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नौ भाषा का ज्ञान, खुद को बताता था Boss, बुरहान वानी का ‘बदला मिशन’; दिल्ली धमाके वाले उमर नबी के बारे में पढ़ें नए खुलासे

दिल्ली बम मामले में नया खुलासा यह हुआ है कि आतंकी डॉ. उमर उन नबी ने कश्मीरी बुरहान वानी की हत्या का बदला लेने की योजना के साथ अल-फलाह यूनिवर्सिटी में केमिकल रिएक्शन और विस्फोटक डिजाइन की प्रयोगशाला बनाई थी. उसकी योजना कश्मीर में बड़ा धमाका करने की थी. जांच एजेंसियों की कार्रवाई की वजह से उसका प्लान बदल गया.

नौ भाषा का ज्ञान,  खुद को बताता था Boss, बुरहान वानी का ‘बदला मिशन’; दिल्ली धमाके वाले उमर नबी के बारे में पढ़ें नए खुलासे
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दिल्ली में हुए लाल किले के पास कार-हमले की जांच में आग को हवा दे देने वाले खुलासे हुए हैं. सूत्रों के मुताबिक आरोपी डॉ. उमर उन नबी ने कश्मीरी आतंकवादी बुरहान वानी की हत्या का बदला लेने की मंशा लेकर यह साजिश रची थी. ऐसे में सिर्फ फिदायीन हमलावर नहीं बल्कि व्हाइट-कॉलर टेररिस्ट मॉड्यूल की भी तस्वीर उभरकर सामने आई है, जिसमें अल-फलाह यूनिवर्सिटी के अंदर एक गुप्त लैब में विस्फोटक और रसायनों का इस्तेमाल किया जाना भी शामिल है.

एनडीटीवी ने सूत्रों के हवाले से कहा है कि दिल्ली के लाल किले के पास कार बम ब्लास्ट में शामिल और हरियाणा के फरीदाबाद में पकड़े गए व्हाइट कॉलर मॉड्यूल के गिरफ्तार आतंकियों ने जांच अधिकारियों के सामने बड़े खुलासे किए हैं. मुजम्मिल शकील और शाहीन व अन्य ने जांच अफसरों को जानकारी दी है कि डॉक्टर से सुसाइड बॉम्बर बना उमर उन नबी, अपने मॉड्यूल के दूसरे सदस्यों के बीच अपना परिचय अमीर के रूप में देता था. वह खुद को 'व्हाइट कॉलर टेररिस्ट' साबित करने के लिए खुद को 'अमीर' कहता था. इतना ही नहीं, वो अपने आपको सबका रूलर, लीडर और दूसरों के सामने खुद को लगभग प्रिंस जैसा दिखाता था. वह 2016 में सिक्योरिटी फोर्स द्वारा टेररिस्ट बुरहान वानी की हत्या का बदला भी लेना चाहता था.

नौ भाषा का जानकार था उमर

सूत्रों ने बताया कि एक और गिरफ्तार टेरर सस्पेक्ट शाहीन सईद ने भी पूछताछ के दौरान कई खुलासे किए हैं. इन्वेस्टिगेटर ने मुजम्मिल शकील की बताई बातों का हवाला देते हुए कहा कि उमर उन नबी नौ भाषाएं जानता था और टेरर मॉड्यूल में सबसे पढ़ा-लिखा और समझदार इंसान था. मुजम्मिल शकील ने सुसाइड बॉम्बर को ऐसा बताया जो आसानी से न्यूक्लियर साइंटिस्ट बन सकता था.

हम उमर को नहीं रोक सके - मुजम्मिल

इन्वेस्टिगेटर के मुताबिक मुजम्मिल शकील ने कहा, "हम उमर उन नबी रोक नहीं सके. उसकी बातें फैक्ट्स और रिसर्च से भरी थीं. वह हमेशा खुद को अमीर कहता था और ज्यादा बात नहीं करता था. आखिर तक वह कहता रहा कि यह धर्म के बारे में था और किसी और चीज के बारे में नहीं."

पोलराइजेशन को न्यू नॉर्मल कहता था उमर

सूत्रों ने बताया कि उमर उन नबी अक्सर व्हाइट कॉलर टेरर मॉड्यूल के दूसरे डॉक्टरों से कहता था कि भारत में मुसलमानों के लिए माहौल खराब है. वह पोलराइजेशन न्यू नॉर्मल कहता था. साथ ही ये भी कहता था कि नरसंहार की संभावना है, इसलिए उन्हें तैयार रहना चाहिए.

ऐसे बना सुसाइड बॉम्बर

गिरफ्तार टेरर सस्पेक्ट ने जांचकर्ताओं को बताया कि कुछ घटनाओं ने उमर उन नबी को इतना फ्रस्ट्रेट कर दिया था कि वह एक सुसाइड बॉम्बर बन गया. इनमें जम्मू और कश्मीर से स्पेशल स्टेटस खत्म करना भी शामिल है, जिसकी वजह से उमर उन नबी को सिक्योरिटी फोर्स से गहरी नफरत हो गई. जुलाई 2023 में हरियाणा के मेवात-नूह इलाके में हुई सांप्रदायिक हिंसा और मार्च 2023 में कथित तौर पर गोरक्षकों द्वारा 25 साल के नासिर और 35 साल के जुनैद की हत्या ये भी वो बहुत दुखी रहता था.

ब्लास्ट के लिए नेल पॉलिश रिमूवर का किया था इस्तेमाल

जांचकर्ताओं ने बताया कि उमर उन नबी सुसाइड बॉम्बिंग में इस्तेमाल की गई हुंडई i20 कार में आधा-अधूरा इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (IED) लेकर गया था. सूत्रों ने बताया कि उसने बम बनाने में एसीटोन या नेल पॉलिश रिमूवर और पिसी चीनी मिलाई थी.

जम्मू-कश्मीर में बड़े धमाके की थी योजना

उमर शुरू में टेरर मॉड्यूल द्वारा हरियाणा में छिपाए गए एक्सप्लोसिव को जम्मू-कश्मीर ले जाना चाहता था. वहां के लिए उमर उन नबी ने कुछ बड़ा प्लान बनाया था. वह प्लान काम नहीं आया और सुसाइड बॉम्बर ने IED बनाने में इस्तेमाल होने वाला यूरिया नूंह-मेवात इलाके से लाना शुरू कर दिया.

अल फलाह में किया था एक्सप्लोसिव का प्रयोग

गिरफ्तार किए गए टेरर सस्पेक्ट्स ने इन्वेस्टिगेटर्स को बताया कि उमर उन नबी ने अल-फलाह यूनिवर्सिटी में अपने कमरे में एक्सप्लोसिव और केमिकल रिएक्शन को भी टेस्ट किया था. पुलिस को उसके सूटकेस के अंदर बम बनाने का सामान मिला, जिससे यह बात कन्फर्म हुई. बता दें कि दिल्ली के लाल किला के पास भीड़भाड़ वाले चांदनी चौक में एक ट्रैफिक स्टॉप पर हुए सुसाइड अटैक में 15 लोग मारे गए थे.

बुरहान वानी कौन था?

बुरहान वानी कश्मीर का एक चर्चित आतंकी कमांडर था, जिसकी मौत के बाद घाटी में बड़े पैमाने पर विरोध और हिंसा भड़की थी. वह सोशल मीडिया का इस्तेमाल करने वाला कश्मीर का पहला हाई-प्रोफाइल आतंकी भी माना जाता है. वह त्राल दक्षिण कश्मीर का रहने वाला था. पाक समर्थित आतंकी संगठन हिज्बुल मुजाहिदीन से जुड़ा था. 2014 के बाद हिज्बुल का पोस्टर बॉय बन गया था. युवाओं को सोशल मीडिया के माध्यम से आतंक में भर्ती करने में सबसे सक्रिय आतंकी था. फेसबुक पर हथियारों के साथ तस्वीरें पोस्ट कर वायरल होता था. 15-16 वर्ष की उम्र में सुरक्षा बलों के साथ एक कथित मामूली झड़प के बाद वह रेडिकलाइज हुआ और आतंक में शामिल हो गया. उसकी मौत के बाद घाटी में महीनों तक कर्फ्यू, विरोध प्रदर्शन और हिंसा का दौर चला. उस दौरान 90 से ज्यादा लोगों की मौत और हजारों घायल हुए थे.

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