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स्मॉग की वजह से जहरीली होती जा रही दिल्ली, अभी AQI 300 पार कर रहा तो ठंड में क्या होगा?

दिल्ली एनसीआर में वायु गुणवत्ता गंभीर श्रेणी में बनी हुई है. दिल्लीवासियों को लगातार सातवें दिन 'खराब' वायु गुणवत्ता का सामना करना पड़ा. यहां के कई इलाकों में एक्यूआई 300 के पार चला गया है. इसकी वजह से लोगों को स्मॉग का सामना करना पड़ रहा है.

स्मॉग की वजह से जहरीली होती जा रही दिल्ली, अभी AQI 300 पार कर रहा तो ठंड में क्या होगा?
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नवनीत कुमार
Edited By: नवनीत कुमार

Updated on: 20 Oct 2024 6:00 AM IST

दिल्ली में जैसे जैसे मौसम बदल रहा है वैसे वैसे प्रदूषण का स्तर भी खतरनाक होता जा रहा है. प्रदूषण के कारण दिल्ली एनसीआर में धुंध की चादर दिखाई देना शुरू हो गया है. दिल्ली-एनसीआर में एक्यूआई 334 तक पहुंच गया है. दिल्ली के 15 इलाके पहले ही रेड जोन में पहुंच चुके हैं।

दिल्ली एनसीआर में वायु गुणवत्ता गंभीर श्रेणी में बनी हुई है. दिल्लीवासियों को लगातार सातवें दिन 'खराब' वायु गुणवत्ता का सामना करना पड़ा. यहां के कई इलाकों में एक्यूआई 300 के पार चला गया है. इसकी वजह से लोगों को स्मॉग का सामना करना पड़ रहा है. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने बताया कि अगले तीन दिन तक हवा की गुणवत्ता में सुधार होने की उम्मीद नहीं है.

एक्यूआई खराब होने पर क्या होता है?

जब एक्यूआई खराब श्रेणी में होता है, तो लंबे समय तक संपर्क में रहने से अधिकांश लोगों को सांस लेने में तकलीफ हो सकती है. इसके साथ ही बहुत खराब श्रेणी में होने पर लंबे समय तक संपर्क में रहने पर सांस से जुड़ी बीमारी हो सकती है. इस दौरान सांस और फेफड़े की बीमारी से संबंधित लोगों को घरों में रहने की सलाह दी जाती है.

कहां कहां की हवा है ख़राब?

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार, शहर भर के 13 क्षेत्र रेड जोन में थे. अशोक विहार, द्वारका सेक्टर 8, पटपड़गंज, पंजाबी बाग, रोहिणी, बवाना, बुराड़ी, जहांगीरपुरी, मुंडका, नरेला, ओखला फेज 2, शादीपुर और विवेक विहार में रीडिंग 300 से ऊपर दर्ज की गई थी.

दिल्ली में कौन सा साल रहा सबसे अच्छा?

पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के अनुसार, 2023 में दिल्ली का औसत दैनिक AQI 2018 के बाद से अब तक में सबसे अच्छा था. 2023 में मार्च, अप्रैल, जून और जुलाई में सबसे अच्छे दैनिक औसत AQI रहे हैं.

क्या कहते हैं पर्यावरण विशेषज्ञ?

पर्यावरण विशेषज्ञ बताते हैं कि दिल्ली में अभी भी वाहनों, फैक्ट्रियों का धुआं, धूल प्रदूषण जैसे स्थानीय कारण ही प्रदूषण के अधिक जिम्मेदार बने हुए हैं. इसके साथ ही पंजाब और हरियाणा की पराली का धुआं भी दिल्ली में प्रदूषण के लिए काफी जिम्मेदार होता है. ख़ुशी की बात है कि इस साल दिल्ली के प्रदूषण में धुएं की भागीदारी ज्यादा नहीं है.

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