बद से बदतर हो रही दिल्ली की हवा, कई इलाकों में 500 पार पहुंचा AQI, ठंड के साथ डरा रहा प्रदूषण
दिल्ली में वायु प्रदूषण की समस्या अब गंभीर हो गई है. सोमवार का दिन दिल्ली के लिए बेहद खराब साबित हुआ, पूरे दिन जहरीली धुंध छाई रही. सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि स्कूलों को बंद किया जाए. सुप्रीम कोर्ट ने वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) द्वारा किए जा रहे प्रयासों पर नाराजगी जताई.

दिल्ली और एनसीआर में वायु प्रदूषण गंभीर समस्या बन चुका है. हालात इतने खराब हैं कि हवा में सांस लेना भी मुश्किल हो गया है. सुप्रीम कोर्ट ने इस गंभीर मुद्दे पर कड़ा रुख अपनाते हुए सभी संबंधित राज्यों – दिल्ली, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान और पंजाब – को ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) के चरण IV को तुरंत लागू करने का निर्देश दिया है.
सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि स्कूलों को बंद किया जाए, सरकारी और निजी कर्मचारियों को घर से काम करने की अनुमति दी जाए और प्रदूषण फैलाने वाले उद्योगों को बंद करने जैसे कदम उठाए जाएं. कोर्ट ने साफ किया है कि इन प्रतिबंधों को तब तक जारी रखा जाए जब तक AQI 'गंभीर' श्रेणी से बाहर न आ जाए.
प्रदूषण से बिगड़े हालात: सांस लेना मुश्किल
सोमवार का दिन दिल्ली के लिए बेहद खराब साबित हुआ. पूरे दिन जहरीली धुंध छाई रही. शाम तक दिल्ली का औसत AQI 494 पर पहुंच गया, जो 'गंभीर-प्लस' स्तर को छू रहा था. कई स्थानों पर यह 500 पार तक दर्ज किया गया. इस घातक प्रदूषण से नागरिकों की सेहत पर बुरा असर पड़ा, लोग खांसते और आंखों में जलन की शिकायत करते नजर आए.
GRAP के तहत सख्त कदम उठाने के आदेश
सुप्रीम कोर्ट ने वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) द्वारा किए जा रहे प्रयासों पर नाराजगी जताई. कोर्ट ने कहा कि GRAP के तहत तय किए गए उपायों को AQI सीमा पार करने के 48 घंटे बाद लागू करना गलत है. उपायों को तुरंत लागू करने की जरूरत है.
कोर्ट ने कहा, "वायु गुणवत्ता में सुधार के लिए इंतजार करना सही नहीं है. प्रदूषण नियंत्रण के कदम तुरंत उठाए जाने चाहिए." कोर्ट ने आयोग से सख्ती बरतने और सभी उपायों को स्थानीय प्रशासन या सरकार के विवेक पर न छोड़ने का निर्देश दिया.
कक्षा 12 तक के स्कूल बंद, वर्क फ्रॉम होम लागू
वरिष्ठ वकील गोपाल शंकरनारायणन ने कोर्ट में दलील दी कि दिल्ली सरकार कक्षा 10 और 12 के छात्रों के लिए शारीरिक कक्षाएं जारी रखे हुए है. उन्होंने कहा कि इससे सड़कों पर स्कूल बसों की संख्या बढ़ जाती है, जो प्रदूषण को और बढ़ा देती है. इसके बाद कोर्ट ने आदेश दिया कि कक्षा 12 तक की सभी शारीरिक कक्षाएं तत्काल बंद की जाएं.
इसके अलावा, कोर्ट ने सभी राज्यों को निर्देश दिया कि सरकारी और निजी कार्यालयों में 50% कर्मचारियों को वर्क फ्रॉम होम की सुविधा दी जाए.
नियमों का उल्लंघन रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट का निर्देश
सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्यों को एक प्रभावी शिकायत निवारण तंत्र बनाने का आदेश दिया. इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि GRAP के चरण 4 के नियमों का पालन हो और नागरिक किसी भी उल्लंघन की शिकायत दर्ज कर सकें.
सभी राज्यों को गुरुवार तक हलफनामा दाखिल करने का आदेश दिया गया है, जिसमें निर्देशों के अनुपालन की जानकारी दी जाएगी. इस मामले की अगली सुनवाई 22 नवंबर को होगी.