2 साल में ही गायब हुई गांव में बनी नई सड़क, सरपंच और अधिकारियों की मिलीभगत से मुश्किल में ग्रामीण
छत्तीसगढ़ के एक गांव से एक मामला सामने आया. जिसने सभी को चौंका डाला है. सरपंच और अधिकारियो की मिलीभगत के कारण ग्रामीणों को काफी तकलीफों का सामना करना पड़ा. मिली जानकारी के अनुसार अधिकारियों ने सरपंच के साथ मिलकर सड़क निर्माण कार्य को अधूरा छोड़ दिया. जिसके कारण ग्रामीणों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा

छत्तीसगढ़ के मस्तूरी विकासखंड के गांव चिल्हाटी में सरपंच और सब इंजीनियर की मिलीभगत से सड़क निर्माण कार्यों में भ्रष्टाचार को अंजाम दिया है. इस भ्रष्टाचार का खुलासा हुआ है. जानकारी सामने आई कि सरकार ने जिस राशि को विकास कार्यों के कार्यों के लिए आवंटित किया था. उसका दुरपयोग हो रहा था.
भ्रष्टाचार उस दौरान उजागर हुआ जब सड़क निर्माण का कार्य अधूरा रहा. बताया गया कि निर्माण कार्य शुरू तो हुआ लेकिन ये पूरा नहीं हो पाया. दो सालों में ही सड़क पूरी तरह से गायब हो चुकी है. नतीजा ग्रामीणों को पेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.अब इस मामले से संबंधित सरपंच और विधायक मिलकर बचने की नई-नई तरकीबें खोज रहे हैं.
बनने से पहले ही गुणवत्ता की हुई जांच
ग्रामीणों को हुई तकलीफ के बाद लगातार सवाल उठना शुरू हुए. इन सवालों का जवाब देते हुए SDO अमित बंजारे ने कहा कि निर्माण के दौरान सड़क के गुणवत्ता की जांच तो की गई थी. इस जांच में सड़क सभी मापदंडो को पार करते हुए सही भी हुई. लेकिन अब ये सवाल उठाया जा रहा है कि यदि सड़क का निर्माण कार्य पूरा नहीं हुआ था तो उसके गुणवत्ता की जांच कैसे हो गई? इसी पर निर्माण के इंचार्ज सब इंजीनियर अभिषेक भारद्वाज कहते हैं कि सड़क पर धान मंडी से हैवी लोडेड गाड़ियां निकलती थीं, जिस वजह से सड़क पर खराबी आई है.
बनने के कुछ ही महीने बाद खराब होने लगी सड़क
सड़क बनने के बाद महज दो महीने के बाद उखड़ना भी शुरू हुई. जिसे लेकर गुणवत्ता पर सवाल उठाए गए. ग्रामीणों ने जानकारी देते हुए कहा कि अधिकारीयों ने सरपंच के साथ मिलीभगत कर तय लंबाई से भी कम दूरी तक सड़क का निर्माण किया था. इसके कारण गुणवत्ता कम हो गई. अब ग्रामीणों ने प्रशासन से इस मामले के खिलाफ निष्पक्ष जांच और त्वरित कार्रवाई करने की मांग की है.