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गोलियां और बम धमाकों का जमाना गया, कोई नक्सली मरता है तो... शाह ने बताया कब तक नक्सलमुक्त होगा बस्तर?

अमित शाह ने शनिवार को बस्तर के ऐतिहासिक 'बस्तर पांडुम' महोत्सव के समापन समारोह में बस्तर को नक्सलमुक्त बनाने का संकल्प दोहराया. उन्होंने मंच से नक्सलियों और उनके सहयोगी संगठनों से भावुक अपील की कि वे हथियार छोड़ें और मुख्यधारा में लौटकर विकास की राह में भागीदार बनें. उन्होंने कहा कि जो नक्सली आत्मसमर्पण करेंगे, उन्हें केंद्र और राज्य सरकार की ओर से हर संभव सहायता मिलेगी.

गोलियां और बम धमाकों का जमाना गया, कोई नक्सली मरता है तो... शाह ने बताया कब तक नक्सलमुक्त होगा बस्तर?
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सागर द्विवेदी
By: सागर द्विवेदी

Published on: 5 April 2025 5:07 PM

गृह और सहकारिता मंत्री अमित शाह ने शनिवार को बस्तर के ऐतिहासिक 'बस्तर पांडुम' महोत्सव के समापन समारोह में बस्तर को नक्सलमुक्त बनाने का संकल्प दोहराया. उन्होंने मंच से नक्सलियों और उनके सहयोगी संगठनों से भावुक अपील की कि वे हथियार छोड़ें और मुख्यधारा में लौटकर विकास की राह में भागीदार बनें. उन्होंने कहा कि जो नक्सली आत्मसमर्पण करेंगे, उन्हें केंद्र और राज्य सरकार की ओर से हर संभव सहायता मिलेगी. साथ ही, उन्होंने एलान किया कि जो भी गांव ‘नक्सल मुक्त’ घोषित होगा, उसे ₹1 करोड़ की राशि विकास कार्यों के लिए दी जाएगी.

शांति से ही संभव है विकास

अमित शाह ने स्पष्ट किया कि बस्तर का भविष्य केवल शांति के रास्ते से ही संवारा जा सकता है. उन्होंने शिक्षा, मातृ स्वास्थ्य, युवाओं के पोषण और बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं को प्राथमिकता बताया. साथ ही, राशन कार्ड और आधार लिंकिंग, प्रति व्यक्ति 7 किलो मुफ्त चावल और सभी के लिए स्वास्थ्य बीमा जैसी योजनाओं को जनकल्याण मॉडल का हिस्सा बताया. शाह ने एलान किया कि अब तेन्दूपत्ता ₹5,500 प्रति बोरा की दर से सीधे सरकार द्वारा खरीदा जाएगा और इसका भुगतान सीधे संग्राहकों के खातों में किया जाएगा. इससे बिचौलियों की भूमिका खत्म होगी और आदिवासियों को सीधा लाभ मिलेगा.

बस्तर की संस्कृति को मिलेगा राष्ट्रीय मंच

शाह ने देश की सांस्कृतिक विविधता की सराहना करते हुए बस्तर की लोक संस्कृति को राष्ट्रीय धरोहर बताया। उन्होंने कहा कि बस्तर ओलंपिक हर साल आयोजित होंगे और अगले वर्ष के पांडुम महोत्सव में देशभर की आदिवासी भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी। इसके उद्घाटन के लिए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को आमंत्रित किया जाएगा. शाह ने कहा कि पारंपरिक आदिवासी कला और शिल्प को वैश्विक पहचान दिलाने के लिए सरकार GI टैग दिलाने की दिशा में काम कर रही है.

नक्सलवाद के खिलाफ जन भागीदारी जरूरी

उन्होंने बताया कि 2024 में 881 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया और 2025 के पहले तीन महीनों में ही 520 ने हथियार छोड़े हैं. उन्होंने स्थानीय लोगों से अपील की कि वे आत्मसमर्पण के लिए नक्सलियों को प्रेरित करें. सुकमा के लोगों से बात करते हुए शाह ने भरोसा दिलाया कि अब डरने की जरूरत नहीं है. केंद्र और राज्य की डबल इंजन सरकार ने सुरक्षा का पूरा इंतजाम किया है. अब बस्तर में सड़कें, स्कूल और राष्ट्रीय राजमार्ग बन रहे हैं और एक शांतिपूर्ण, नक्सलमुक्त बस्तर अब केवल सपना नहीं, बल्कि हकीकत बन रहा है.

अमित शाह
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