'एक और मौका दें', केजरीवाल ने माना 2020 का वादा रहा अधूरा; बताई ये वजह
दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले, पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 2020 में किए गए तीन प्रमुख वादों को पूरा न कर पाने की बात मानी है, जिनमें सबसे महत्वपूर्ण यमुना नदी की सफाई का वादा था, उन्होंने पिछले चुनाव में जनता से यह वादा किया था कि यदि वह पांच साल में यमुना को डुबकी लगाने लायक नहीं बना पाए तो 2025 के चुनाव में उन्हें वोट न दिया जाए.

दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 2020 में किए गए अपने तीन प्रमुख वादों को पूरा न कर पाने की बात मानी है. इनमें सबसे महत्वपूर्ण वादा यमुना नदी की सफाई का था. पिछले चुनाव में, केजरीवाल ने जनता से यह वादा किया था कि यदि वह पांच साल में यमुना को डुबकी लगाने के लायक नहीं बना पाए तो 2025 के चुनाव में उन्हें वोट नहीं दिया जाए.
अब, चुनाव से पहले, उन्होंने खुद स्वीकार किया है कि इस वादे को पूरा नहीं किया जा सका. केजरीवाल ने कहा कि वह जनता के सामने अपने अधूरे वादों को स्वीकार करेंगे और उनसे यह अपील करेंगे कि एक और मौका दिया जाए ताकि वह अपनी योजनाओं को लागू कर सकें. यह बयान उनके लिए एक सच्चाई स्वीकारने और जनता के साथ अपने रिश्ते को मजबूत करने का प्रयास प्रतीत होता है.
'अगर पूरा न हुआ तो वोट मत देना'
इंडिया टुडे के एक कार्यक्रम में अरविंद केजरीवाल ने अपने अधूरे वादों की बात स्वीकार की है. उसमें पूछा गया कि आपको गांरटी दी थी कि यमुना साफ कर देंगे और ना कर सके तो 2025 में वोट मत देना. इस पर केजरीवाल ने कहा कि मैं सहमत हूं. मैंने पिछले चुनाव में तीन वादे किए थे. मैंने कहा था कि यमुना साफ कर दूंगा. मैंने कहा था घर में टोटी से साफ पानी आएगा और तीसरा मैंने कहा था कि दिल्ली सड़कों को यूरोप जैसी बना देंगे. मैं ऐसा नहीं कर सका.
कोरोना और नेताओं की गिरफ्तारी के कारण वादा अधूरा रह गया
दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने विधानसभा चुनाव से पहले अपनी सरकार द्वारा 2020 में किए गए तीन प्रमुख वादों को पूरा न कर पाने की जिम्मेदारी स्वीकार की. उन्होंने कहा कि वह जनता के बीच जाएंगे और इन वादों को पूरा न कर पाने का खुलकर स्वीकार करेंगे, लेकिन इसके साथ ही उन्होंने जनता से एक और मौका मांगा. केजरीवाल ने कहा, "मेरे पास अब पूरा प्लान है, एक और मौका दीजिए, अगले पांच साल में ये काम जरूर पूरा कर दूंगा."
उन्होंने अपनी असफलता का कारण बताते हुए कहा कि पहले कोरोना महामारी और फिर पार्टी के बड़े नेताओं का जेल में चले जाना, इसके पीछे प्रमुख वजहें थीं, जिन्होंने उनकी योजनाओं को प्रभावित किया. उनका यह बयान उनके आत्म-समर्पण और जिम्मेदारी स्वीकारने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है, जिसमें वे अपने द्वारा किए गए वादों को पूरा करने के लिए एक नए अवसर की उम्मीद कर रहे हैं.