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जनता की अदालत' को संबोधित करेंगे अरविंद केजरीवाल, आगामी विधानसभा चुनाव की कर रहे तैयारी?

आम आदमी पार्टी ने एक बार फिर दिल्ली में स्थित छत्रसाल स्टेडियम में 'जनता की अदालत' कार्यक्रम को संबोधित किया. इस कार्यक्रम में सौरभ भारद्वाज समेत इस कार्यक्रम में सीएम आतिशी, आप नेता मनीष सिसोदिया, गोपाल राय और राघव चड्ढा भी जनता को संबोधित करने पहुंचे आप मंत्री गोपाल राय समेत, राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा और दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कार्यक्रम में शिरकत की.

जनता की अदालत को संबोधित करेंगे अरविंद केजरीवाल, आगामी विधानसभा चुनाव की कर रहे तैयारी?
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( Image Source:  ANI )
सार्थक अरोड़ा
Edited By: सार्थक अरोड़ा

Updated on: 6 Oct 2024 1:01 PM IST

नई दिल्लीः राजधानी दिल्ली में रविवार को आम आदमी पार्टी ने छत्रसाल स्टेडियम में 'जनता की अदालत' कार्यक्रम को संबोधित किया. इस दौरान इस कार्यक्रम में आप पार्टी के कई मंत्री और नेताओं ने शिरकत की.

दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज समेत इस कार्यक्रम में सीएम आतिशी, आप नेता मनीष सिसोदिया, गोपाल राय और राघव चड्ढा भी जनता को संबोधित करने पहुंचे. इस दौरान उपराज्यपाल वीके सक्सेना भी इस कार्यक्रम में मौजूद रहे. सौरभ भारद्वाज ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए बीजेपी पर निशाना साधा है. उन्होंने कार्यक्रम के दौरान कहा कि बीजेपी जिन चीजों का विरोध किया करती थी. उन तमाम चीजों को बीजेपी ने रोकने की कोशिश की है. भारद्वाज ने कहा कि हमने कल देखा कि किस तरह दिल्ली में कल साढे 10 हजार मार्शल पिछले एक साल से दिल्ली की सड़कों पर हैं.

आतिशी बनीं नई मुख्यमंत्री

वहीं अरविंद केजरीवाल के इस्तीफा देने के बाद दिल्ली की बागदौड़ आतिशी के हाथों सौंप दी गई है. अब आतिशी मुख्यमंत्री पद की कमान संभाल रही है. लेकिन कुछ ही समय तक के लिए. फरवरी में होने वाले चुनाव में CM केजरीवाल एक बार फिर मुख्यमंत्री पद पर वापसी करेंगे. अब चुनाव से पहले केजरीवाल जनता का विश्वास जीतने की पूरी कोशिश रहने वाली है.

BJP ने किया था वार

केजरीवल के इस 'जनता की अदालत' कार्यक्रम पर बीजेपी हमलेवार है. पहली बार आयोजित हुए इस कार्यक्रम पर दिल्ली के बीजेपी अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने केजरीवाल पर निशाना साधा था. उन्होंने कहा था कि वह पूर्व भ्रष्टाचारी मुख्यमंत्री से पूछना चाहते हैं कि अगर 10 साल तक जनता की उन्होंने आवाज सुनी होती तो वह आज विधानसभा चुनाव से दो महीने पहले उन्हें 'जनता की अदालत' लगाने की जरुरत नहीं पड़ती.

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