फेयरनेस क्रीम कर रही थी गोरा होने का दावा... दिल्ली कंज्यूमर फर्म ने लगा दिया 15 लाख का जुर्माना
एक व्यक्ति ने इमामी लिमिटेड (Emami Ltd.) पर आरोप लगाया था कि कंपनी की फेयरनेस क्रीम का विज्ञापन भ्रामक और गुमराह करने वाला है. जिसमें गोरा करने का दावा किया गया था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. ग्राहक की शिकायत पर दिल्ली कंज्यूमर फर्म ने इमामी पर झूठे दावे के लिए 15 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है.

Delhi Consumer Firm Fine On Emami: सुंदर दिखना हर किसी को बहुत अच्छा लगता है. ग्लोइंग स्कीन और गोरा दिखने के लिए लोग विशेषकर महिलाएं मार्केट से महंगी-महंगी क्रीम खरीदती हैं. जिनमें त्वचा का रंग निखारने की बात कही जाती है. अब ऐसा ही फेयरनेस का दावा करने वाली कंपनी पर लाखों का जुर्माना लगाया गया है.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, एक व्यक्ति ने इमामी लिमिटेड (Emami Ltd.) पर आरोप लगाया था कि कंपनी की फेयरनेस क्रीम का विज्ञापन भ्रामक और गुमराह करने वाला है. जिसमें गोरा करने का दावा किया गया था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. ग्राहक की शिकायत पर दिल्ली कंज्यूमर फर्म ने इमामी पर झूठे दावे के लिए 15 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है.
ग्राहक ने खरीदी थी ये क्रीम
दिल्ली कंज्यूमर फर्म ने इमामी लिमिटेड के खिलाफ उसके उत्पाद फेयर एंड हैंडसम क्रीम के लिए अनुचित व्यापार प्रचार की शिकायत पर सुनवाई की. ग्राहक ने अपनी शिकायत में कहा था कि उन्होंने 2013 में 79 रुपये में क्रीम खरीदी थी, लेकिन इमामी की फेयरनेस क्रीम लगाने से उनकी त्वचा पहले जैसे ही रही यानी फेयर नहीं हुई. इस संबंध नें फेयर स्क फोरम के अध्यक्ष इंदर जीत सिंह और सदस्य रश्मि बंसल ने 9 दिसंबर को यह आदेश पारित किया.
शख्स ने आरोप लगाया कि प्रोडक्ट की पैकेजिंग और लेबल पर दिए गए निर्देशों के मुताबिक, उसने रोजाना प्रोडक्ट का इस्तेमाल किया था.उसने तेजी से गोरा होने के लिए दिन में दो बार फेस और गर्दन पर क्रीम लगाई, लेकिन कोई रिजल्ट नहीं मिला. इमामी लिमिटेड के अनुसार, शिकायतकर्ता यह साबित करने में असमर्थ था कि उसने निर्देशों के अनुसार क्रीम का प्रयोग किया था, इसलिए उत्पाद में कोई दोष नहीं था.
फोरम का बयान
इस पूरे मामले पर फोरम ने कहा कि रिकॉर्ड में ऐसा कुछ नहीं है जिससे यह रिजल्ट निकला जा सके किए प्रोडक्ट के इस्तेमाल के ग्राहक की स्कीन गोरी होगी या नहीं. कंपनी के लिखित में नोट पर फोरम ने ध्यान दिया कि पर्सनल केयर प्रोडक्ट से मनचाहा रिजल्ट मिलने के लिए प्रोडक्ट के सही इस्तेमाल और हेल्दी फूड, व्यायाम, स्वस्थ आदतें और स्वच्छ रहने की स्थिति जैसे कई फैक्टर्स की जरूरत है. फोरम ने आगे कहा कि प्रोडक्ट की पैकेजिंग और लेबलिंग पर ऐसे शर्तें के बारे में कुछ भी नहीं बताया गया है. लिखी गई बातों में एक और सुधार यह है कि क्रीम 16-35 साल की उम्र के बीच युवा पुरुषों (बीमार के लिए नहीं) के लिए है. इस बारे में विस्तार से नहीं बताया गया है कि कंपनी के अनुसार बीमार व्यक्ति का क्या मतलब है?
15 लाख का जुर्माना
फोरम में कहा कंपनी ग्राहक को दोषी नहीं ठहरा सकती कि उसने निर्देशों का पालन करके क्रीम नहीं लगाई. कंपनी जानती थी कि ये बातें अधूरी है और अन्य फैक्टर्स का पालन न करने पर रिजल्ट नहीं मिलेगा. इन सभी बातों को सुनकर फोरन ने कंपनी पर 15 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है.