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शादी में हीरोइन के ठुमके, दुबई में हवेली, कारों का बेड़ा...कैसी थी Mahadev App Scam के प्रमोटर सौरभ लग्जरी की LIFE?

Mahadev Satta App: महादेव सट्टा ऐप मामले में बुधवार को सीबीआई ने देश भर में 60 ठिकानों पर जबरदस्‍त छापेमारी की जिसके बाद एक बार फिर इस मामले के किंगपिन सौरभ चंद्राकर का नाम चर्चा में आ गया. इस बीच आइए जानते हैं इस महाघोटाले के मास्टरमाइंड सौरभ चंद्राकर की लग्जरी लाइफस्टाइल से जुड़ी पूरी कहानी...

शादी में हीरोइन के ठुमके, दुबई में हवेली, कारों का बेड़ा...कैसी थी Mahadev App Scam के प्रमोटर सौरभ लग्जरी की LIFE?
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सागर द्विवेदी
By: सागर द्विवेदी

Updated on: 27 March 2025 7:04 PM IST

Mahadev Satta App: महादेव सट्टा ऐप मामले में बुधवार को सीबीआई ने देश भर में 60 ठिकानों पर जबरदस्‍त छापेमारी की जिसके बाद एक बार फिर इस मामले के किंगपिन सौरभ चंद्राकर का नाम चर्चा में आ गया. कभी जूस बेचने का काम करने वाला सौरभ चंद्राकर महादेव सट्टेबाजी घोटाले में हजारों करोड़ की ठगी का मुख्य आरोपी कैसे बन गया, इसकी कहानी तो दिलचस्‍प है ही, साथ ही उसकी आलीशान जिंदगी के बारे में जानकर आप भी हैरान रह जाएंगे.

लाखों लोगों को चूना लगाने वाला सौरभ ऐसी ऐशोआराम की जिंदगी बिता रहा था कि अच्छे-अच्छे राजा-महाराजा भी उससे जलने लगें. उसकी आलीशान शादी, जिसमें करीब 200 करोड़ रुपये खर्च हुए, सुर्खियों में आ गई थी. चार्टर्ड फ्लाइट्स, बॉलीवुड सितारों की मौजूदगी और राजसी इंतजामों ने उसे चर्चा का विषय बना दिया.

फिलहाल, सौरभ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) समेत अन्य जांच एजेंसियों के रडार पर है. अक्‍टूबर 2014 में दुबई में उसे गिरफ्तार कर लिया गया था और उसे भारत लाने की कार्रवाई अब भी जारी है. इस बीच आइए जानते हैं इस महाघोटाले के मास्टरमाइंड सौरभ चंद्राकर की लग्जरी लाइफस्टाइल से जुड़ी पूरी कहानी...

यहां महादेव सट्टेबाजी घोटाले के प्रमोटर सौरभ चंद्राकर की रईसी और लक्जरी लाइफस्टाइल से जुड़ी कुछ चौंकाने वाली बातें दी जा रही हैं, जिन्हें पढ़कर आप हैरान रह जाएंगे.

  • सौरभ चंद्राकर दुबई में एक आलीशान और महंगी हवेली में रहता था, जहां हर सुविधा लग्जरी स्टैंडर्ड की थी. और भागने से पहले उनके पास वहां शादी में हीरोइन के ठुमके, दुबई में हवेली, लग्जरी कारों का बेड़ा...कैसी है Mahadev App Scam के प्रमोटर सौरभ की LIFE?

    कारों का एक बेड़ा था.
  • सौरभ चंद्राकर के पास उसके पास दुबई में महंगी ब्रांड्स की कई लग्जरी कारें थीं – जैसे Lamborghini, Rolls Royce, Bentley आदि.
  • सौरभ ने अपनी शादी पर 200 करोड़ रुपये खर्च किए. ये शादी दुबई में हुई थी और इसमें बॉलीवुड सितारों ने परफॉर्म किया. जिसके बाद उसने खूब सुर्खिया बटोरी थी.
  • सौरभ अपने मेहमानों को लाने के लिए नागपुर से प्राइवेट जेट भेजे थे, जिसमें रिश्तेदार और कई सिलेब्रिटी शामिल थे.
  • सौरभ चंद्राकर को लेकर यह भी दावा किया जा रहा है कि वह अलग- अलग देशों में द्वीप खरीदने का भी दावा किया जा गया है.
  • ईडी की रिपोर्ट के मुताबिक, सौरभ ने शादी के सभी खर्च और इंतज़ाम कैश में किए गए, जिससे संदेह और बढ़ गया.

उस समय महादेव ऐप नेटवर्क करीब 60 प्रमुख सट्टेबाजी ऐप्स का संचालन कर रहा है, जिनके सर्वर स्विट्ज़रलैंड और अन्य कई देशों में मौजूद हैं. चार्जशीट के अनुसार, इस नेटवर्क के 3000 से ज्यादा पैनल एक्टिव हैं, जिनमें से हर एक पैनल से औसतन ₹8–10 लाख प्रति सप्ताह और ₹30–40 लाख प्रति माह की कमाई हो रही है. इस हिसाब से पूरे नेटवर्क की कुल मासिक कमाई लगभग ₹450 करोड़ बैठती थी. वहीं सौरभ चंद्राकर ने अवैध कमाई के माध्यम से करीब 6 हजार करोड़ का काला धन कमा लिया था. लेकिन किसी ने ठीक ही कहा है कि एक दिन सच सबके सामने आ ही जाता है और वहीं सौरभ चंद्राकर के साथ हुआ.

सौरभ चंद्राकर के बारे में...

सौरभ चंद्राकर, जो कभी छत्तीसगढ़ के भिलाई में एक जूस सेंटर चलाता था, आज हजारों करोड़ के महादेव सट्टेबाजी घोटाले का प्रमुख चेहरा बन चुका है. साल 2018 तक उसका एकमात्र रोज़गार जूस की दुकान थी, जबकि उसके पिता नगर निगम में पंप ऑपरेटर की नौकरी करते थे.

सौरभ चंद्राकर की काली करतूत

उस दौरान चंद्राकर ऑनलाइन सट्टेबाजी की लत से जूझ रहा था और उसी दुकान से पैसे चुराता था जहाँ वह काम करता था. उसके पुराने दोस्त रवि उप्पल, जो अब महादेव ऐप के सह-प्रमोटर हैं, अक्सर उसकी दुकान पर आते और दोनों सट्टेबाजी पर चर्चा करते थे। ईडी के एक अधिकारी ने बताया, 'चंद्राकर ने ऑनलाइन सट्टे में पैसा कमाया भी और गंवाया भी, लेकिन उसने एक ऐसा भविष्य देखा जहां वो खुद का सट्टेबाजी प्लेटफॉर्म शुरू करेगा.

साल 2019 में वह दुबई चला गया. ईडी को शक है कि भारत में सट्टेबाजी पर लगे कानूनी प्रतिबंधों को देखते हुए चंद्राकर ने विदेश में अपना नेटवर्क खड़ा करने का फैसला किया. शुरुआत में उसने दुबई में महादेव ऐप के दो पैनल बनाए और फिर इन्हें हैदराबाद के पैनल ऑपरेटर्स को सौंपा. इन ऑपरेटर्स में उसके करीबी दोस्त दीपन जोसेफ और यूसुफ अहमद भी शामिल थे, जो उसे दो दशकों से जानते थे.

ईडी की चार्जशीट में बताया गया है कि हर पैनल के संचालन में एक मालिक और चार कर्मचारी शामिल होते थे, जो सीधे चंद्राकर और उप्पल के निर्देशों में काम करते थे. महादेव ऐप के कामकाज के बारे में पूछे जाने पर पैनल ऑपरेटर जोसेफ ने ईडी को बताया, 'महादेव ऐप को चंद्राकर और उप्पल ने 2019-20 में बनाया था. ये एक ऑनलाइन सट्टेबाजी ऐप है, जहां लोग क्रिकेट, फुटबॉल, चुनाव नतीजों और अन्य कई चीजों पर दांव लगाते हैं। मैंने खुद भी बतौर पैनल ऑपरेटर काम किया है.'

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