हाथ जोड़ा फिर भी नहीं रुकी महिलाएं, रायगढ़ में महिला TI पर हमला; ग्रामीणों ने 10 पुलिसकर्मियों को किया घायल | Video Viral
छत्तीसगढ़ से एक वीडियो सामने आया है जहां कुछ ग्रामीण महिलाएं पुलिसकर्मी को बुरी तरह से पीटती नजर आ रही है. यह प्रदर्शन जिंदल पावर लिमिटेड को मिला कोयला खदान का आवंटन को लेकर चल रहा है. ग्रामीणों का कहना है कि इससे उनकी जमीन अधिग्रहण होगी, जंगल कटेंगे, पानी और पर्यावरण को भारी नुकसान होगा
छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले में तमनार क्षेत्र एक बार फिर सुर्खियों में है. यहां जिंदल कंपनी को आवंटित गारे-पेलमा सेक्टर-1 कोल ब्लॉक के खिलाफ ग्रामीणों का आंदोलन चल रहा है. यह आंदोलन पिछले काफी समय से शांतिपूर्ण तरीके से चल रहा था, लेकिन 27 दिसंबर 2025 को यह अचानक हिंसक हो गया. ग्रामीणों और पुलिस के बीच जबरदस्त झड़प हुई, जिसमें दोनों तरफ के लोग घायल हो गए. कई वाहनों में तोड़फोड़ और आगजनी भी हुई. दरसअल तमनार ब्लॉक के धौराभाठा, लिबरा और आसपास के करीब 14 गांवों के सैकड़ों ग्रामीण पिछले 15 दिनों से ज्यादा समय से धरने पर बैठे थे. जगह थी लिबरा गांव के पास सीएचपी चौक (कोल हैंडलिंग प्लांट चौक).
यह प्रदर्शन जिंदल पावर लिमिटेड को मिला कोयला खदान का आवंटन को लेकर चल रहा है. ग्रामीणों का कहना है कि इससे उनकी जमीन अधिग्रहण होगी, जंगल कटेंगे, पानी और पर्यावरण को भारी नुकसान होगा, और कई गांवों के लोग बेघर हो जाएंगे. ग्रामीणों ने 8 दिसंबर 2025 को हुई जनसुनवाई को 'फर्जी' और नियमों के खिलाफ बताया. वे मांग कर रहे हैं कि यह सुनवाई रद्द की जाए और खदान परियोजना रोक दी जाए. ग्रामीण शांतिपूर्ण धरना दे रहे थे, लेकिन वे जिंदल कंपनी के भारी वाहनों की आवाजाही भी रोक रहे थे, जिससे रोड जाम हो रहा था.
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27 दिसंबर को क्या हुआ?
सुबह पुलिस टीम धरना हटाने और रोड खोलने के लिए पहुंची. ग्रामीणों को समझाने की कोशिश की गई, लेकिन बात नहीं बनी. कुछ रिपोर्ट्स में कहा गया कि एक रोड एक्सीडेंट में ग्रामीण घायल हुए, जिससे गुस्सा भड़क गया. प्रदर्शनकारी भड़क उठे और पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया. महिलाओं सहित ग्रामीणों ने तमनार थाना प्रभारी (महिला टीआई) कमला पुसाम पर हमला किया. उन्हें लाठी-डंडों और लात-घूसों से मारा गया, जिससे वे गंभीर रूप से घायल हो गईं. झड़प में एसडीओपी (सब डिविजनल ऑफिसर पुलिस) और कई अन्य पुलिसकर्मी भी घायल हुए जिसमें कुल 8-10 पुलिसकर्मी चोटिल हुए और कई ग्रामीण भी घायल हुए. गुस्साई भीड़ ने पुलिस की बस, जीप, एंबुलेंस और अन्य सरकारी वाहनों में तोड़फोड़ की और आग लगा दी. कुछ रिपोर्ट्स में 3-8 वाहनों में आगजनी का जिक्र है. भीड़ जिंदल के कोल हैंडलिंग प्लांट में घुस गई और वहां भी तोड़फोड़ की कन्वेयर बेल्ट, ट्रैक्टर आदि को नुकसान पहुंचाया.
बाद में क्या हुआ?
घटना की सूचना मिलते ही रायगढ़ के एसपी दिव्यांग पटेल भारी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे. स्थिति को काबू में करने के लिए अतिरिक्त पुलिस तैनात की गई इलाका पुलिस छावनी में बदल गया. कुछ ग्रामीणों और कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया गया. घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया. उनकी हालत स्थिर बताई जा रही है पूरे क्षेत्र में तनाव बना हुआ है, लेकिन अब स्थिति नियंत्रण में है.
दोनों पक्षों का दावा
पुलिस और प्रशासन का कहना है कि धरना लंबा चल रहा था, रोड ब्लॉक होने से आम लोगों को परेशानी हो रही थी. धरना हटाने की कोशिश में कुछ असामाजिक तत्वों ने हिंसा भड़काई. वहीं ग्रामीणों का कहना कि वे शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे थे. पुलिस ने जबरन धरना हटाने की कोशिश की, लाठीचार्ज किया, जिससे वे भड़के उनका संघर्ष जल-जंगल-जमीन बचाने के लिए है.





