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महतारी वंदन योजना में धोखाधड़ी; 1000 रुपये के चक्कर में छूटी नौकरी

महतारी वंदन योजना के तहत कई फर्जीवाड़े किए जा रहे हैं. अब छत्तीसगढ़ से ऐसा ही एक मामला सामने आया है, जिसमें एक टीचर ने 1000 रुपये के चक्कर में अपनी नौकरी खो दी.

महतारी वंदन योजना में धोखाधड़ी; 1000 रुपये के चक्कर में छूटी नौकरी
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( Image Source:  Create By AI )
हेमा पंत
Edited By: हेमा पंत

Updated on: 14 Nov 2025 6:00 PM IST

प्रदेश मे महिलाओं की आर्थिक आजादी और पोषण स्तर में सुधार कर सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से मंत्री परिषद द्वारा पूरे छत्तीसगढ़ में "महतारी वंदन योजना" लागू किए जाने का निर्णय लिया गया है, लेकिन अब छत्तीसगढ़ में इस योजना के तहत फर्जीवाड़े के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं.

जहां महासमुंद जिले की ग्राम पंचायत घोड़ारी में एक महिला टीचर फर्जी डॉक्यूमेंट्स के जरिए पिछले 10 महीनों से इस योजना का लाभ उठा रही है. दरअसल यहां के पंचायत सचिव रमाकांत गोस्वामी ने इस योजना में अपनी टीचर पत्नी नीलम गोस्वामी का नाम भी शामिल किया, जहां वह हर महीने 1 हजार रुपये का फायदा मिल रहा है.

टीचर को किया निलंबित

इस मामले में महिला बाल विकास विभाग को शिकायत मिली थी कि केशवा प्राथमिक शाला में हेड टीचर नीलम गोस्वामी इस योजना का लाभ उठा रही हैं. इसके बाद जांच बैठी, जिसमें पता चला है कि रमाकांत ने फर्जी डॉक्यूमेंट देकर एप्लीकेशन अप्लाई किया था. जब इस मामले के बारे में जिला प्रशासन को पता चला, तो उन्होंने तुरंत कार्रवाई की. इसके चलते दोनों को निलंबित कर दिया.

राजनीतिक पार्टियों के आरोप

अब इस मामले में प्रशासन ने टीचर के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है. जहां अब कांग्रेस जिला अध्यक्ष ने भाजपा सरकार पर इस योजना का गलत इस्तेमाल करने के आरोप लगाए हैं. इतना ही नहीं, आंगनबाड़ी के कार्यकर्ताओं ने भी ग्राम पंचायत के सचिव पर कई आरोप लगाते हुए कहा कि "यह सचिव का सोचा-समझा षड्यंत्र है." जहां कांग्रेस के जिला अध्यक्ष डा. रश्मि चंद्राकर ने कहा कि इन घटनाओं से पता चलता है कि सरकारी योजनाओं में भ्रष्ट्राचार की मामले बढ़ रहे हैं. महासमुंद एसडीओपी अजय त्रिपाठी ने कहा कि इस मामले में आरोपियों पर कानूनी कार्रवाई की जा रही है.

कई फर्जीवाड़े आ सकते हैं सामने

इस योजना में महासमुंद जिले से कुल 3,23,363 एप्लीकेशन मिले हैं. ऐसे में अधिकारियों का मानना है कि अगर सही तरीके से जांच की जाए, तो बहुत सारे फर्जी मामले सामने आ सकते हैं. इस मामले में जिला पंचायत सीईओ सच्चिदानंद आलोक ने कहा कि मामले को पारदर्श रखने के लिए जरूरी और सख्त कदम उठाए जाएंगे.

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