क्षमता 10000 की... और रखे गए हैं 20000 कैदी- तिहाड़ को चाहिए नई जमीन
दिल्ली सरकार ने तिहाड़ जेल को शहर के बाहरी इलाके में स्थानांतरित करने की योजना बनाई है, जिसके लिए 400 एकड़ भूमि की मांग की गई है. यह कदम जेल में भीड़भाड़ और सुरक्षा चिंताओं को दूर करने के उद्देश्य से उठाया गया है. तिहाड़, रोहिणी और मंडोली जेल परिसरों की कुल क्षमता 10,026 कैदियों की है, जबकि वर्तमान में लगभग 20,000 कैदी इन जेलों में बंद हैं, जिससे भीड़भाड़ और सुरक्षा संबंधी समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं.

Tihar Jail relocation: दिल्ली की सबसे बड़ी और देश की प्रमुख जेलों में से एक तिहाड़ जेल अब अपने मौजूदा स्थान से हटकर राजधानी की सीमाओं के बाहर स्थानांतरित होने की योजना में है. जेल प्रशासन ने दिल्ली विकास प्राधिकरण (DDA) से 400 एकड़ भूमि की मांग की है ताकि एक नया और आधुनिक जेल परिसर विकसित किया जा सके.
तिहाड़, रोहिणी और मंडोली के तीन जेल परिसरों में कुल 16 जेलें हैं, जिनकी संयुक्त क्षमता 10,026 कैदियों की है. हालांकि, वर्तमान में इनमें लगभग 20,000 कैदी बंद हैं, जो क्षमता से दोगुना है. इस अत्यधिक भीड़भाड़ से जल आपूर्ति, सीवरेज, कचरा निपटान जैसी आवश्यक सेवाओं पर दबाव पड़ रहा है, जिससे स्वास्थ्य संबंधी खतरे और सुधारात्मक कार्यक्रमों में बाधाएं उत्पन्न हो रही हैं.
तिहाड़ जेल के स्थानानांतरण से जुड़ी प्रमुख बातें
- दिल्ली सरकार ने नरेला में एक उच्च सुरक्षा जेल के निर्माण की योजना बनाई है, जिसकी क्षमता 256 कैदियों की होगी. हालांकि, यह नई जेल भी मौजूदा भीड़भाड़ की समस्या का समाधान नहीं कर पाएगी. इसलिए, जेल विभाग ने 5,000 से 8,000 कैदियों की क्षमता वाले नए जेल परिसरों के निर्माण के लिए अतिरिक्त भूमि की आवश्यकता जताई है.
- तिहाड़ जेल वर्तमान में पश्चिमी दिल्ली के तिलक नगर और हरि नगर क्षेत्रों के पास स्थित है.
- जेल प्रशासन ने अप्रैल में DDA को पत्र लिखकर 400 एकड़ भूमि की मांग की थी.
- यह प्रस्ताव दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के बजट भाषण में भी शामिल था, जिसमें उन्होंने तिहाड़ जेल को स्थानांतरित करने की योजना का उल्लेख किया था. उन्होंने बजट में सर्वेक्षण और परामर्श सेवाओं के लिए ₹10 करोड़ आवंटित किए हैं.
- DDA से भूमि आवंटन की मंजूरी मिलने के बाद, जेल प्रशासन नए जेल परिसर के विकास की प्रक्रिया शुरू करेगा. इसके साथ ही, जेलों में कैदियों के पुनर्वास और सुधार के लिए एक नई सोसाइटी की स्थापना की जाएगी, जो कौशल विकास और उत्पादन इकाइयों के व्यावसायीकरण पर ध्यान केंद्रित करेगी. इस कदम से न केवल मौजूदा जेलों की भीड़भाड़ कम होगी, बल्कि कैदियों के पुनर्वास और सुधार कार्यक्रमों को भी बेहतर तरीके से लागू किया जा सकेगा.
- बता दें कि नरेल जेल परियोजना के लिए 148.58 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं, जिसमें से 10 करोड़ रुपये की पहली किश्त जारी हो गई है. इस किश्त का इस्तेमाल जेल के डिजाइन और आधार को तैयार करने में किया जाएगा.
- आवंटित 148.58 करोड़ में से 48.58 करोड़ दिल्ली सरकार, जबकि 100 करोड़ रुपये केंद्र सरकार देगी.
- नरेला जेल के लिए 40 एकड़ भूमि आवंटित की गई है. यहां 250 कैदियों की क्षमता वाला जेल 18 एकड़ में, जबकि अन्य दो जेल 22 एकड़ में बनाए जाएंगे.
तिहाड़ जेल भारत की सबसे बड़ी और सबसे चर्चित जेलों में से एक है. यह न केवल अपनी क्षमता और सुरक्षा व्यवस्था के लिए जानी जाती है, बल्कि यहां बंद रहे हाई-प्रोफाइल कैदियों, विवादों और सुधारात्मक प्रयासों के लिए भी अक्सर सुर्खियों में रही है. आइए इसके बारे में विस्तार से जानते हैं:
तिहाड़ जेल का इतिहास
- स्थापना वर्ष: 1958 में दिल्ली पुलिस द्वारा स्थापित की गई थी.
- स्थान: पश्चिमी दिल्ली के तिलक नगर के पास स्थित है.
- प्रशासन: 1986 में इसे दिल्ली सरकार के अधीन लाया गया और अब यह दिल्ली जेल विभाग द्वारा संचालित होती है.
- संरचना: यह एक मल्टी-प्रिजन कॉम्प्लेक्स है, जिसमें कुल 9 केंद्रीय जेल इकाइयां हैं.
- क्षमता: लगभग 10,000 कैदियों की अधिकृत क्षमता है, लेकिन अक्सर 18,000 से अधिक कैदी यहां बंद रहते हैं.
प्रमुख कैदी (High-Profile Prisoners)
- ए. राजा - 2G स्पेक्ट्रम घोटाले में
- सुब्रत रॉय सहारा - निवेश घोटाले में
- पी. चिदंबरम - INX मीडिया केस
- अमर सिंह - कैश फॉर वोट कांड
- अफज़ल गुरु - संसद हमले का दोषी (2001), 2013 में फांसी
- याकूब मेमन - 1993 मुंबई धमाके, 2015 में फांसी
- अरिज़ ख़ालिल उर्फ जुनैद - इंडियन मुजाहिदीन का आतंकवादी
- मनीष सिसोदिया और अरविंद केजरीवाल - दिल्ली शराब नीति मामले में
- सत्येंद्र जैन - मनी लॉन्ड्रिंग केस
- डॉक्टर नारायण सिंह - शशि थरूर की पत्नी सुनंदा पुष्कर केस में आरोपी
- राज कुंद्रा - पोर्नोग्राफ़ी केस
तिहाड़ जेल कब-कब चर्चा में आया?
- 2023: तिहाड़ जेल में बंद गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई और अन्य अपराधियों के बीच मोबाइल फोन व ड्रग्स की तस्करी के मामले सामने आए.
- 2004: कुछ कैदियों ने जेल से भागने की कोशिश की थी, लेकिन समय रहते उन्हें पकड़ लिया गया.
- 2015: नक्सली नेता को जेल से रिहा करने के आदेश में भ्रम पैदा होने से उसे समय से पहले छोड़ा गया था.
तिहाड़ जेल से जुड़े प्रमुख विवाद (Major Controversies)
- तिहाड़ जेल में कई बार कैदियों की संदिग्ध मौतों पर सवाल उठे हैं.
- जेल के अंदर से मोबाइल, शराब, और ड्रग्स की जब्ती कई बार हो चुकी है, जिससे सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठे।
- हाई-प्रोफाइल कैदियों को विशेष सुविधाएँ मिलने के आरोप भी लगे हैं, जैसे- टीवी, एयर कूलर और अलग खाना आदि.
- 2021 में ओलंपियन सुशील कुमार द्वारा जेल में साथी पहलवान की हत्या के मामले में तिहाड़ फिर चर्चा में आया।
तिहाड़ जेल में सुधारात्मक पहल (Reformative Measures)
- संगीत और नाट्य कार्यशालाएं (जैसे 'Tihar Idol')
- हस्तशिल्प और कैदी उद्यमिता: कैदियों द्वारा बनाए गए सामानों की बिक्री ब्रांड "Tihar Haat" के तहत होती है।
- शिक्षा और कौशल विकास: IGNOU और NIOS जैसी संस्थाओं से कैदी पढ़ाई भी करते हैं।
- साइकोलॉजिकल काउंसलिंग और योगा सेशन्स