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दिल्ली की ‘बीमार’ सार्वजनिक परिवहन-सेवा की सेहत सुधारने की कसरत, कम-खर्च में बेहतर सुविधा के बाद ‘कमाई’ का पूरा बंदोबस्त

दिल्ली सरकार ने खराब हो चुकी सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था को सुधारने के लिए डीटीसी में बड़े बदलाव शुरू किए हैं. जून 2025 के अंत तक 150 और साल के अंत तक 5000 देवी इलेक्ट्रिक बसें शामिल की जाएंगी. रूट रेशनलाइजेशन, विज्ञापन से आय बढ़ाना और बस संचालन लागत घटाने जैसे कदमों से सेवा को सस्ता और लाभदायक बनाने की योजना है. परिवहन मंत्री डॉ. पंकज कुमार सिंह के अनुसार, इसका मकसद आम लोगों को बेहतर, सस्ती और टिकाऊ यात्रा सुविधा देना है.

दिल्ली की ‘बीमार’ सार्वजनिक परिवहन-सेवा की सेहत सुधारने की कसरत, कम-खर्च में बेहतर सुविधा के बाद ‘कमाई’ का पूरा बंदोबस्त
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संजीव चौहान
By: संजीव चौहान

Updated on: 21 Jun 2025 8:31 PM IST

देश की राजधानी दिल्ली को पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और आतिशी से विरासत में मौजूदा भाजपा सरकार (Delhi BJP Government) को हासिल, दिल्ली की ‘बीमार’ सार्वजनिक परिवहन-सेवा (DTC) की सेहत सुधारने की कसरत शुरू कर दी गई है. इसे कसरत कहिए या फिर भागीरथ प्रयास के तहत ही अब दिल्ली वालों को कम-खर्च में बेहतर सस्ती-सार्वजनिक बस-सुविधा उपलब्ध करवा कर, उससे ‘ज्यादा कमाई’ का पूरा बंदोबस्त कर लिया गया है. स्टेट मिरर हिंदी से विशेष बातचीत में यह तमाम अहम बातें राज्य के परिवहन मंत्री पंकज कुमार सिंह ने साझा कीं.

खबर की पुष्टि में दिल्ली के परिवहन मंत्री (Delhi Transport Minster Dr Pankaj Kumar Singh) ने यह भी कहा कि इस योजना को अमल में लाने में अब बिलकुल देर नहीं है, क्योंकि इस योजना को अमली जामा पहनाने की रूपरेखा को शुक्रवार को दिल्ली सचिवालय में आहूत बैठक में अंतिम रूप दिया जा चुका है. इस अहम बैठक में दिल्ली परिवहन विभाग के आला-अफसरान भी मौजूद रहे. बैठक का मुख्य उद्देश्य था कि पूर्व सरकारों (अरविंद केजरीवाल और उसके बाद आतिशी सरकार) द्वारा, राज्य में मौजूदा भाजपा हुकूमत के हाथों में दी गई ‘बीमार’ सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था को कैसे सस्ता और बेहतर बनाकर भी ‘लाभकारी’ बनाया जा सके?

दिसंबर तक डीटीसी बेड़े में होंगी 5000 देवी-बसें

लंबी माथापच्ची के बाद तय हुआ कि देवी-इलैक्ट्रिक-बसों (Delhi DEVI Electric Bus) को जिस तरह से राजधानी (DTC Bus Service) की जनता ने स्वीकार किया है. आमजन की इस पसंद को देखते हुए जल्द से जल्दी डीटीसी (दिल्ली परिवहन निगम) ‘देवी-इलैक्ट्रिक’ बसों के बेड़े में 150 और नई बसें जोड़ें. यह 150 देवी बसें इसी महीने यानी जून 2025 के अंत तक डीटीसी के बेड़े में शामिल कर लिए जाने की तैयारियां पूरी हो चुकी हैं. डीटीसी के बेड़े में इसी साल के अंत तक इस तरह की इलैक्ट्रिक बसों की संख्या बढ़ाकर 5000 करने की योजना पर भी युद्ध-स्तर पर काम चल रहा है.

सुविधा-खर्च के साथ ही 'आय' का भी “जुगाड़”

दिल्ली के परिवहन मंत्री डॉ. पंकज कुमार सिंह के मुताबिक, “रूट रेशनलाइजेशन के लिए डीटीसी ने 109 रूट को वेरीफाई कर लिया है. इस रूट रेशनलाइजेशन का मकसद है कि सार्वजनिक परिवहन के लिए ज्यादा से ज्यादा लोगों को डीटीसी बसों से जोड़ना. बस- कनेक्टिविटी में सुधार करना और सार्वजनिक बस-यात्रा को अधिक आरामदायक बनाकर उस तक ज्यादा से ज्यादा दिल्ली वालों को पहुंचाना." जब इसी महीने के आखिर तक इलेक्ट्रिक बस बेड़े में 150 देवी बस बढ़ाने और साल के अंत तक बेड़े में बसों की संख्या 5000 करने पर खुलकर दिल्ली सरकार खर्च कर रही है. तो उसे अपने परिवहन विभाग के खर्चे पूरे करने के लिए ‘आय’ के भी स्रोत खोजने जरूरी हैं.

महकमे की आय के साधन के लिए विज्ञापन प्रमुख साधन हैं. अगर डीटीसी का खजाना भरा होगा, तो सुविधाओं पर होने वाला खर्चा भी सरकार को नहीं अखरेगा. मतलब मौजूदा हुकूमत की मंशा है कि सिर्फ सरकारी धन सुविधाएं मुहैया कराने पर ही न लुटाया जाता रहे. बेहतर सार्वजनिक परिवहन सुविधाएं निरंतर तभी दे पाना संभव होगा जब, महकमे को आय भी होती रहे. इसके लिए विज्ञापन से बेहतर और कुछ नहीं हो सकता है.

खर्च कम करने के अचूक उपाय में IIT की सलाह

दिल्ली सरकार इसलिए भी सार्वजनिक परिवहन सुविधा बढाना चाहती है, ताकि आमजन टैक्सी और ऑटो वालों की लूट-खसोट से बचे रह सकें. फिलहाल डीटीसी ने 109 रूट को वेरीफाई कर लिया है. रूट रेशनलाइजेशन लेकर दिल्ली परिवहन निगम आईआईटी के साथ मिलकर काम कर रहा है. इसका मकसद डीटीसी की बसों की फ्रीक्वेंसी बढ़ाना, कनेक्टिविटी में सुधार करना और यात्रा को अधिक आरामदायक बनाना है. रूट रेशनलाइजेशन की प्रक्रिया पूरी होने से डीटीसी बसों के मौजूदा मार्गों को पुनर्व्यवस्थित किया जाएगा, ताकि बसों में सफर करने वाले यात्रियों को बेहतरीन और सुगम सेवा प्रदान की जा सके.इस उपाय से अधिक से अधिक लोग डीटीसी की सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था से जुड़ सकें.

अब किसी भी डिपो में बसें खड़ी हो सकेंगीं

बहुत जल्द डीटीसी की बसें अपनी रूटीन की यात्रा पूरी करने के बाद नजदीक वाले, दिल्ली परिवहन निगम की किसी भी डिपो में खड़ी हो सकेंगी. इससे बसों को चलाने की लागत में कमी आने के साथ ही दिल्ली वालों के लिए यात्रा करना भी सुगम होगा. फिलहाल डीटीसी की बसों का संचालन एक निश्चित रूट पर होता है. प्रत्येक रूट के लिए एक विशिष्ट डिपो निर्धारित होता है. बसें अपने निर्धारित रूट पर चलने के बाद उसी डिपो में वापस जाकर खड़ी करना अनिवार्य होता है. अब यह अनिवार्यता खतम हो जाएगी. इससे ईंधन का वाहियात खर्च बचेगा. श्रम और समय की भी बचत होगी.

विज्ञापन से भरेंगे सरकारी खजाना

परिवहन विभाग के अधिकारियों ने बैठक में बताया कि 55000 स्क्वायर फीट एरिया को चिन्हित किया गया है. डीटीसी बस डिपो से लेकर बसों पर विज्ञापन के जरिए कमाई करने की योजना बना ली गई है. विज्ञापन के जरिए दिल्ली परिवहन निगम को रेवेन्यू बढ़ाने में मदद मिलेगी. डीटीसी की वित्तीय सेहत को सुधार कर और ज्यादा मजबूत बनाने के साथ, ग्रीन दिल्ली और क्लीन दिल्ली के संकल्प को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध दिल्ली सरकार, हर उपाय करने के दौरान सार्वजनिक परिवहन प्रणाली में, सबसे पहले या कहिए सर्वोपरि नागरिक-सुविधाओं को ही रखकर आगे बढ़ रही है. क्योंकि सार्वजनिक परिवहन सुविधा अगर सरल और बेहतर नहीं होगी तो फिर, उससे आमजन ही दूर हो जाएगा. और आमजन के सार्वजनिक परिवहन सुविधाओं से दूर होने से इस महकमे का ही बेड़ा गर्क हो जाएगा.

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