उमर के सीक्रेट सूटकेस में छिपी थी 'चलती-फिरती बम फैक्ट्री', लाल किला ब्लास्ट को लेकर हर दिन हो रहे चौंकाने वाले खुलासे
दिल्ली लाल किला ब्लास्ट की जांच में हर दिन नए सनसनीखेज खुलासे हो रहे हैं. NIA की पड़ताल में सामने आया कि सुसाइड बॉम्बर डॉ. उमर उन नबी के पास एक गुप्त सूटकेस था, जो उसकी ‘चलती-फिरती बम फैक्ट्री’ की तरह काम करता था. Faridabad स्थित Al-Falah University में वह इसी मोबाइल लैब के जरिए केमिकल टेस्टिंग, विस्फोटक तैयार करने और IED असेंबल करने का काम करता था. पुलिस ने उसके कमरे और सूटकेस से बरामद सामग्री से पूरे मॉड्यूल की खतरनाक साजिश की पुष्टि की है.
24 नवंबर को सामने आए चौंकाने वाले खुलासों ने दिल्ली लाल क़िला ब्लास्ट की पूरी कहानी को हिलाकर रख दिया है जांच में पता चला है कि 15 लोगों की जान लेने वाला सुसाइड बॉम्बर डॉक्टर उमर उन नबी कोई साधारण आतंकी नहीं था. वह ‘व्हाइट कॉलर टेरर’ मॉड्यूल का एमिर, मास्टरमाइंड और मल्टी-लैंग्वेज एक्सपर्ट था.
NDTV में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, NIA की ताज़ा जांच में सामने आया है कि उमर न केवल Faridabad की Al-Falah University में पढ़ाता था, बल्कि वहीं अपना गुप्त 'मोबाइल वर्कस्टेशन' चलाता था. एक ऐसा सीक्रेट सूटकेस जो चलता-फिरता 'बम लैब' था यही नहीं, उसने यूनिवर्सिटी के अपने कमरे में बैठे-बैठे केमिकल टेस्टिंग की, IED तैयार किया और उसी अधूरे बम को Hyundai i20 में रखकर दिल्ली ले आया.
सूटकेस में चलती थी 'मोबाइल बॉम्ब लैब'
जांच एजेंसियों के अनुसार उमर के पास एक बड़ा सूटकेस था, जिसमें, केमिकल कंपाउंड, बम बनाने का सामान, टेस्टिंग कंटेनर और IED के हिस्से हमेशा तैयार रहते थे गिरफ्तार आतंकियों ने बताया कि वही सूटकेस उसकी मूविंग प्रयोगशाला था, जिसे वह कभी भी, कहीं भी खोलकर बम तैयार कर सकता था.
Al-Falah University के कमरे में ही किया था बम का टेस्ट
गिरफ्तार आतंकी और उसके साथी डॉक्टर मुज़म्मिल शकील ने जांच में बताया कि उमर उन नबी ने कैंपस के अपने रूम में ही IED में इस्तेमाल होने वाले केमिकल का ट्रायल किया था. पुलिस ने मौके से बरामद टेस्टिंग टूल और केमिकल अवशेष इस बात की पुष्टि करते हैं.
Jaish का 'एमिर' था उमर- 'हम उसका विरोध नहीं कर सकते थे'
मुज़म्मिल शकील के मुताबिक उमर खुद को मॉड्यूल का “emir” कहता था. उसने जांच में बताया कि 'हम उसका विरोध नहीं कर सकते थे. उसकी बातें पूरी तरह तथ्यों और रिसर्च से भरी होती थीं. वह हमेशा कहता था कि ये सब धर्म के लिए है. जांचकर्ताओं ने पाया कि उमर 9 भाषाएं जानता था और इतना पढ़ा-लिखा था कि आसानी से न्यूक्लियर साइंटिस्ट बन सकता था.
पाकिस्तान से टेलीग्राम पर मिलते थे बम बनाने के निर्देश
TOI की रिपोर्ट के मुताबिक उमर ने Faridabad स्थित अपने घर में एक फुल-फ्लेज्ड लैब बनाई थी. यही वह जगह थी जहाँ उसने, रसायनों का परीक्षण किया, विस्फोटक मिलाए. IED तैयार किया, और पाकिस्तानी हैंडलर्स से Telegram पर लाइव निर्देश लिए, रेड के दौरान घर से कई विस्फोटक पदार्थों के निशान भी मिले.
लाल क़िला ब्लास्ट से पहले पैनिक कर गया था उमर
NIA के अनुसार उमर उन नबी ने 10 नवंबर को Red Fort के पास Hyundai i20 में रखे आधे तैयार IED को डिटोनेट किया. उसका असली प्लान था. रेड क़िला पार्किंग जैसे भीड़भाड़ वाले पर्यटन क्षेत्र में विस्फोट, अधिक से अधिक जनहानि करना. लेकिन उसके दो साथियों — शहीन सईद और मुज़म्मिल शकील की गिरफ्तारी के बाद वह घबरा गया और अधूरा बम लेकर सीधे Red Fort की ओर निकल गया.
IED बनाने में इस्तेमाल हुआ नेल पॉलिश रिमूवर, शुगर और यूरिया
जांच में खुलासा हुआ कि उमर ने IED में इस्तेमाल किया- Acetone (नेल पॉलिश रिमूवर), पाउडर शुगर, यूरिया. यूरिया वह Nuh–Mewat क्षेत्र से लाया था जहाँ यह व्हाइट-कॉलर टेरर मॉड्यूल अपनी सामग्री छिपाता था.
जम्मू-कश्मीर में भी था बड़ा प्लान, लेकिन…
स्रोतों के अनुसार यह पूरा मॉड्यूल पहले इन विस्फोटकों को जम्मू-कश्मीर ले जाने वाला था, जहाँ उमर कुछ बड़ी कार्रवाई करने का प्लान बना रहा था.लेकिन विकट परिस्थितियों और साथियों की गिरफ्तारी के बाद उसने Delhi को निशाना बना लिया. 10 नवंबर के धमाके में 15 लोग मौत के शिकार हुए और दर्जनों घायल हुए. अब तक कई गिरफ्तारियाँ हो चुकी हैं और NIA लगातार मॉड्यूल के नेटवर्क की तह तक जा रही है.





