जात पांत से कब मिलेगा छुटकारा? पटना के स्कूल में छात्रों ने लगाया भेदभाव का आरोप, वीडियो वायरल होने के बाद जांच के आदेश
पटना जिले के फतुहा ब्लॉक स्थित अलावलपुर गांव के एक सरकारी प्राथमिक स्कूल में जाति आधारित भेदभाव के गंभीर आरोप लगे हैं. सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक वीडियो में स्कूल के छात्र खुद कैमरे के सामने अपनी व्यथा सुना रहे हैं. बच्चे बता रहे हैं कि उन्हें जाति के नाम पर अलग-अलग बैठाया जाता है. इसके अलावा स्कूल में अन्य गंभीर अनियमितताएं भी सामने आई हैं। शिक्षकों की अनुपस्थिति आम बात है, जिससे क्लासें नियमित नहीं चलती.
पटना जिले के अलावलपुर गांव में स्थित एक सरकारी स्कूल में जाति के आधार पर भेदभाव होने के गंभीर आरोप लगे हैं. इस मामले की जांच के लिए जिला प्रशासन ने आदेश दे दिए हैं. सोशल मीडिया पर एक वीडियो बहुत तेजी से फैल रहा है, जिसमें स्कूल के कुछ छात्र खुद अपनी शिकायतें बता रहे हैं. वे कह रहे हैं कि उन्हें अलग-अलग बैठाया जाता है. 'उच्च जाति' वाले छात्रों के साथ बैठने, बात करने या घुलने-मिलने की इजाजत नहीं दी जाती.
कई बार तो उन्हें मिड-डे मील यानी स्कूल का खाना भी नहीं दिया जाता. वीडियो में एक छात्र ने साफ-साफ कहा, 'वे दूसरे छात्रों से पूछते हैं कि तुम उनके साथ क्यों बैठते हो? वे हमें अलग जगह पर बिठाते हैं.' छात्र ने यह भी बताया कि अगर कोई उच्च जाति का बच्चा निचली जाति के बच्चे के पास बैठ जाए, तो उसे तुरंत दूसरी जगह भेज दिया जाता है. इससे बच्चों को बहुत दुख होता है और वे स्कूल आने में डरते हैं.
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टीचर्स अक्सर स्कूल नहीं आते
इसके अलावा, छात्रों ने स्कूल की अन्य समस्याओं के बारे में भी बताया. जैसे कि टीचर्स अक्सर स्कूल नहीं आते, जिससे क्लासें रेगुलर नहीं होतीं. स्कूल में दिया जाने वाला खाना भी अच्छी गुणवत्ता का नहीं होता. सबसे बुरी बात यह है कि बच्चों से जबरदस्ती सफाई का काम या शारीरिक मेहनत कराई जाती है, जो गलत है.
जानबूझकर बहका रहे है
हालांकि, स्कूल के एक शिक्षक ने इन सभी आरोपों को पूरी तरह से गलत बताया है. उन्होंने कहा कि स्कूल में कभी भी बच्चों के साथ जाति के आधार पर भेदभाव नहीं किया गया. कुछ लोग जानबूझकर बच्चों को बहका रहे हैं और स्कूल को राजनीतिक लड़ाई का अखाड़ा बना रहे हैं. इस पूरे मामले पर पटना के जिला मजिस्ट्रेट थियागराजन एस.एम. ने इंडियन एक्सप्रेस अखबार को बताया कि वे बहुत गंभीर हैं.
जांच में मामला
उन्होंने जिला शिक्षा अधिकारी (डीईओ) को निर्देश दिया है कि जल्द से जल्द पूरी घटना की जांच करें और अपनी रिपोर्ट सौंपें. जांच के बाद ही सच्चाई सामने आएगी और अगर आरोप सही पाए गए, तो दोषियों पर सख्त कार्रवाई होगी. जिला शिक्षा अधिकारी से इस बारे में सवाल पूछे गए, लेकिन उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया. यह मामला इसलिए भी ज्यादा चर्चा में है क्योंकि जाति के आधार पर भेदभाव हमारे समाज में एक पुरानी समस्या है, खासकर स्कूलों में. बच्चों को स्कूल में सुरक्षित और बराबरी का माहौल मिलना चाहिए, ताकि वे अच्छे से पढ़ाई कर सकें. उम्मीद है कि जांच जल्द पूरी होगी और स्कूल में सभी बच्चों के साथ बराबर व्यवहार होगा.





