तकरीर के लिए परमिशन! वरना भुगतना पड़ेगा अंजाम, वक्फ बोर्ड का नया फरमान
इस्लाम धर्म में नमाज के बाद तकरीर होती है, जिसमें कुरान और हदीस से जुड़ी बातें बताई जाती हैं. अब छत्तीसगढ़ में वक्फ बोर्ड ने तकरीर को लेकर नया फरमान जारी किया है, जिसमें कहा गया है कि बिना इजाजत के मुतवल्ली तकरीर नहीं करेंगे.

छत्तीसगढ़ में नमाजियों के लिए एक फरमान निकाला गया. वक्फ बोर्ड ने कहा है कि जुम्मे के बाद होने वाली तकरीर के लिए मंजूरी लेनी पड़ेगी. इस मामले में कहा जा रहा है कि तकरीर के विषयों को विवादों से बचाने के लिए वक्फ बोर्ड के सदस्यों ने यह फैसला लिया है.
वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष व भाजपा नेता डॉ. सलीम राज ने पत्र के जरिए छत्तीसगढ़ की सभी मस्जिदों के मुतवल्ली को यह आदेश भेजा है. इस पत्र में कहा गया कि इजाजत मिलने के बाद ही तकरीर होनी चाहिए. बता दें कि यह आदेश पूरे प्रदेश में 22 नवंबर से लागू होगा.
आदेश के खिलाफ जाने पर होगी FIR दर्ज
अगर कोई इस आदेश के खिलाफ जाता है, तो उस पर फआईआर दर्ज कराई जाएगी. इसके साथ ही, उन्होंने बताया कि यह आदेश सिर्फ मुतवल्लियों पर लागू होते हैं. मौलानाओं का इस आदेश से कोई लेना-देना नहीं है.
व्हाट्सएप ग्रुप के जरिए होगी निगरानी
इस मामले में भाजपा नेता डॉ. सलीम राज ने कहा कि इस जानकारी के लिए व्हाट्सएप ग्रुप बनाया गया है, ताकि मुतवल्ली तकरीर के विषय की जानकारी दे सकें. इसके बाद इस मामले में नियुक्त अधिकारी विषय की जांच करेंगे. अगर उन्हें विषय सही नहीं लगेगा, तो अनुमति नहीं मिलेगी.
सलाम रिजवी ने किया विरोध
वक्फ बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष सलाम रिजवी इस आदेश के खिलाफ हैं. इस मामले में सलाम रिजवी ने कहा कि कैसे पूरे राज्य की मस्जिदों पर एक-साथ नजर रखना संभव है? तकरीर कुरान और हदीस की बातें बताई जाती हैं. आज तक ऐसा नहीं हुआ है कि कहीं भी तकरीर के दौरान कुछ भड़काऊ गया हो.
पूरे देश में हो लागू
इस फैसले के बाद वक्फ बोर्ड अध्यक्ष डॉ सलीम राज ने जी मीडिया से बातचीत की. उन्होंने बताया कि इस एलान के बाद उन्हें धमकाया जा रहा है. बता दूं कि इस मामले में मैं शहीद होने के लिए भी राजी हूं. इतना ही नहीं, मैं इस मामले में गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात करूंगा और उनसे इस आदेश को पूरे देश में लागू करने की मांग करूंगा.