शादी के बाद अफेयर तो नहीं मिलेगा गुजारा भत्ता, दिल्ली HC की बड़ी टिप्पणी
Delhi High Court: दिल्ली हाई कोर्ट ने एक मामले की सुनवाई करते हुए कहा, अगर शादी के बाद महिला किसी और के साथ अवैध संबंध रखने पर पति से गुजारा भत्ता की हकदार नहीं है. याचिकाकर्ता पति ने बताया कि पत्नी किसी और के साथ रिश्ते में है. हालांकि इस पूरे मामले की जांच की जाएगी कि पति की बातें सच है या नहीं. अपना फैसला सुनाते हुए अदालत ने सीआरपीसी की धारा 125(4) का हवाला दिया.

Delhi High Court: शादी के बाद पति-पत्नी के एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर की खबरें आए दिन सामने आती हैं. अब दिल्ली हाई कोर्ट ने ऐसे ही एक मामले की सुनवाई करते हुए बड़ी टिप्पणी की है. कोर्ट ने कहा, शादी के बाद महिला किसी और के साथ अवैध संबंध रखने पर पति से गुजारा भत्ता की मांग नहीं कर सकती.
हाई कोर्ट के जस्टिस गिरीश पाठक कठपाड़िया की बेंच ने यह टिप्पणी की और पति के पक्ष में फैसला सुनाया. बेंच ने निचली अदालत के इस आदेश को रद्द कर दिया, जिसमें फैमिली कोर्ट ने महिला को हर महीने 10 हजार रुपये गुजारा भत्ता के रूप में देने का फैसला सुनाया था. इसके बाद व्यक्ति ने हाई कोर्ट में अपील की थी.
ऐसे मामले में गुजारा भत्ता गलत- कोर्ट
याचिकाकर्ता पति ने बताया कि पत्नी किसी और के साथ रिश्ते में है. हालांकि इस पूरे मामले की जांच की जाएगी कि पति की बातें सच है या नहीं. उसकी पत्नी किसी अन्य पुरुष के साथ अवैध संबंध में है. कोर्ट ने कहा, ऐसे में पत्नी को अंतरिम गुजारा भत्ता देना उचित नहीं है. अपना फैसला सुनाते हुए अदालत ने सीआरपीसी की धारा 125(4) का हवाला दिया. इस धारा के तहत पत्नी के किसी अन्य व्यक्ति के साथ शारीरिक संबंध होने पर वह पति से गुजारा भत्ता पाने की हकदार नहीं होगी.
पति ने पेश किए सबूत
पति ने अपनी पत्नी के अवैध संबंधों को लेकर कई फोटो और वीडियो सबूत के तौर पर कोर्ट में पेश किए. उसने कहा, मैंने निचली अदालत में भी फोटो और वीडियो बतौर सबूत पेश किए थे लेकिन उसे गंभीरता से नहीं लिया गया. फिर भी अदालत ने गुजारा भत्ता का आदेश दे दिया.
हाई कोर्ट ने सबूतों के आधार पर दोबारा निचली अदालत को सुनवाई करने और निर्णय लेने का आदेश दिया है. हालांकि पत्नी ने अपने ऊपर लगे आरोपों को गलत बताया है. कोर्ट ने कहा, पत्नी को अपनी सफाई में जो भी कहना है वह निचली अदालत में जब दोबारा सुनवाई होगी तभी अपना पक्ष रखे. अब इस मामले की सुनवाई 21 जुलाई को होगी. तब दोबारा फैमिली कोर्ट नए सिरे से दोनों पक्षों को सुनेंगे और अपना अंतिम निर्णय लेगी.