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कौन होगा दिल्ली का अगला CM, आज विधायक दल की बैठक में होगा फैसला

दिल्ली CM अरविंद केजरीवाल मंगलवार को CM पद से इस्तीफा देने वाले हैं. केजरीवाल के इस फैसले के बाद से ही दिल्ली की सियसी गलियारों में हलचल काफी तेज है. ऐसे में सवाल यह सामने आता है कि आखिर केजरीवाल के इस्तीफा देने के बाद दिल्ली की बागडोर किसके हाथों सौंपी जाएगी. इस पर आज विधायक दल की बैठक में फैसला होगा

कौन होगा दिल्ली का अगला CM, आज विधायक दल की बैठक में होगा फैसला
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CM पद से इस्तीफा देंगे केजरीवाल आजः फोटो- ANI
सार्थक अरोड़ा
by: सार्थक अरोड़ा

Updated on: 17 Sept 2024 8:21 AM IST

नई दिल्ली: CM अरविंद केजरीवाल मंगलवार को CM पद से इस्तीफा देने वाले हैं. केजरीवाल के इस फैसले के बाद से ही दिल्ली की सियसी गलियारों में हलचल काफी तेज है. ऐसे में सवाल यह सामने आता है कि आखिर केजरीवाल के इस्तीफा देने के बाद दिल्ली की बागडोर किसके हाथों सौंपी जाएगी. इसी क्रम में मंगलवार को सुबह 11 बजकर 30 मिनट पहले इस्तीफा देने से ठीक पहले पार्टी ने विधायक दल की बैठक बुलाई है. उम्मीद की जा रही है कि इस बैठक में CM का नाम फाइनल किया जा सकता है.

आज होने वाली विधायक दल की बैठक पर अब सभी की निगाहें टिकी हुई है. वहीं बैठक के बाद दिल्ली LG वीके सक्सेना ने मुलाकात कर आज शाम केजरीवाल अपना इस्तीफा देंगे.

LG को सौंपा जाएगा नए सीएम का नाम

आपको बता दें कि विधायक दल की मीटिंग खत्म होने के बाद LG को नए सीएम का नाम सौंपा जाने वाला हैं. हालांकि फिलहाल यह स्पष्ट नहीं है कि विधायक दल का नया नेता केजरीवाल के साथ जाने वाला है, या बाद में अपना दावा पेश करेगा. वहीं एक बार मुख्यमंत्री के इस्तीफा देने के बाद पूरे मंत्रिमंडल को भी इसका पालन करना होगा. इस पर पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारी का कहना है कि इस पूरी प्रक्रिया में एक सप्ताह का समय लग सकता है.

इनके नाम की चर्चा तेज

वहीं केजरीवाल के इस्तीफा देने के बाद CM पद की रेस में कई उम्मीदवारों का नाम शामिल है. इनमें सौरव भारद्वाज, गोपाल राय, आतिशी और कैलाश गहलोत का है. लेकिन अब तक फैसला नहीं हुआ कि आखिर पार्टी किसे चुकर सीएम पद के लिए आगे करने वाली है. वहीं सत्ता पक्ष इस फैसले को लेकर लगातार आप और केजरीवाल पर निशाना साध रहा है. इस संबंध में बीजेपी सांसद बांसुरी स्वराज ने उनपर निशाना साधा है.

'CM बनने के लायक नहीं'

बीजेपी सांसद बांसुरी स्वराज ने कहा कि कोर्ट ने उनके घोटाले में उनकी हस्तक्षेप इतनी है कि कोर्ट ने उन्हें सीएम बनने के लायक नहीं माना है. और यही उनकी जमानत की शर्त भी थी. वह किसी भी फाइल पर हस्ताक्षर नहीं कर सकते और न ही सीएम आवास पर जा सकते हैं. इसी मजबूरी के चलते उन्होंने नैतिकता का मुखौटा लगाकर यह इस्तीफा देकर राजनीतिक ढोंग रचा है। अगर इस फैसले का आधार नैतिकता है तो यह इस्तीफा 177 दिन पहले आना चाहिए था. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जी यू-टर्न के मास्टर हैं..."

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