दिल्ली वालों को मिलेगा वैलेंटाइन गिफ्ट! इसी दिन हो सकता है नए सीएम फेस का एलान
Delhi New CM: बीजेपी शपथ ग्रहण समारोह में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के शीर्ष नेताओं और NDA शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों को आमंत्रित करने की तैयारी में है. दिल्ली के सीएम फेस का एलान पीएम के अमेरिकी यात्रा से लौटने के बाद 14 फरवरी को हो सकता है.

Delhi New CM: पहले कौन जितेगा दिल्ली? और अब जब बीजेपी ने दिल्ली के किले से 'आप' का झंडा हटाकर अपना परचम लहरा लिया है, तो दिल्ली का सीएम कौन होगा? इसे लेकर चर्चाएं तेज हो गई है. इन सबके बीच खबर आ रही है कि सीएम का एलान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अमेरिका दौरे से लौटने के बाद हो सकता है. पीएम 12 और 13 फरवरी तक अमेरिकी दौरे पर हैं.
यानी कि कुल मिलाकर 14 फरवरी को सीएम पद के एलान हो सकता है और ये दिन वैलेंटाइन डे का भी है. तो अगर ऐसा हुआ तो दिल्ली वालों के लिए ये वैलेंटाइन गिफ्ट से कम नहीं होगा. इस दिन ही फैसला हो सकता है कि दिल्ली वालों के साथ 5 साल के रिलेशनशिप में कौन-सा सीएम रहेगा. इसके लिए कई नामों पर चर्चा चल रही है. वहीं आधिकारिक तौर पर शपथ ग्रहण समारोह 15 फरवरी से पहले होने की संभावना नहीं है.
कौन हो सकता है दिल्ली का अगला सीएम?
सीएम पद की रेस में सबसे आगे दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय साहिब सिंह वर्मा के बेटे प्रवेश वर्मा का नाम सबसे आगे चल रहा है. खास बात ये भी है कि उन्होंने आप चीफ अरविंद केजरीवाल को उनके गढ़ में हराया है.
राजनीतिक गलियारों में जिन उम्मीदवारों के नाम की चर्चा है, उनमें दिवंगत सुषमा स्वराज की बेटी बांसुरी स्वराज भी शामिल हैं. वह नई दिल्ली निर्वाचन क्षेत्र से पहली बार सांसद बनी हैं. कई मीडिया रिपोर्ट तो स्मृति ईरानी को भी सीएम पद की रेस में बता रहे हैं.
जनकपुरी से 18,766 वोटों के अंतर से विजयी हुए आशीष सूद भी इस पद के लिए शीर्ष दावेदार हैं. इसके अलावा अन्य प्रभावशाली बीजेपी नेता में उत्तम नगर से पवन शर्मा भी इस रेस में माने जा रहे हैं. दिल्ली बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता और सतीश उपाध्याय भी मुख्यमंत्री पद के लिए चर्चा में हैं.
दिल्ली में बीजेपी की प्रचंड जीत
दिल्ली विधानसभा चुनाव में तमाम उठापटक के बाद बीजेपी ने 70 में से 48 सीटों पर कब्जा कर लिया. पार्टी ने विधानसभा चुनावों में दो-तिहाई बहुमत हासिल किया. वहीं कभी एकतरफा राज करने वाली आप महज 22 सीटों पर ही सीमट गई. ऐसे में दिल्ली में 27 साल बाद बीजेपी के लिए सुखा खत्म हुआ है.