कैसे AAP ने दिल्ली में कांग्रेस का किया सूपड़ा साफ, बीजेपी भी 26 साल से वनवास पर
दिल्ली में पिछले 10 सालों से आम आदमी पार्टी की सरकार है. इस समय आतिशी सीएम हैं. इससे पहले, केजरीवाल ने तीन बार सीएम के रूप में शपथ ली थी. इस बार AAP की नजर जीत की हैट्रिक लगाने पर है. वहीं, बीजेपी 26 साल का वनवास खत्म करने की कोशिश में जुटी हुई है. कांग्रेस भी 10 साल बाद सत्ता पाने का प्रयास कर रही है. आइए आपको बताते हैं कि कैसे AAP ने दिल्ली में कांग्रेस का सूपड़ा साफ कर सत्ता हासिल की थी...

Aam Aadmi Party: दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 के लिए वोट 5 फरवरी को डाले जाएंगे. वहीं, नतीजे 8 फरवरी को आएंगे. पिछले 10 साल से दिल्ली में आम आदमी पार्टी (AAP) की सरकार है. इस बार AAP लगातार तीसरी बार और कुल मिलाकर चौथी बार सरकार बनाने के प्रयास में लगी हुई है. वहीं. बीजेपी 26 साल से सत्ता का वनवास खत्म करने की कोशिश में है.
कांग्रेस 2013 से दिल्ली की सत्ता से बाहर है. इस बार वह भी मुकाबले को त्रिकोणीय करने के प्रयास में जुटी हुई है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि कैसे AAP ने दिल्ली में कांग्रेस का सूपड़ा साफ किया था. आइए इस बारे में विस्तार से जानते हैं...
2013 में AAP ने पहली बार बनाई सरकार
AAP ने पहली बार 2013 में अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में चुनाव में हिस्सा लिया था. इस चुनाव में AAP को 70 में से 28 सीटें जीती थी, जबकि कांग्रेस को महज 8 सीटें मिली. AAP ने कांग्रेस के साथ मिलकर दिल्ली में पहली बार सरकार बनाई. हालांकि, दोनों पार्टियों का ज्यादा समय तक साथ नहीं रहा और फिर राष्ट्रपति शासन लगा दिया गया. 2013 में 11 हजार 978 पोलिंग स्टेशनों पर मतदान हुआ था. AAP को 29.49 फीसदी (23,22,330) वोट, बीजेपी को 33.07 फीसदी (26,04,100) वोट और कांग्रेस को 24.55 फीसदी (19,32,933) वोट मिले थे.
शीला दीक्षित का 'चौका' लगाने का सपना टूटा
शीला दीक्षित 1998 से 2013 तक लगातार तीन बार दिल्ली की सीएम रहीं. उन्होंने 1998 में कांग्रेस को 70 में से 52 सीटें, 2003 में 47 सीटें और 2008 में 43 सीटों पर जीत दिलाई. उनके नाम सबसे ज्यादा समय तक दिल्ली की सीएम रहने का रिकॉर्ड है.
AAP ने 2015 में किया कांग्रेस का सूपड़ा साफ
कांग्रेस का सबसे बुरा वक्त 2015 में आया. इस चुनाव में AAP ने जहां 67 सीटों पर जीत दर्ज की, वहीं कांग्रेस का खाता भी नहीं खुल सका. बीजेपी को 3 सीटें मिलीं. केजरीवाल ने दूसरी बार सीएम पद की शपथ ली.
2020 में भी AAP ने नहीं खुलने दिया कांग्रेस का खाता
2020 में भी AAP ने कांग्रेस का खाता नहीं खुलने दिया. एक तरफ जहां AAP को 62 सीटें मिलीं, वहीं बीजेपी को महज 8 सीटों से संतुष्ट होना पड़ा. इस चुनाव में 1.47 करोड़ मतदाता थे.