ताहिर हुसैन की जमानत पर दो जजों में मतभेद, अब 3 जजों की बेंच करेगी फैसला
Delhi Assembly Election: सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को AAP के पूर्व पार्षद और दिल्ली दंगों के आरोपी ताहिर हुसैन द्वारा विधानसभा चुनाव प्रचार के लिए अंतरिम जमानत की मांग वाली याचिका पर खंडित फैसला सुनाया. न्यायमूर्ति पंकज मिथल ने ताहिर हुसैन की याचिका यह कहते हुए खारिज कर दी कि अंतरिम जमानत का कोई मामला नहीं बनता है.

Delhi Assembly Election: सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को AAP के पूर्व पार्षद और दिल्ली दंगों के आरोपी ताहिर हुसैन द्वारा विधानसभा चुनाव प्रचार के लिए अंतरिम जमानत की मांग वाली याचिका पर खंडित फैसला सुनाया. न्यायमूर्ति पंकज मिथल ने ताहिर हुसैन की याचिका यह कहते हुए खारिज कर दी कि अंतरिम जमानत का कोई मामला नहीं बनता है.
दोनों जजों का अलग- अलग मत
यानी जस्टिस पंकज मिथल ने हुसैन को अंतरिम जमानत देने से इनकार कर दिया, जबकि जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह ने उन्हें दिल्ली चुनाव के लिए प्रचार करने के लिए अंतरिम जमानत दी. अब 3 जजों की दूसरी बेंच मामले की सुनवाई करेगी. अभी दो जजों की बेंच सुनवाई कर रही थी लेकिन ताहिर हुसैन की जमानत को लेकर दोनों जज एकमत नहीं थे.
सुप्रीम कोर्ट की दो जजों की बेंच ने ताहिर हुसैन की याचिका पर अलग-अलग फैसला दिया, जिसमें दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले प्रचार के लिए अंतरिम जमानत मांगी गई थी. जस्टिस पंकज मिथल ने हुसैन को अंतरिम जमानत देने से इनकार कर दिया, जबकि जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह ने उन्हें दिल्ली चुनाव के लिए प्रचार करने के लिए अंतरिम जमानत दे दी.
किस मामले में ताहिर हुसैन की हुई सुनवाई?
AIMIM (ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल मुस्लिमीन) ने ताहिर हुसैन को दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए मुस्तफाबाद सीट से अपना प्रत्याशी घोषित किया है. यह फैसला विवादास्पद हो सकता है, क्योंकि ताहिर हुसैन का नाम 2020 में उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुई सांप्रदायिक हिंसा से जुड़ा है.
24 फरवरी 2020 को भड़की इस हिंसा में 53 लोगों की मौत हुई थी और सैकड़ों घायल हुए थे. इस हिंसा ने न केवल दिल्ली बल्कि पूरे देश में गहरा प्रभाव डाला था. ताहिर हुसैन पर आरोप लगे कि उन्होंने हिंसा को भड़काने में भूमिका निभाई, और उनके खिलाफ कई गंभीर धाराओं में मामले दर्ज किए गए.