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हॉस्टल वालों ने छीनी 'कुर्सी' तो 426 स्टूडेंट्स को दिया जहर, अब 14 दिन की पुलिस कस्टडी में गया आरोपी टीचर

Sukma News: सुकमा पुलिस ने स्कूल के बच्चों को खाने में जहर देने वाले आरोपी टीचर को गिरफ्तार किया. हॉस्टल के दुश्मनी और पुराने विवाद का बदला लेने के लिए उसने खाने में फिलाइल मिला दिया. अब आरोपी 14 दिन की पुलिस कस्टडी में हैं.

हॉस्टल वालों ने छीनी कुर्सी तो 426 स्टूडेंट्स को दिया जहर, अब 14 दिन की पुलिस कस्टडी में गया आरोपी टीचर
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( Image Source:  meta ai )

Sukma News: किसी भी बच्चे के जीवन में माता-पिता के बाद सबसे बड़ा दर्जा गुरु यानी टीचर होता है. शिक्षक बच्चों को पढ़ाते हैं और अच्छी शिक्षा देते हैं, जिससे वह अपना भविष्य संवार सकें. लेकिन छत्तीसगढ़ में एक स्कूल टीचर बच्चों की जान का दुश्मन बन गया. दरअसल सुकमा पुलिस ने 426 बच्चों को खाने में जहर देने वाले आरोपी को गिरफ्तार किया है.

आरोपी बच्चों को खाने में फिनाइल मिलाकर देता था. उसे कोर्ट ने 14 दिन की पुलिस कस्टडी में भेजा है. घटना पाकेला पोर्टा केबिन हॉस्टल की बताई जा रही है. आरोपी टीचर ने 21 अगस्त को करीब 426 छात्रों के खाने में फिनाइल मिलाया था. मामले का खुलासा होते ही इलाके में हड़कंप मच गया.

क्या है मामला?

पुलिस ने आरोपी शिक्षक धनंजय साहू को गिरफ्तार कर लिया है. उसकी हॉस्टल वालों से दुश्मनी थी. इसलिए उसने बदला लेने के लिए ऐसा किया. पुलिस ने जानकारी मिलते ही जांच शुरू कर दी. इसके बाद आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया. उसका मकसद सिर्फ और सिर्फ हॉस्टल को बदनाम करना था, जिससे कोई भी मां-बाप अपने बच्चों को वहां न रखें. बच्चों को भी तुरंत अस्पताल में भर्ती गया, जहां उनका इलाज हुआ.

क्यों मिलाया खाने में जहर?

आरोपी शिक्षक और हॉस्टल के वार्डन दुजल पटेल के बीच बीते एक साल से विवाद चल रहा है. दोनों एक-दूसरे के कट्टर दुश्मन बन गए हैं. धनंजय ने एक छात्र की पिटाई कर दी थी, जिससे छात्र को गंभीर चोटें आई थी. इसके बाद धनंजय पर एक्शन लेते हुए उसे अधीक्षक के पद से हटा दिया था और पटेल को यह पोस्ट दी गई. तभी से आरोपी हॉस्टल के खिलाफ हो गया.

पूरे स्टाफ को नौकरी से हटाया

मामले पर संज्ञान लेते हुए कलेक्टर देवेश कुमार ध्रुव ने पाकेला पेटाकेबिन के शिक्षक धनंजय साहू को निलंबित कर दिया. दुजल पटेल पर भी एक्शन लिया. साथ ही सहायक अधीक्षक गौतम कुमार ध्रुव को भी निकाल दिया. अब नई जिम्मेदारी भवन सिंह मंडावी को सौंपी गई.

इस घटना के बाद बच्चों के माता-पिता चिंता में आ गए हैं. उनका कहना है कि अब स्कूल-हॉस्टल में भी बच्चा सुरक्षित नहीं है तो कहां होगा. हम उन्हें पढ़ाने के लिए भेजते हैं, लेकिन मासूमों की जान के साथ खिलवाड़ हो रहा है.

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