बन सकते हैं.