'31 को खुलती है शराब की बोतल', कौन हैं क्रिसमस पर बच्चों को 'जोकर' कहने वाले प्रदीप मिश्रा? देखें VIDEO
पंडित प्रदीप मिश्रा के शिव महापुरान कथा के दौरान क्रिसमस को लेकर एक बयान दिया है जिसके बाद उनकी चर्चा तेज हो गई है. छत्तीसगढ़ के रायपुर में पंडित प्रदीप मिश्रा ने कहा कि, 'बच्चों को लाल ड्रेस और टोपी पहन कर जोकर की तरह बना उनका मजाक मत बनाइए.

कथावाचक प्रदीप मिश्रा ने छत्तीसगढ़ के रायपुर में किसमस को लेकर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति और परंपराओं को महत्व दिया जाए और बच्चों को अपने इतिहास व नायकों से जोड़ने का प्रयास किया जाए. उन्होंने क्रिसमस और नए साल जैसे पश्चिमी त्योहारों को मनाने के तरीके पर सवाल उठाते हुए कहा कि इन्हें मनाने के बजाय भारतीय परंपराओं को अपनाया जाए.
'अपने बच्चों को जोकर न बनाइए'
उन्होंने कहा कि 'अपने बच्चों को लाल ड्रेस और टोपी पहनाकर जोकर मत बनाइए और अपने धर्म छोड़कर किसी दूसरे धर्म में जाकर जूठन मत खाइए. इसके बाद उन्होंने कहा कि अपने बच्चों को वीर शिवाजी, महाराणा प्रताप और झांसी की रानी के कपड़े पहनाइए.'
प्रदीप मिश्रा ने कहा कि '31 दिसंबर को शराब और पार्टी के माहौल की आलोचना करते हुए इसे भारतीय मूल्यों और संस्कृति के विपरीत बताया. उन्होंने चैत्र नव वर्ष को सनातनी परंपराओं के अनुसार मनाने की अपील की, जो भारतीय हिंदू कैलेंडर के अनुसार नया साल होता है.'
उनके इस बयान से यह संदेश जाता है कि वह भारतीय संस्कृति और परंपराओं को पुनर्जीवित करने और उन्हें प्राथमिकता देने की वकालत कर रहे हैं. हालांकि, इस तरह के बयानों पर अलग-अलग विचार हो सकते हैं. कुछ लोग इसे भारतीय संस्कृति के संरक्षण के रूप में देख सकते हैं, जबकि अन्य इसे व्यक्तिगत स्वतंत्रता और विविधता के खिलाफ मान सकते हैं.
कौन हैं पंडित प्रदीप मिश्रा?
इस खबर में बात करें बच्चों को जोकर कहने वाले कथावाचक प्रदीप मिश्रा की तो बता दें कि पंडित प्रदीप मिश्रा जाने- माने कथावाचक, आध्यात्मिक गुरु और भजन गायक हैं. वे भारत सहित बाहर के देशों में भी कथा करने जाते हैं. उनकी कथाएं अधिकांशतः शिव पुराण पर आधारित होती हैं. प्रदीप मिश्रा मध्य प्रदेश के सीहोर के रहने वाले हैं. पिछले दिनों मार्च के महीने में होली के आयोजन के दौरान किसी ने उनकी तरफ नारियल फेंका जो उनके सिर पर लगा था. इससे उनके सिर में अंदरुनी चोट आई. इस चोट के चलते पंडित प्रदीप मिश्रा को अप्रैल में होनी वाली कथा के आयोजन को रद्द करना पड़ा था.