छत्तीसगढ़ में सुरक्षाबलों ने 31 माओवादियों को किया ढेर, गढ़ में घुसकर दिया इस सफल मिशन को अंजाम
छत्तीसगढ़ में एक मिशन के तहत माओवादियों ने गढ़ में घुसकर एक मिशन को अंजाम दिया है. इस मिशन में 31 माओवादियों के ढेर होने की जानकारी सामने आई हैं. 12 घंटे तक चले इस अभियान में सुरक्षाबलों के हाथों सफलता हाथ लगी है.

छत्तीसगढ़ में सुरक्षा बलों ने एक अभियान के तहत 24 साल के इतिहास में नक्सलियों के खिलाफ 24 साल में बड़ा अभियान चलाया है. सुरक्षाबलों द्वारा इस अभियान को माओवादियों के गढ़ अबूझमाड़ में चलाया गया.
इसके तहत 31 माओवादी मारे गए. इस बीच सुरक्षा बलों की ओर से कोई हताहत नहीं जानकारी नहीं आई है. इस संबंध में दंतेवाड़ा में ADG ने स्मृति राजनाला ने कहा कि सुरक्षाबरलों ने अंधेरे में माओवादियों के इलाके में 16 किलोमीटर की दूरी तय की. इसका लक्ष्य बिना किसी अलार्म के किसी ठिकाने तक पहुंचना था.
12 घंटे में पूरा हुआ मिशन
सुरक्षाबलों द्वारा इस मिशन को पूरा करने के लिए 12 घंटे में पूरा करने के लिए योजना बनाई गई है. सुबह होने से पहले ही माओवादियों को घेरने का लक्ष्य तय किया गया था. ऐसा इसलिए क्योंकी ताकी कोई भाग न सके. अधिकारियों ने कहा कि शुक्रवार को हुई मुठभेड़ छत्तीसगढ़ के इतिहास में इस तरह की सबसे बड़ी मुठभेड़ थी.
कई चुनौतियों का किया सामना
यह अभियान आसान नहीं था. इस अभियान के तहत सुरक्षाबलों को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा. जैसे इंद्रावती नदी को पार करना और खराब दृश्यता में पहाड़ी इलाकों से गुजरना शामिल था. इसी के साथ उनहें IED से होने वाले खतरे का भी ध्यान रखना था. वहीं सुबह होने से पहले सुरक्षा बलों ने माओवादियों को घेर लिया और 5-6 किलोमीटर का घेरा बना लिया.
वहीं सुरक्षाबल और नक्सलियों के बीच हुई मुठभेड़ सात से आठ घंटे तक चली. इसमें 2 हजार से भी अधिक गोलियां और सैंकड़ों ग्रेनेड दागे गए हैं. इस दौरान एक जवान को मामूली चोट आई और उसे सुरक्षित निकाल लिया गया. डीआरजी के जवान कई घातक मुठभेड़ों का हिस्सा रहे हैं और रात में ऑपरेशन करने का उनका अनुभव उनके लिए बहुत फायदेमंद रहा. इससे पहले सुरक्षाबलों ने 30 नक्सलियों को मार गिराया था.